दिल्ली: जाफराबाद में CAA के खिलाफ महिलाओं ने की सड़क जाम, मेट्रो स्टेशन किया गया बंद
दिल्ली के जाफराबाद में लगभग 500 महिलाएं एक मुख्य सड़क पर नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ धरने पर बैठ गई हैं। शनिवार रात को महिलाओं ने अपने ये धरना शुरू किया जिसके बाद धीरे-धीरे प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ती गई। दिल्ली पुलिस लगातार महिलाओं को समझा कर सड़क को खाली कराने की कोशिश कर रही है। इस बीच दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने जाफराबाद मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया है।
मेट्रो स्टेशन के पास धरने पर बैठीं महिलाएं
खबरों के अनुसार, जाफराबाद में पिछले कई दिनों से शाहीन बाग की तर्ज पर CAA के खिलाफ धरना चल रहा है। शनिवार रात को ये महिलाएं जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास सीलमपुर को मौजपुर और यमुना विहार से जोड़ने वाली सड़क नंबर 66 पर धरने पर बैठ गईं। शुरूआत में महिलाओं की संख्या लगभग 200 थी, लेकिन बाद में भीड़ बढ़ती गई और महिलाओं की संख्या 500 के आसपास पहुंच गई। इस दौरान उन्होंने आजादी के नारे लगाए।
महिलाओं ने चंद्रशेखर आजाद के भारत बंद का भी किया समर्थन
धरने पर बैठी महिलाएं भीमा आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के भारत बंद के आह्वन का समर्थन भी कर रही हैं। कई महिलाओं ने अपने हाथ पर नीली पट्टी बांधी हुई है और उन्होंने जय भीम के नारे लगाए। बता दें कि आरक्षण के एक मौलिक अधिकार न होने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर चंद्रशेखर आजाद ने आज आरक्षण के समर्थन में भारत बंद बुलाया है। वे खुद इसके खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे।
सड़क खाली कराने के प्रयासों में लगी पुलिस
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वेद प्रकाश सूर्या ने जानकारी देते हुए बताया कि सड़क को खाली कराने के प्रयास किए जा रहे हैं और इलाके में पुलिस तैनात कर दी गई है। उन्होंने कहा, "हम प्रदर्शनकारियों से बात कर रहे हैं ताकि वो चले जाएं। वो एक बड़ी सड़क को इस तरीके से बंद नहीं कर सकते। हमने अर्धसैनिक बलों को भी बुलाया है।" इस बीच महिलाओं ने CAA वापस लेने तक धरना खत्म करने से इनकार कर दिया है।
शाहीन बाग में लगभग 70 दिन से जारी है धरना
जाफराबाद में ये महिलाएं ऐसे समय पर धरने पर बैठी हैं जब शाहीन बाग में सड़क पर महिलाओं का धरना एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। शाहीन बाग की ये महिलाएं 15 दिसंबर से ही CAA के खिलाफ धरने पर बैठी हुई हैं और देशभर में CAA विरोधी प्रदर्शनों के लिए एक प्रेरणा बन गई हैं। हालांकि उनके प्रदर्शन के कारण आने-जाने वालों को समस्या भी हो रही है और दिल्ली विधानसभा चुनाव में इसे लेकर खूब बयानबाजी हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्त किए हैं दो वार्ताकार
इस बीच मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई जिसने शाहीन बाग की प्रदर्शनकारी महिलाओं से बातचीत करने के लिए दो वार्ताकार- वरिष्ठ वकील साधना रामचंद्रन और संजय हेगड़े- को नियुक्त किया। ये दोनों अभी तक दो बार प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए शाहीन बाग आ चुके हैं। हालांकि इस दौरान वे प्रदर्शनकारियों को मनाने में नाकाम रहे। इस बीच शनिवार को दिल्ली से नोएडा जाने वाली एक सड़क को खोल दिया गया।