NewsBytesExplainer: कौन है मुंबई हमलों का साजिशकर्ता तहव्वुर राणा, जिसे भारत को सौंपेगा अमेरिका?
क्या है खबर?
साल 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिकी कोर्ट ने भारत प्रत्यर्पित करने की अनुमति दे दी है। पाकिस्तानी मूल का कनाडाई व्यवसायी राणा मुंबई के 26/11 आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है।
भारत सरकार ने 10 जून, 2020 को उसकी अस्थायी गिरफ्तार की मांग करते हुए प्रत्यर्पण की मांग दर्ज करवाई थी।
आइए विस्तार से जानते हैं कि तहव्वुर राणा कौन है और उसने मुंबई आतंकी हमलों में क्या भूमिका निभाई थी।
राणा
कौन है तहव्वुर राणा?
राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था। उसने मेडिकल की पढ़ाई की है और पाकिस्तान सेना में 10 साल डॉक्टर रह चुका है।
1997 में वह कनाडा चला गया, जिसके 3 साल बाद उसने अमेरिका के शिकागो में इमीग्रेशन का काम शुरू किया। उसके पास कनाडाई नागरिकता है, लेकिन वह शिकागो में रहता है।
राणा पर आरोप है कि उसने 2006 से लेकर नवंबर, 2008 तक पाकिस्तान में मुंबई हमलों के मास्टरमांइड डेविड हेडली के साथ मिलकर पूरी साजिश रची।
गवाह
हेडली और राणा थे बचपन के दोस्त
मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हेडली और राणा बचपन के दोस्त थे और वो दोनों पाकिस्तान में साथ पढ़ा करते थे। हेडली मामले में सरकारी गवाह बन गया और उसे 35 साल की सजा हुई है।
हेडली ने बयान दिया था कि उसने 2002 से 2005 के बीच 5 अलग-अलग मौकों पर लश्कर के ट्रेनिंग कैंपों में हिस्सा लिया था। हेडली 2006 से जुलाई, 2008 के बीच 5 बार भारत आया और यहां रेकी करके वापस पाकिस्तान चला गया।
भूमिका
26/11 मुंबई हमलों में क्या थी राणा की भूमिका?
राणा को 2009 में 26/11 मुंबई हमलों की साजिश रचने के आरोप में अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद राणा ने स्वीकार किया कि हेडली उसे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के ट्रेनिंग कैंपों में ले गया था।
राणा ने कथित रूप से शिकागो में अपनी इमीग्रेशन फर्म का इस्तेमाल ऐसे दस्तावेज तैयार करने के लिए किया था, जिनका इस्तेमाल मास्टरमाइंड हेडली ने मुंबई हमलों की रेकी के दौरान किया था।
आरोप
राणा को किन मामलों में पाया गया दोषी?
2011 में अमेरिकी कोर्ट ने राणा को शिकागो में पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह लश्कर को सामग्री सहायता प्रदान करने का दोषी ठहराया गया था। लश्कर ने ही मुंबई आतंकी हमले को अंजाम दिया था।
राणा हेडली को मुंबई में अपनी इमीग्रेशन फर्म की एक शाखा खोलने और डेनमार्क प्रतिनिधि के रूप में यात्रा करने की अनुमति देने का दोषी भी है।
उसने 2005 में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून छापने वाले डेनिश अखबार पर हमला करने की साजिश भी रची थी।
प्रत्यर्पण
कोर्ट में क्या हुआ?
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) 2008 मुबंई आतंकी हमलों की जांच की कर रही है। उसने भारत द्वारा प्रत्यर्पण का अनुरोध किए जाने पर राणा को अमेरिका में गिरफ्तार किया था।
अमेरिका के कैलिफोर्निया की एक कोर्ट ने 16 मई को राणा को उसके अपराधों के लिए भारत प्रत्यर्पण का अनुरोध स्वीकार कर लिया। राणा के वकील ने कोर्ट में इस प्रत्यर्पण का विरोध किया था, लेकिन सभी दलीलों को खारिज कर दिया गया।
जानकारी
अमेरिकी सरकार ने कोर्ट में क्या कहा?
अमेरिकी सरकार के वकीलों ने कोर्ट में तर्क दिया कि राणा को पता था कि हेडली आतंकी संगठन लश्कर में शामिल है और इस तरह हेडली की सहायता और बचाव करके उसने आतंकवादी संगठन और इसके सहयोगियों की मदद की है।
मुंबई आतंकी हमला
मुंबई आतंकी हमलों में गई थी 166 लोगों की जान
26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमलों में 6 अमेरिकी नागरिकों सहित कुल 166 लोग मारे गए थे।
इन हमलों को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अंजाम दिया था। ये हमले मुंबई के प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण स्थानों पर 60 घंटे से अधिक समय तक जारी रहे थे।
हमले में एक आतंकी अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया, जिसे 21 नवंबर, 2012 को फांसी दी गई थी।
भारत और अमेरिका के बीच इस हमले में प्रत्यर्पण संधि हुई थी।