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#NewsBytesExplainer: दिल्ली-NCR में बार-बार क्यों महसूस होते हैं भूकंप के झटके?
दिल्ली में आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए

#NewsBytesExplainer: दिल्ली-NCR में बार-बार क्यों महसूस होते हैं भूकंप के झटके?

लेखन आबिद खान
Jul 10, 2025
03:53 pm

क्या है खबर?

दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में आज सुबह फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। 4.4 तीव्रता के इस भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर में था, जिसके झटकों ने पूरे NCR को हिला दिया। झज्जर दिल्ली से करीब 60 किलोमीटर दूर है और NCR का हिस्सा है। दिल्ली-NCR में आए दिन भूकंप के झटके महसूस किए जाते रहे हैं। आइए जानते हैं इसकी वजह क्या है।

श्रेणी

भूकंप की संवेदनशील श्रेणी में आता है ये इलाका

दिल्ली-NCR का इलाका भूकंपीय क्षेत्र-4 में आता है। ये भारत में भूकंप के लिहाज से 'उच्च जोखिम वाला' बेहद संवेदनशील क्षेत्र है। 'उच्च जोखिम' क्षेत्र होने का मतलब है कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में 5 से 6 तीव्रता तक के भूकंप आ सकते हैं। साल 1720 से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, अब तक केवल 5 बार ही दिल्ली-NCR में 5.5 से 6.7 तीव्रता तक के भूकंप आए हैं।

हिमालय

क्या हिमालय से है कोई संबंध?

दिल्ली-NCR में भूकंप का गहरा संबंध हिमालय से भी है। हिमालय भले ही भौगोलिक रूप से सैकड़ों किलोमीटर दूर है, लेकिन इसकी भूगर्भीय गतिविधियों का असर दिल्ली में दिखाई देता है। दरअसल, हिमालय भारतीय टेक्टॉनिक प्लेट और यूरेशियन प्लेट के टकराने से बना है। ये दोनों प्लेट्स हमेशा घूमती रहती हैं और एक-दूसरे पर दबाव बनाती हैं। इसी वजह से भूकंप आता है, जिसे हम दिल्ली-NCR तक महसूस करते हैं।

फॉल्ट लाइन

दिल्ली-NCR से गुजरती हैं कई फॉल्ट लाइन

दिल्ली-NCR के नीचे कई फॉल्ट लाइनें सक्रिय हैं। फॉल्ट लाइनें यानी जमीन के नीचे का वो इलाका, जहां टेक्टॉनिक प्लेट्स मिलती हैं। इन प्लेट्स के गति करने या टकराने से ये इलाका संवेदनशील हो जाता है। दिल्ली-NCR से दिल्ली-हरिद्वार रिज (DHR), दिल्ली-सरगोधा रिज (DSR), महेंद्रगढ़-देहरादून फॉल्ट (MDF), दिल्ली-मुरादाबाद फॉल्ट, सोहना फॉल्ट, मथुरा फॉल्ट और रिवर्स फॉल्ट (F1) गुजरती हैं। इतनी सारी फॉल्ट लाइनों की मौजूदगी पूरे दिल्ली-NCR को भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील और सक्रिय इलाका बना देती हैं।

MDF

क्या है MDF फॉल्ट लाइन?

दिल्ली में आज आए भूकंप को महेंद्रगढ़-देहरादून फॉल्ट यानी MDF से जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि यह सबसे नजदीक से गुजरती है। ये हरियाणा के महेंद्रगढ़ से शुरू होकर झज्जर, रोहतक, सोनीपत, पानीपत होती हुई देहरादून में हिमालय के नीचे जाती है। हिमालय से जुड़े होने की वजह से इसमें ज्यादा हलचल होती रहती है। MDF में कम से मध्यम तीव्रता के भूकंप आते हैं, जिनकी तीव्रता आमतौर पर 2.0 से 4.5 के बीच होती है।

DHR

DHR और DSR के बारे में जानिए

DHR दिल्ली से हरिद्वार तक फैली हुई है और यह अरावली पर्वत श्रृंखला का विस्तार है। यह रिज लगातार उत्तर-पूर्व की तरफ बढ़ रही है। यह यमुना नदी और लाहौर-दिल्ली रिज के साथ एक महत्वपूर्ण त्रि-जंक्शन बनाती है, जो इस इलाके को और जटिल बना देता है। DSR DHR से लगभग 15 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। यह रिज DHR को लगभग 13 किलोमीटर गहराई में काटती है। इनके अलावा NCR में सोहना, मथुरा और दिल्ली-मुरादाबाद फॉल्ट लाइंस भी हैं।

आंकड़े

दिल्ली में कब आया सबसे तीव्र भूकंप?

रिकॉर्ड के मुताबिक, दिल्ली के पास वर्ष 1900 के बाद सबसे तीव्र भूकंप 20 अक्टूबर, 1991 की रात 2:53 बजे आया था, जिसकी तीव्रता 6.8 मापी गई थी। भूकंप का केंद्र दिल्ली से 280 किमी उत्तर-उत्तरपूर्व में जमीन के नीचे 10 किमी की गहराई पर था। यह पिछले 125 सालों में सबसे तेज था। इसके बाद 6 फरवरी, 2017 को दिल्ली से 291 किलोमीटर दूर 5.1 l तीव्रता का भूकंप आया था, जो 1991 के बाद सबसे अधिक था।

भूकंप

दिल्ली-NCR में 6 महीने में तीसरी बार हिली धरती

बीते 6 महीने में दिल्ली-NCR में ये तीसरा भूकंप है। इससे पहले 19 अप्रैल और 17 फरवरी को भी भूकंप आया था। 19 अप्रैल को अफगानिस्तान में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया था। इसका असर जम्मू-कश्मीर से लेकर दिल्ली-NCR तक महसूस किया गया था। 17 फरवरी को भी दिल्ली-NCR में 4.0 तीव्रता का भूकंप आया था। हालांकि, इन दोनों भूकंप में किसी तरह का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ था।