Page Loader
'राहुल सावरकर' बयान पर शिवसेना की कांग्रेस को चेतावनी, सावरकर पर नहीं होगा कोई समझौता

'राहुल सावरकर' बयान पर शिवसेना की कांग्रेस को चेतावनी, सावरकर पर नहीं होगा कोई समझौता

Dec 15, 2019
01:08 pm

क्या है खबर?

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के 'मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं' बयान पर महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। शिवसेना ने कांग्रेस को सावरकर का अपमान न करने की नसीहत दी है। शिवसेना का कहना है कि उनकी पार्टी महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू का सम्मान करती है और कांग्रेस को भी सावरकर का सम्मान करना चाहिए। पूरा मामला क्या है, आइए आपको बताते हैं।

भारत बचाओ रैली

क्या कहा था राहुल गांधी ने?

दरअसल, शनिवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ 'भारत बचाओ' रैली का आयोजन किया था। इस रैली में राहुल गांधी ने 'रेप इन इंडिया' वाले बयान पर कहा, "भाजपा ने कल संसद में मुझसे मेरे बयान के लिए माफी मांगने को कहा। सही बात के लिए मुझसे माफी मांगने को कहा गया। मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं है। मेरा नाम राहुल गांधी है। मैं मर जाउंगा, लेकिन सच के लिए कभी माफी नहीं मांगूगा।"

प्रतिक्रिया

संजय राउत की प्रतिक्रिया, सावरकर का अपमान न करें

महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना के लिए सावरकर पूज्यनीय हैं और इसलिए राहुल के बयान के बाद से ही इस पर शिवसेना की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया की आशंका जताई जा रही थी। शनिवार शाम को शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत की ओर से ये प्रतिक्रिया आ भी गई। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'हम पंडित नेहरू और महात्मा गांधी को मानते हैं। आप सावरकर का अपमान ना करें। समझदार को इशारा काफी है। जय हिंद।'

ट्वीट

'महाराष्ट्र ही नहीं देश के लिए देवता हैं सावरकर'

अपने दूसरे ट्वीट में राउत ने लिखा, 'वीर सावरकर महाराष्ट्र के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए देवता हैं। सावरकर का नाम राष्ट्रीय गौरव और स्वाभिमान से जुड़ा हुआ है। नेहरू और गांधी की तरह सावरकर ने भी आजादी के लिए अपना जीवन न्यौछावर किया था। ऐसे हर देवता का सम्मान किया जाना चाहिए। इस पर किसी तरह का कोई समझौता नहीं।' बता दें कि शिवसेना सावरकर को भारत रत्न दिए जाने की मांग करती रही है।

परिचय

कौन थे सावरकर?

भाजपा और शिवसेना समेत हिंदूवादी संगठनों के वैचारिक गुरू माने जाने वाले सावरकर भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सबसे विवादित नेताओं में से एक हैं। उनका पूरा नाम विनायक दामोदर सावरकर था। अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए उन्हें काला पानी की सजा हुई थी और अंडबार जेल भेज दिया गया था। वह 1910 से 1921 तक इस जेल में रहे थे। इस जेल में कैदियों को काफी कठिन परिस्थितियों में रखा जाता था।

जानकारी

माफी के नाम पर राहुल ने क्यों किया सावरकर का जिक्र?

कारावास के दौरान सावरकर ने अंग्रेजों को कई माफी पत्र लिखे थे और जेल से छोड़े जाने पर उनके प्रति वफादार रहने की बात कही थी। राहुल गांधी ने जब कहा कि वो राहुल सावरकर नहीं तो उनका निशाना इन्हीं माफी पत्रों की तरफ था।