सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए जनवरी तक नए नियम लाएगी केंद्र सरकार
केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि इंटरनेट लोकतांत्रिक राजनीति के लिए बड़े खतरे के रूप में उभर रहा है और उसे इस नियम बनाने के लिए तीन महीनों के वक्त की जरूरत है। सरकार ने व्यक्तिगत अधिकारों, राष्ट्र की सुरक्षा, एकता और संप्रभुता पर पड़ने वाले इसके खतरों को देखते हुए वह सोशल मीडिया आदि को लेकर तीन महीनों में इस पर प्रभावी नियम बनाएगी। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
हेट स्पीच से भरा है इंटरनेट- सरकार
सोमवार को इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफोर्मेशन मिनिस्ट्री ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पिछले कुछ सालों में इंटरनेट और सोशल मीडिया यूजर्स की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। इस वजह से इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हेट स्पीच, फेक न्यूज, राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों, अपमानजनक टिप्पणियों और दूसरी गैर-कानूनी गतिविधियों से भरे हुए हैं। मिनिस्ट्री ने यह हलफनामा कोर्ट उस सवाल के जवाब में दिया है, जिसमें कोर्ट ने इस बारे में नियमों को लेकर स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी।
लोकतांत्रिक राजनीति के लिए बड़ी रुकावट बना इंटरनेट- सरकार
सरकार ने अपने हलफनामे में बताया कि इंटरनेट के शेयरधारकों के लिए पहले से कानून है। अब इसमें बदलाव किए जाने की जरूरत है। सरकार ने बताया कि इंटरनेट लोकतांत्रिक राजनीति में रुकावट पैदा करने वाले एक शक्तिशाली उपकरण बना है। ऐसे में व्यक्तिगत अधिकारों और राष्ट्र की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए बढ़ते खतरों को ध्यान में रखते हुए इंटरनेट पर प्रभावी विनियमन के लिए नियमों को संशोधित किया जाना है।
सरकार ने नियमों के लिए मांगे तीन हफ्ते
सरकार ने कोर्ट को बताया कि एक तरफ टेक्नोलॉजी से आर्थिक तरक्की और सामाजिक विकास होता है, वहीं दूसरी तरफ इस वजह से भड़काऊ बयान, फेक न्यूज और राष्ट्रीय विरोधी गतिविधियों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। सरकार ने कहा एक जटिल मामला है। इसका प्रभाव इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स समेत इसके शेयरधारकों पर पड़ेगा। इसलिए उसे नए नियमों को अंतिम रूप देने के लिए तीन महीने का समय चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया 15 जनवरी तक का समय
हलफनामे को स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार को 15 जनवरी, 2020 तक का समय दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में सोशल मीडिया के नियमन से जुड़ी सभी याचिकाओं को खुद के पास ट्रांसफर कर लिया है। इस मामले में अगली सुनवाई अगले साल जनवरी के अंत मेंं होगी। इन तीन महीनों के दौरान सरकार को सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए नियम बनाने होंगे।