कोरोना वायरस की दवा बनाने के दावे पर पलटी पतंजलि, कहा- हमने कभी ऐसा नहीं कहा
कोरोना वायरस की दवा बनाने के अपने दावे पर पंतजलि आयुर्वेद ने यू-टर्न से लिया है। आयुष मंत्रालय को भेजे अपने स्पष्टीकरण में कंपनी ने कहा है कि उसने कभी भी कोरोना वायरस की दवा बनाने का दावा नहीं किया था, बल्कि केवल लोगों पर इसके सफल टेस्ट के बारे में जानकारी साझा की थी। वहीं पतंजलि आयुर्वेद के अध्यक्ष आचार्य बालकृष्ण ने भी कहा है कि उन्होंने कभी भी कोरोना वायरस की दवा बनाने का दावा नहीं किया था।
23 जून को बाबा रामदेव ने लांच की थी "कोरोना वायरस की दवा"
23 जून को आचार्य बालकृष्ण के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेश हो बाबा रामदेव ने कोरोना वायस की पहली आयुर्वेदिक दवा बनाने का दावा किया था। रामदेव ने कहा था कि 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' नामक इस दवा का ट्रायल जयपुर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (NIMS) के साथ मिलकर किया गया था। उनके मुताबिक ट्रायल में शामिल 280 मरीजों में से 69 प्रतिशत पहले तीन दिन और 100 प्रतिशत सात दिन के अंदर ठीक हो गए थे।
रामदेव ने कहा था- श्वसन तंत्र को मजबूत करती है दवा
रामदेव ने बताया था कि दिव्य कोरोनिल टैबलेट को अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी, श्वसारि रस और अणु तेल के मिश्रण से बनाया गया है और ये श्वसन तंत्र को मजबूत करती है, जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण का असर नहीं होता।
लॉन्च के चंद घंटों बाद आयुष मंत्रालय ने लगाई प्रचार पर रोक
बाबा रामदेव के इस दावे के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है और केंद्रीय आयुष मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने इसकी कोई जानकारी होने से इनकार किया। आयुष मंत्रालय ने तत्काल दवा का प्रचार करने पर रोक लगा दी और नोटिस जारी करते हुए पतंजलि से सारी जानकारियां और स्पष्टीकरण मांगा। उत्तराखंड आयुष विभाग ने कहा कि पतंजलि ने केवल इम्युनिटी बूस्टर के लिए लाइसेंस लिया था और इसमें कोरोना का कोई जिक्र नहीं था।
ट्रायल पर भी उठे सवाल
शुरूआती जांच में ये भी सामने आया कि ट्रायल के दौरान कोरोना वायरस के मरीजों को पतंजलि की दिव्य कोरोनिल टैबलेट के अलावा अंग्रेजी दवाएं भी दी गई थीं। इसके अलावा राजस्थान सरकार ने भी आरोप लगाया था कि पतंजलि ने ट्रायल से पहले उनके इजाजत नहीं ली थी। NIMS के निदेशक डॉ अनुराग तोमर ने भी ट्रायल से अपना नाम पीछे खींच लिया था और कहा था कि वह कोरोना की दवा के किसी ट्रायल से संबंधित नहीं रहे।
अब पतंजलि ने किया कोरोना की दवा बनाने से इनकार
अब उत्तराखंड आयुष विभाग को भेजे गए अपने स्पष्टीकरण में पतंजलि ने कहा है कि उसने कभी भी कोरोना वायरस की दवा बनाने का दावा नहीं किया था। पतंजलि ने लिखा था, 'हमने केवल शिपिंग के मकसद से दिव्य श्वसारि वाटी, दिव्य कोरोनिल टैबलेट और दिव्य अणु तेल को एक साथ पैक किया था। हमने कोरोना किट के नाम से कोई भी किट नहीं बेची है, ना ही हमने कोरोना वायरस के इलाज के तौर पर इसका प्रचार किया है।'
आचार्य बालकृष्ण बोले- हमने कभी नहीं किया कोरोना की दवा बनाने का दावा
वहीं आचार्य बालकृष्ण ने कहा है, "क्लिनिकल ट्रायल के बाद जो रिजल्ट आया वो हमने देश को बताया। हमने ये बात कही ही नहीं कि ये दवा कोरोना का इलाज करती है। हमने ये कहा था कि इस दवा से क्लिनिकल ट्रायल के दौरान कोरोना के मरीज ठीक हो गए। हमने कभी नहीं कहा कि हमने कोरोना की दवाई बनाई है। इसमें कोई कंफ्यूजन की बात नहीं है। पतंजलि आयुर्वेद अब भी अपने दावे और दवा पर कायम है।"
उत्तराखंड आयुष विभाग ने खड़े किए पतंजलि के स्पष्टीकरण पर सवाल
इस बीच उत्तराखंड आयुष विभाग के लाइसेंस अधिकारी वाईएस रावत ने पतंजलि के स्पष्टीकरण पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि उसने कोरोनिल की पैकेजिंग पर कोरोना वायरस की एक तस्वीर लगाई है। उन्होंने कहा कि दवाओं की टेस्टिंग की जा रही है।