JNU कुलपति जगदीश कुमार बोले- हॉस्टल में रह रहे बाहरी लोग, हिंसा में थे शामिल
क्या है खबर?
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के कुलपति एम जगदीश कुमार ने रविवार को कैंपस के अंदर हुई हिंसा के लिए बाहरी लोगों को जिम्मेदार ठहराया है।
शनिवार को छात्रों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कैंपस के हॉस्टलों में कई अवैध छात्र रह रहे हैं और ये हिंसा में भाग ले रहे हैं क्योंकि इनका यूनिवर्सिटी से कुछ लेना-देना नहीं है।
इससे पहले कल दिल्ली पुलिस JNU के नौ छात्रों पर हिंसा में शामिल होने का आरोप लगा चुकी है।
बयान
क्या कहा कुलपति ने?
कुलपति जगदीश कुमार ने कहा, "यह एक समस्या है कि कई अवैध छात्र हॉस्टल में रह रहे हैं। वो बाहरी हो सकते हैं। वो शायद हिंसा में भी भाग ले रहे हैं क्योंकि उनका यूनिवर्सिटी से कोई लेना-देना नहीं है।"
उन्होंने कहा, "कुछ एक्टिविस्ट छात्रों द्वारा पैदा किए आतंक के कारण हमारे कई छात्रों को हॉस्टल छोड़ने पड़ रहे हैं। निर्दोष छात्रों को कोई परेशानी न हो, इसलिए हमने पिछले कई दिनों से कैंपस में सुरक्षा बढ़ाई हुई है।"
दिल्ली पुलिस जांच
क्राइम ब्रांच की SIT ने किया था नौ छात्रों के नाम का खुलासा
इससे पहले कल शुक्रवार को मामले की जांच कर रहे दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के विशेष जांच दल (SIT) के प्रमुख जॉय टिरके ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हिंसा में शामिल रहे नौ छात्रों के नामों का खुलासा किया था।
उन्होंने आइशी घोष, चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, वास्कर विजय मेच, सुचेता तालुकदार, प्रिया रंजन, विकास पटेल, योगेंद्र भारद्वाज और डोलन सामंता का नाम लिया था।
टिरके ने कहा था कि अभी उनकी जांच शुरूआती दौर में है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस
टिरके ने वामपंथी छात्र संगठनों का लिया नाम, ABVP को छोड़ा
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान SIT प्रमुख टिरके ने JNU में हुई हिंसा के लिए स्टूडेंट फ्रंट ऑफ इंडिया (SFI), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (DSF) छात्र संगठनों के सदस्यों को जिम्मेदार ठहराया था।
उन्होंने अपनी प्रेस कांन्फ्रेंस में कहीं भी अखिल भारतीय विद्यार्थी (ABVP) का नाम नहीं लिया जबकि उसने जिन छात्रों के नामों का खुलासा किया उनसें से कुछ छात्र ABVP से ही संबंध रखते हैं।
जानकारी
JNU छात्र संगठन ने उठाए पुलिस पर सवाल
इस पर JNUSU के महासचिव सतीश यादव ने कहा, "पुलिस सभी वामपंथी संगठनों का नाम लेकर केस को नया मोड़ देने की कोशिश कर रही है। पुलिस ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में ABVP का नाम तक नहीं लिया। ये राजनीतिक तौर पर प्रेरित जांच है।"
सवाल
नकाबपोशों की पहचान करने में अब तक नाकाम रही है SIT
इसके अलावा इस बात को लेकर भी सवाल उठ रहा है कि SIT ने हिंसा में शामिल होने के लिए छात्रों की जो तस्वीरें पेश की हैं वो मुख्यतौर पर 4 जनवरी तक हुई हिंसा की हैं।
असली सवाल 5 जनवरी को नकाबपोश गुंडों की हिंसा को लेकर है जो बाहर से आए और छात्रों और शिक्षकों को पीटकर चले गए।
पुलिस इन नकाबपोशों में से किसी की भी पहचान करने में नाकाम रही है।
मीडिया पड़ताल
मीडिया की पड़ताल में सामने आया हिंसा में ABVP का हाथ
क्राइम ब्रांच की SIT भले ही नकाबपोश गुंडों की पहचान करने में नाकाम रही हो, लेकिन कुछ मीडिया संगठन जरूर इसमें कामयाब रहे हैं।
'इंडिया टुडे' की जांच में ABVP से जुड़े छात्रों ने 5 जनवरी की शाम हिंसा करने की बात स्वीकार की है और वो ऐसा दावा करते हुए कैमरे में कैद हुए हैं।
वहीं 'ऑल्ट न्यूज' की पड़ताल में नकाबपोश गुंडों में शामिल एक छात्रा की पहचान ABVP की कोमल शर्मा के तौर पर की गई है।