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AAP नेता सत्येंद्र जैन और सौरभ भारद्वाज के खिलाफ FIR दर्ज, क्या है मामला?
सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ FIR दर्ज की गई है

AAP नेता सत्येंद्र जैन और सौरभ भारद्वाज के खिलाफ FIR दर्ज, क्या है मामला?

लेखन आबिद खान
Jun 26, 2025
04:44 pm

क्या है खबर?

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) ने AAP के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ FIR दर्ज की है। ये FIR दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी कुछ परियोजनाओं में कथित भ्रष्टाचार के बाद दर्ज की गई है। 24 जून को ही दिल्ली के उपराज्यपाल ने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे।

मामला

क्या है मामला?

दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने अगस्त, 2024 में जैन और भारद्वाज के खिलाफ शिकायत की थी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार और अस्पताल परियोजनाओं में भारी अनियमितताओं का आरोप लगाया था। दरअसल, दिल्ली सरकार ने 2018-19 में 5,590 करोड़ रुपये की लागत से 24 अस्पताल परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। ये परियोजनाएं देरी और लागत में अत्यधिक वृद्धि के चलते अधूरी रह गईं। आरोप है कि इन परियोजनाओं में पैसों का गबन हुआ है।

आरोप

समयसीमा में पूरी नहीं हुई योजनाएं

समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, 1,125 करोड़ रुपये की ICU अस्पताल परियोजना, जिसमें कुल 6,800 बिस्तरों वाली 7 सुविधाएं शामिल हैं, लगभग 3 साल और 800 करोड़ रुपये के खर्च के बाद भी केवल 50 प्रतिशत पूरी हुई है। वहीं, ज्वालापुरी और मादीपुर में सरकारी अस्पतालों में अनधिकृत अतिरिक्त निर्माण कार्य बिना मंजूरी के किया गया। मादीपुर अस्पताल परियोजना को नवंबर, 2022 तक पूरा किया जाना था, लेकिन यह अभी भी अधूरी है।

गड़बड़ी

100 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गई लागत

जांच में सामने आया है कि LNJP अस्पताल में नए ब्लॉक की परियोजना लागत 4 सालों में 488 करोड़ से बढ़कर 1,135 करोड़ रुपये हो गई है। इसे जनवरी, 2023 तक पूरा किया जाना था। ये भी सामने आया कि यह पता चला कि मेसर्स SAM इंडिया बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड को अनुबंधित 7 ICU अस्पतालों में लागत में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई है, जिनका निर्माण फरवरी, 2022 तक किया जाना था।

पॉलीक्लीनिक

94 पॉलीक्लीनिक में से केवल 52 का हुआ निर्माण

जांच में ये भी पता चला कि 94 पॉलीक्लिनिक में से केवल 52 का निर्माण किया गया। इनकी लागत 168 करोड़ से बढ़कर 220 करोड़ रुपये हो गई। ये भी सामने आया कि नियमों, निविदा शर्तों और वित्तीय प्रोटोकॉल के गंभीर उल्लंघन किए गए, जिसमें जानबूझकर देरी, लागत वृद्धि और बेकार संपत्तियों का निर्माण शामिल है। इसके बाद भारद्वाज, जैन और अज्ञात सरकारी अधिकारियों और निजी ठेकेदारों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।