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देश की राजधानी में अन्य महानगरों की तुलना में चार गुना बढ़ी अपराध दर

देश की राजधानी में अन्य महानगरों की तुलना में चार गुना बढ़ी अपराध दर

Jan 10, 2020
09:39 pm

क्या है खबर?

सरकार जहां एक और लोगों को सुकून भरी जिंदगी देने का वादा कर रही है, वहीं दूसरी ओर देश में अपराधों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा जारी 2018 के आंकड़ों से तो यही साबित हो रहा है। रिकॉर्ड के अनुसार देश में अपराधों की संख्या में 2017 के मुकाबले 11.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। देश की राजधानी दिल्ली में अन्य महानगरों की तुलना में अपराध दर चार गुना बढ़ी है।

हिंसक अपराध

अकेले दिल्ली में कारित हुए 41 प्रतिशत गंभीर अपराध

राजधानी में प्रति लाख लोगों में 1,273 पर आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं, वहीं अपराधों की राष्ट्रीय औसत 238 है। हालांकि, 2018 में हिंसक अपराधों में पिछले वर्ष की तुलना में मामूली गिरावट आई है, लेकिन अन्य महानगरीय शहरों में दर्ज किए गए कुल गंभीर अपराधों में से 41% अकेले दिल्ली में कारित हुए हैं। महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों में देश की कुल औसत 131 के मुकाबले दिल्ली में यह प्रति लाख जनसंख्या पर 149 मामले हैं।

हत्या

सरकार की आंख के नीचे बढ़ी हत्याएं

दिल्ली में 2018 में प्रति लाख लोगों पर 2.6 हत्या हुई और यह दर बैंगलुरू और इंदौर की उच्चतम दर के करीब थी। दिल्ली में सरकार की आंख के नीचे कुल 26 हत्याएं अधिक हुई। 2017 में जहां 487 हत्या हुई थी, वहीं 2018 में यह ग्राफ बढ़कर 513 पहुंच गया। इनमें 20 प्रतिशत हत्या आपसी रंजीश व शेष अन्य कारणों से हुई थी। ऐसे में यह रिपोर्ट राजधानी में पुलिस की सक्रियता पर सवाल खड़े कर रही है।

हादसे

हादसों में भी देश की राजधानी सबसे आगे

2018 में हुए सड़क हादसों की बात की जाए तो इसमें भी दिल्ली अव्वल है। यहां सड़क हादसों में 1,445 लोगों की जान गई, वहीं चेन्नई में 1,260 मौत हुई है। कुल मौत में से 775 टक्कर मारकर भागने से हुई है। करीब 50% हादसें ग्रामीण इलाकों में रात 9 से सुबह 6 बजे के बीच हुए हैं। अपहरण के मामलों में 0.5% की गिरावट आई है। कुल दर्ज मामलों में से एक तिहाई अकेले दिल्ली में दर्ज हुए हैं।

कमी

किशोर अपराधों में आई कमी

2018 में किशोरों द्वारा किए जाने वाले अपराधों में कमी आई है। 2017 में जहां 2,965 अपराध दर्ज हुए थे, वहीं 2018 में यह ग्राफ गिरकर 2,727 पर आ गया है। वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ हुए अपराधों में भी 3.4% की वृद्धि देखी गई थी। 2017 में इस संबंध में 753 मामले दर्ज हुए थे तो 2018 में 780 है। यौन उत्पीड़न की दर दिल्ली में प्रति लाख महिलाओं पर 7, मुंबई में 3.9 व बेंगलुरू में 3.8 है।

वाहन चोरी

वाहन चोरी में भी शिखर पर है राजधानी

वाहन चोरी में भी सर्वाधिक 42,611 मामलों के साथ दिल्ली शिखर पर काबिज है। डकैती के 2,154 मामलों में राष्ट्रीय औसत के साथ दिल्ली सबसे आगे है। हालांकि, यह 2017 में दर्ज किए गए 3,147 मामलों से काफी कम है। दिल्ली अन्य महानगरीय शहरों की तुलना में पंजीकृत 1,78,953 मामलों के साथ इस सूची में सबसे ऊपर है। इनमें से 6,024 मामले स्नैचिंग के थे। 2018 हत्या के प्रयास के 473 और डकैती के 24 मामले दर्ज किए गए हैं।

बुरा हाल

इन शहरों का है दिल्ली से भी बुरा हाल

अपराधों की कुल संख्या में देश की राजधानी दिल्ली की हालत अन्य महानगरीय शहरों की तुलना में खराब रही है, लेकिन अपराध दर, जो कि सुरक्षा का एक बेहतर संकेतक है के मामले में कुछ शहरों का दिल्ली से भी बुरा हाल है। बेंगलुरु की हत्या की दर 7.1 दिल्ली की तुलना में कहीं अधिक है और गाजियाबाद 15.6 व कोच्चि 14 में यौन उत्पीड़न दर दिल्ली की तुलना में दोगुनी है।

बयान

E-FIR से बढ़े मामले

आपराधिक रिकॉर्ड में दिल्ली की बिगड़ी हालत को देखकर दिल्ली पुलिस के PRO मनदीप सिंह रंधावा का कहना है कि जघन्य अपराधों में कमी आई है। जो अपराध की स्थिति का प्रमुख संकेतक है। कुछ श्रेणियों के अपराधों के तहत ई-एफआईआर वाली जनहित सेवा के कारण कई मामलों में बढ़ोत्तरी देखी गई है। आंकड़े सक्रिय पुलिसिंग, E-FIR दर्ज करने और सड़कों पर पुलिस की उपस्थिति में वृद्धि के संकेत हैं।