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उत्तर प्रदेश: पुलिस कह रही नहीं चलाई कोई गोली, वीडियो में फायरिंग करते दिखा पुलिसकर्मी

उत्तर प्रदेश: पुलिस कह रही नहीं चलाई कोई गोली, वीडियो में फायरिंग करते दिखा पुलिसकर्मी

Dec 22, 2019
11:18 am

क्या है खबर?

नागरिकता कानून के खिलाफ पूरे उत्तर प्रदेश में हो रहे प्रदर्शनों में 17 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से कई की मौत गोली लगने से हुई है लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस गोली चलाने की बात से लगातार इनकार कर रही है। अब कानपुर से एक ऐसा वीडियो सामने आया है जो पुलिस के इस दावे को झूठा साबित करता है। इस वीडियो में एक पुलिसवाले को अपनी रिवॉल्वर से गोली चलाने हुए देखा जा सकता है।

वीडियो

कानपुर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प का है वीडियो

बता दें कि कानपुर में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनाकारियों में झड़प हुई थी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कुछ जगह हिंसा भी की। इसी दौरान के इस वीडियो में एक पुलिसकर्मी को हाथ में रिवॉल्वर लेकर प्रदर्शनकारियों की तरफ जाने और एक कोने में खड़े होकर फायरिंग करते हुए देखा जा सकता है। शनिवार को कानपुर में प्रदर्शन के दौरान एक पुलिस कॉन्स्टेबल समेत तीन लोगों के गोली लगने से घायल होने की खबर है।

ट्विटर पोस्ट

उत्तर प्रदेश पुलिस के झूठ की पोल खोल रहा वीडियो

प्रतिक्रिया

उत्तर प्रदेश पुलिस प्रमुख बोले- हमने एक गोली भी नहीं चलाई

वीडियो में दिखते सबूत के विपरीत उत्तर प्रदेश पुलिस प्रमुख ओपी सिंह ने शनिवार को NDTV से बातचीत करते हुए कहा कि पुलिस ने एक गोली भी नहीं चलाई है। वहीं एक अन्य पुलिस अधिकारी ने प्रदर्शनकारियों पर बंदूकों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। इंस्पेक्टर जनरल (कानून व्यवस्था) प्रवीन कुमार ने कहा, "पूरे उत्तर प्रदेश में अब तक 400 खाली कारतूस बरामद किए जा चुके हैं। इससे साबित होता है कि प्रदर्शनकारियों देशी हथियारों से गोली चला रहे थे।"

जानकारी

आपस में फायरिंग में प्रदर्शनकारियों के मरने की बात कहती रही है पुलिस

इससे पहले भी पुलिस कहती रही है कि उसने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां नहीं चलाईं और आपस में हुई फायरिंग की वजह से प्रदर्शनकारियों की मौत हुई है। लेकिन अब ये वीडियो पुलिस के इस दावे पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

मौत

शुक्रवार को हुई थी 14 लोगों की मौत

बता दें कि शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में हिंसक प्रदर्शन हुए, जिनमें 14 लोगों की मौत हो गई। पुलिस और डॉक्टरों ने शनिवार को बताया कि सबसे अधिक मौतें मेरठ में हुई हैं। मेरठ में पांच, कानपुर, बिजनौर और फिरोजाबाद में दो-दो और मुजफ्फरनगर, संभल और वाराणसी में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। वाराणसी में शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों पर पुलिस के लाठीचार्ज के बाद मची भगदड़ में एक आठ साल का बच्चे की मौत हुई थी।

पुलिस का नुकसान

263 पुलिसकर्मी भी हुए घायल

पुलिस ने भी इस दौरान 263 पुलिसकर्मियों के घायल होने की बात कही है जिनमें से 57 गोली लगने से घायल हुए हैं। हिंसा की घटनाओं के मामले में 124 केस दर्ज किए गए हैं और 705 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि किसी उपद्रवी को बख्शा नहीं जाएगा और सरकार उपद्रव करने वाले लोगों की पहचान कर उनकी संपत्ति नीलाम करेगी और इस पैसे से नुकसान की भरपाई होगी।

कारण

क्यों सड़कों पर हैं लोग?

बता दें कि नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में लोग सड़कों पर हैं और इसका विरोध कर रहे हैं। इस कानून में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में धार्मिक अत्याचार के कारण भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। मुस्लिमों के इससे बाहर रखने जाने के कारण इसे भारत के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ बताया जा रहा है और इसका विरोध हो रहा है।