#NewsBytesExplainer: क्या होता है एयर टर्बुलेंस, जिसके कारण एयर इंडिया के विमान में घायल हुए यात्री?
नई दिल्ली से सिडनी जा रहे एयर इंडिया के एक विमान को उड़ान के दौरान भीषण एयर टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा। आसमान में हजारों फीट की ऊंचाई पर उड़ते समय विमान में एयर टर्बुलेंस के कारण कई यात्री चोटिल हो गए, जिन्हें सिडनी के एयरपोर्ट पर उपचार दिया गया। आखिर एयर टर्बुलेंस क्या होता है, ये क्यों आता है और इससे कैसे सुरक्षित बचा जा सकता है, आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
क्या होता है एयर टर्बुलेंस?
उड़ान के दौरान विमान पर पड़ने वाले हवा के दबाव और उसकी रफ्तार में आए अचानक परिवर्तन को एयर टर्बुलेंस कहते हैं। इससे विमान को झटका सा लगता है और वह हवा में ऊपर-नीचे हिलने लगता है। एयर टर्बुलेंस में विमान में बैठे यात्रियों को मामूली झटकों से लेकर तेज और लंबे झटके महसूस हो सकते हैं। इसके कारण विमान दुर्घटना भी हो सकती है। एयर टर्बुलेंस को गंभीरता के हिसाब से श्रेणियों में बांटा गया है।
मध्यम, गंभीर और अति गंभीर, 3 प्रकार के होते हैं एयर टर्बुलेंस
विमान के मध्यम एयर टर्बुलेंस से टकराने पर पायलट अपना नियंत्रण नहीं खोता और यह टर्बुलेंस विमानन क्षेत्र में सामान्य बात है। गंभीर एयर टर्बुलेंस के दौरान विमान के उड़ने की गति प्रभावित होती है और वह हवा में थोड़ा ऊपर-नीचे हो सकता है। सबसे ज्यादा खतरा अति गंभीर एयर टर्बुलेंस के दौरान होता है। इस स्थिति में विमान को स्थिर रखना पायलट के लिए काफी मुश्किल होता है और यात्रियों को तेज झटके महसूस होते हैं।
क्यों होता है एयर टर्बुलेंस?
हवा जब किसी बड़े पहाड़ या ऊंची इमारत से टकराती है तो उसमें किसी समुद्र की तरह ही तेज लहरें बनती हैं, जिनसे एयर टर्बुलेंस होता है। इसके कई पर्यावरणीय कारक हैं, जिनमें मौसम में हुआ अचानक बदलाव प्रमुख हैं। इससे आंधी या तूफान की स्थिति पैदा होती है, जिसे पायलट रडार पर देख सकता है। दूसरा कारण वायुमंडल में चलने वाली उच्च गति की हवाएं होती हैं, जो अन्य विमान के गुजरने से एयर टर्बुलेंस बनाती हैं।
एयर टर्बुलेंस के अन्य कारण
तापमान में परिवर्तन के कारण भी एयर टर्बुलेंस होता है। उड़ान के दौरान सूरज की गर्मी के कारण गर्म हवा सीधे ठंडी हवा के साथ टकराती है, जिससे फ्लाइट के दौरान यात्रियों को हल्के झटके महसूस होते हैं।
क्या एयर टर्बुलेंस को टाला जा सकता है?
विमानन तकनीक ने आज काफी उन्नति कर ली है। मौसम की पूर्व सूचनाएं और जलवायु में परिवर्तन के साथ अन्य विमानों के उड़ान की सभी जानकारियां पायलट को एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से कॉकपिट में ही उपलब्ध हो जाती हैं। हालांकि, एयर टर्बुलेंस के रुझानों की पहचान करने के लिए आवश्यक डाटा एकत्र करना काफी मुश्किल होता है क्योंकि ये डाटा काफी हद तक विमान की उड़ान के दौरान ही रिपोर्ट होता है, जिससे काफी कम समय मिलता है।
एयर टर्बुलेंस के दौरान क्या करें?
एयर टर्बुलेंस के दौरान अक्सर विमान में सवार यात्री घबरा जाते हैं। स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे व्यक्तियों को ज्यादा परेशानी हो सकती है। इस दौरान यात्रियों को शांत रहने की कोशिश करनी चाहिए। एयर टर्बुलेंस के दौरान सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आपको अपनी सीट पर बैठे रहना है। ध्यान रहे कि आपकी सीट बेल्ट सही तरीके से बंधी हो। ऐसा करने से आप खुद को और अपने आसपास के लोगों को चोट लगने से बचा सकते हैं।
हाल में एयर टर्बुलेंस के कारण हुई दुर्घटनाएं
एयर टुर्बुलेंस की हालिया एक घटना मार्च में हुई थी। जब एक प्राइवेट जेट अमेरिका में न्यू इंग्लैंड के ऊपर गंभीर टर्बुलेंस का शिकार हुआ था, जिसमें एक यात्री की मौत हो गई थी। इसके बाद इस विमान को दूसरे एयरपोर्ट पर डायवर्ट कर दिया गया था। पिछले साल मई में मुंबई-दुर्गापुर की उड़ान के बीच स्पाइसजेट का एक विमान लैंडिंग के दौरान टर्बुलेंस का शिकार हो हुआ था, जिसमें 12 यात्री घायल हो गए थे।