भारतीय नोटों पर क्यों छपती है केवल महात्मा गांधी की ही तस्वीर?
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी से भारतीय करेंसी नोटों पर महात्मा गांधी के साथ भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की भी तस्वीर लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था और देश को बेहतर बनाने लिए 'देवी-देवताओं के आशीर्वाद' की जरूरत है। ऐसे में आइए जानते हैं कि भारतीय नोटों पर केवल महात्मा गांधी की ही तस्वीर क्यों और कैसे छपती है।
केजरीवाल ने क्या की है मांग?
केजरीवाल ने कहा, "हमें अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बहुत सारे प्रयास करने की आवश्यकता है, लेकिन इसके साथ ही हमें अपने देवी-देवताओं के आशीर्वाद की भी आवश्यकता है।" उन्होंने आगे कहा, "मेरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील है कि भारतीय करेंसी नोटों पर एक तरफ गांधीजी की तस्वीर है। उसे वैसे ही रहने देना चाहिए, लेकिन हम दूसरी तरफ गणेशजी और मां लक्ष्मी की तस्वीर लगाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।"
भारतीय नोटों पर छपने वाली तस्वीर का निर्णय कौन करता है?
भारतीय करेंसी की छपाई और प्रबंधन का काम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पास है। साल 1934 में उसे यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। RBI अधिनियम की धारा 25 के तहत रिजर्व बैंक ही नोटों की छपाई के लिए जिम्मेदार है, लेकिन छापे जाने वाले नोटों के डिजाइन, रूप और उसमें इस्तेमाल होने वाली सामग्री का चयन RBI के केंद्रीय बोर्ड की सिफारिश के आधार पर केंद्र सरकार करती है। तब जाकर RBI नोट छपवाता है।
कहां होती है भारतीय नोटों की छपाई?
RBI की वेबसाइट के अनुसार, नोटों की छपाई चार प्रेसों में होती है। इनमें दो का स्वामित्व भारत सरकार के पास है और संचालन सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SPMCIL) करता है। इसी तरह दो प्रेस RBI के स्वामित्व में हैं। इनका संचालन भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (BRBNMPL) द्वारा किया जाता है। SPMCIL की प्रेस नासिक और देवास में हैं, जबकि BRBNMPL की प्रेस मैसूर और सालबोनी में हैं।
कहां होती है सिक्कों की गढ़ाई?
भारतीय सिक्कों की गढ़ाई SPMCIL के स्वामित्व वाली चार टकसालों में की जाती है। ये टकसाल मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और नोएडा में स्थित हैं। RBI अधिनियम की धारा 38 के अनुसार, सिक्कों के प्रचलन की जिम्मेदारी केवल RBI के ही पास है।
भारतीय नोटों पर छपने वाली तस्वीरों में बदलाव कब हुआ?
वर्तमान में भारतीय नोटों पर गांधीजी की फोटो है, लेकिन ऐसा हमेशा से नहीं था। आजादी के बाद अंग्रेजी सम्राट की जगह गांधीजी की फोटो प्रकाशित करने का विचार लाया गया था। हालांकि, इस निर्णय में सरकार को काफी समय लगा। नोटों पर फोटो बदलने की शुरुआत में 1949 में किंग जॉर्ज VI की फोटो की जगह सारनाथ के अशोक स्तम्भ को लिया गया था। इसके बाद 1953 में तंजौर मंदिर और गेटवे ऑफ इंडिया की फोटो प्रकाशित की गई।
भारतीय नोटों पर कब से छपने लगी थी गांधीजी की तस्वीर?
भारतीय नोटो पर गांधीजी की फोटो सबसे पहले 2 अक्टूबर, 1969 को उनकी जयंती पर प्रकाशित की गई थी। उस दौरान RBI ने एक स्मारक श्रृंखला जारी की थी जिसमें सेवाग्राम आश्रम में चरखे के साथ बैठे गांधीजी को दर्शाया गया था। इसके बाद 1996 में नई महात्मा गांधी सीरीज के तहत नए नोटों में एक परिवर्तित वॉटरमार्क, विंडो सुरक्षा धागा, गुप्त छवि और दृष्टिबाधितों के लिए इंटैग्लियो विशेषताएं शामिल की गई थी।
क्या नोटों पर प्रकाशित गांधीजी की तस्वीर असली है?
रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय नोटों पर इस्तेमाल की गई गांधीजी की तस्वीर असली है। उसे ब्रिटिश राजनेता लॉर्ड फ्रेडरिक विलियम पेथिक-लॉरेंस के बगल में खड़े गांधीजी की फोटो से लिया है। फ्रेडरिक ने भारत और बर्मा के राज्य सचिव के रूप में कार्य किया था।
भारतीय नोटों पर केवल गांधीजी की ही फोटो क्यो?
इस संबंध में कोई स्पष्ट तथ्य नहीं है कि नोटों पर गांधीजी की ही फोटो क्यों छपती है। हालांकि, 2014 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में कहा था कि RBI के पैनल ने नोटों पर अन्य राष्ट्रीय नेता की फोटो प्रकाशित न करने का निर्णय इसलिए किया है कि गांधीजी से बेहतर कोई अन्य व्यक्तित्व देश के लोकाचार का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है। इसी तरह उनके परपोते तुषार गांधी ने भी ऐसा ही बयान दिया था।
अन्य सभी नेता होंगे विवादास्पद- रघुराम राजन
इस संबंध में जब RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से पूछा गया कि भारतीय नोटों पर वैज्ञानिक होमी जे भाभा या रवींद्रनाथ टैगोर की फोटो क्यों नहीं हो सकती तो उन्होंने कहा था कि बहुत सारे महान भारतीय हैं, लेकिन निश्चित रूप से गांधीजी इनमें सबसे ऊपर हैं। उन्होंने कहा था कि कई महान भारतीय भी नोट पर छप सकते हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि लगभग अन्य सभी नेता विवादास्पद होंगे। जबकि, गांधीजी पर पूरा देश सहमत है।
अन्य हस्तियों की फोटो को लेकर RBI ने भी दिया था स्पष्टीकरण
जून में मीडिया में RBI के भारतीय नोटो पर महात्मा गांधी की जगह अन्य हस्तियों की फोटो लगाए जाने का विचार करने की खबरें आई थीं। उनमें कहा गया था कि RBI नोटों पर रवींद्रनाथ टैगोर और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की फोटो छापने का विचार कर रहा है। इस पर RBI ने स्पष्ट किया था कि इस तरह की खबरें पूरी तरह से गलत है और बैंक ने इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं लिया है।