#NewsBytesExplainer: यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने क्यों दी भारतीय कुश्ती संघ को बर्खास्त करने की चेतावनी?
भारतीय कुश्ती संघ (WFI) अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पिछले करीब एक महीने से पहलवान धरने पर बैठे हैं। मंगलवार को पहलवान अपने मेडल गंगा नदी में बहाने पहुंचे थे, लेकिन भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत के अनुरोध पर पहलवानों ने ऐसा नहीं किया। इस बीच यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने WFI को बर्खास्त करने की चेतावनी दी है। उसने ऐसा क्यों किया, आइए जानते हैं।
सबसे पहले जानिए UWW क्या है
UWW कुश्ती के लिए अंतरराष्ट्रीय शासी निकाय है। यह ग्रीको-रोमन कुश्ती, फ्रीस्टाइल कुश्ती और ग्रेपलिंग सहित कुश्ती के विभिन्न रूपों की पुरुषों और महिला अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की अध्यक्षता करता है। ओलंपिक में होने वाली कुश्ती की देखरेख करना भी इसके कर्तव्यों में शामिल है। इसे अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) द्वारा मान्यता मिली हुई है। WFI भी इसी संगठन का एक सदस्य है। इस संगठन को पहले इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एसोसिएटेड रेसलिंग स्टाइल्स (FILA) नाम से जाना जाता था।
UWW ने क्यों दी WFI को बर्खास्त करने की चेतावनी?
UWW ने कहा है कि अगर 45 दिन के भीतर WFI के चुनाव नहीं कराए गए तो WFI को बर्खास्त किया जा सकता है। बता दें कि 7 मई को WFI के चुनाव होने थे, जिन्हें खेल मंत्रालय ने रद्द कर दिया था। वर्तमान में कुश्ती संघ का दैनिक कामकाज 3 सदस्यीय एडहॉक पैनल देख रहा है। इस पैनल का गठन 27 अप्रैल को किया गया था और 45 दिन के भीतर कुश्ती संघ के चुनाव कराए जाने थे।
WFI के चुनावों में क्यों हो रही है देरी?
खेल मंत्रालय के 7 मई को होने वाले WFI के चुनाव रद्द करने के बाद अभी तक नई तारीख का ऐलान नहीं हुआ है। माना जाता है कि पहलवानों के प्रदर्शन के चलते ये फैसला लिया गया था। IOA ने भी WFI के अधिकारियों को किसी भी तरह के प्रशासनिक कार्य करने से रोक दिया था। फिलहाल 3 सदस्यों की समिति WFI का कामकाज संभाल रही है। चुनाव में देरी की वजह इन सभी कारणों को माना जा रहा है।
चुनाव नहीं हुए तो क्या होगा?
कुश्ती संघ के एडहॉक पैनल के पास चुनाव कराने के लिए 12 दिन का समय बचा है। UWW इस समयावधि के अंदर चुनाव नहीं कराने पर WFI को बर्खास्त कर देगा। इसके बाद कुश्ती खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय मुकाबले न्यूट्रल झंडे के साथ खेलना होंगे, यानी खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में भारतीय झंडे का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। इससे वो जो भी पदक जीतेंगे, वो भारत की झोली में नहीं जाएंगे।
UWW ने पहलवानों के प्रदर्शन पर क्या कहा?
UWW ने पहलवानों को हिरासत में लिए जाने और उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। अपने बयान में UWW ने कहा, "यह चिंताजनक है कि पहलवानों को धरना देने के लिए अस्थायी रूप से हिरासत में ले लिया गया। जिस जगह पर वे एक महीने से प्रदर्शन कर रहे थे, उस जगह को भी प्रशासन ने साफ कर दिया। UWW संबंधित अधिकारियों से आरोपों की गहन और निष्पक्ष जांच करने का आग्रह करता है।"
UWW पहलवानों के मुद्दे पर और क्या करेगी?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, IOC और UWW के अधिकारी प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के साथ एक बैठक करने पर भी विचार कर रहे हैं। इसी हफ्ते ये बैठक हो सकती है। UWW ने कहा, "पहलवानों के साथ उनकी स्थिति और सुरक्षा के बारे में पूछताछ करने के लिए UWW एक बैठक आयोजित करेगा। इसमें पहलवानों की समस्याओं के निष्पक्ष और न्यायपूर्ण समाधान के लिए हमारे समर्थन आगे बढ़ाया जाएगा।"
कुश्ती संघ के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई हुई है?
12 मई को IOA ने WFI के निवर्तमान अधिकारियों को संघ के संचालन के संबंध में किसी भी तरह के प्रशासनिक कार्य करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। आदेश में अधिकारियों से कहा गया था कि वे कार्यालय के दस्तावेज, वेबसाइट की जानकारी, वित्तीय कामों से जुड़ी चीजें और लॉगिन संबंधी जानकारी समिति को सौंप दें। इससे पहले इस मामले को लेकर UWW नई दिल्ली में होने वाली एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप की मेजबानी भारत से छीन चुका है।
क्या है पहलवानों के प्रदर्शन का मामला?
एक नाबालिग पहलवान समेत 7 महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। इसे लेकर पहलवानों ने जनवरी में भी प्रदर्शन किया था। तब जांच के लिए एक समिति गठित की गई थी। जांच में लेटलतीफी के चलते अप्रैल में पहलवान फिर से धरने पर बैठ गए थे। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर 2 FIR दर्ज की हैं। विशेष जांच दल (SIT) मामले की जांच कर रहा है।