हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव: दुनिया के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र पर हुआ 100 प्रतिशत मतदान
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को मतदान समाप्त हो गया है। खास बात यह है कि यहां स्थित दुनिया के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र पर रजिस्टर सभी मतदाताओं ने मतदान किया। शनिवार को एक चरण में राज्य की सभी 68 सीटों पर हुए चुनाव में 75 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। अब 412 उम्मीदवारों की सियासी किस्मत का फैसला 8 दिसंबर को होगा, जब नतीजों का ऐलान किया जाएगा।
लाहौल स्पीति में है दुनिया का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र
इंडिया टुडे के अनुसार, लाहौल स्पीति जिले के ताशीगंग गांव में दुनिया का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र बनाया गया था। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 15,256 फीट है। यहां रजिस्टर 52 में से 52 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है। वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग मतदाताओं के लिए मतदान सरल बनाने के लिए इसे आदर्श मतदान केंद्र बनाया गया था। यहां मतदाताओं के लिए विभिन्न प्रकार की मिठाईयां तैयार की गईं और शॉल उड़ाकर उनका स्वागत किया गया।
राज्य में हुआ है 75 प्रतिशत से अधिक मतदान
हिमाचल प्रदेश में इस बार 75 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है, जो पिछले चुनावों की तुलना में मामूली अधिक है। मतदान समाप्त होने के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही अपनी-अपनी जीत की उम्मीद जताई है।
जयराम ठाकुर बोले- फिर बनाएंगे सरकार
मतदान के बाद हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा, "हम फिर से सरकार बनाने को लेकर आश्वस्त हैं। लोगों ने बड़ी संख्या में आकर लोकतंत्र के उत्सव में हिस्सा लिया। हर वोट से समृद्ध हिमाचल बनाने में मदद मिलेगी।" वहीं हिमाचल कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी को पहले के कामों के आधार और 10 गारंटी के आधार पर जीत मिलेगी। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनाने में सभी सहयोग करेंगे।
हिमाचल में हर पांच साल में बदलती है सरकार
पिछले लगभग चार दशकों में हिमाचल में हर पांच साल में सरकार बदलती है। हालांकि, इस बार भाजपा इस रिवाज को बदलने का दावा कर रही है और उसे उम्मीद है कि भाजपा उम्मीदवारों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर वोट मिलेंगे। वहीं कांग्रेस को परंपरा जारी रहने की उम्मीद है। उसका कहना है कि इस बार टिकट वितरण बेहतर तरीके से हुआ है और वो हिमाचल प्रदेश में अपनी सरकार बनाने में सफल होगी।
भाजपा और कांग्रेस के बीच है मुख्य मुकाबला
हिमाचल में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है, हालांकि AAP की एंट्री ने मुकाबले को कुछ हद तक त्रिकोणीय बना दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हिमाचल से ही आते हैं, ऐसे में यह चुनाव उनके और भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है। हालांकि स्थानीय नेताओं की बगावत ने उसके लिए परिस्थितियां मुश्किल की हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस हर बार सरकार बदलने के चलन का फायदा उठाकर वह सत्ता में वापसी चाहती है।
पार्टियों ने क्या वादे किए हैं?
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में पांच लाख युवाओं को रोजगार देने, OPS को दोबारा लागू करने, सेब के लिए MSP घोषित करने और सड़कों के निर्माण में तेजी लाने का वादा किया है। AAP ने भी छह लाख युवाओं को रोजगार देने, OPS को वापस लागू करने और फलों पर MSP देने का वादा किया है। वहींं भाजपा ने आठ लाख युवाओं को रोजगार देने से लेकर यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने जैसे वादे किए हैं।
पिछले चुनाव में क्या रहे थे नतीजे?
2017 हिमाचल विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 68 में से 44 सीटों पर कब्जा किया था, वहीं कांग्रेस महज 21 सीटों पर सिमट कर रह गई थी। CPM को भी एक सीट मिली थी और बाकी दो सीटों पर निर्दलीय जीते थे।