WHO ने भारत बायोटेक की नाक से दी जाने वाली कोरोना वैक्सीन को सराहा
भारत बायोटेक की इंट्रानेजल (नाक से दी जाने वाली) कोविड वैक्सीन BBV154 को मंगलवार को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी। अब मंजूरी के एक दिन बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसकी सराहना की है। WHO ने कहा कि महामारी को नियंत्रण में लाने के लिए यह काफी मददगार साबित होगी, लेकिन इसे वैश्विक स्तर पर स्वीकृत करने के लिए डाटा का विश्लेषण करने की जरूरत है।
इंट्रानेजल वैक्सीन पर WHO ने क्या कहा?
WHO की तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने इंट्रानेजल वैक्सीन का स्वागत किया है। हालांकि उन्होंने वैश्विक मंजूरी देने से पहले डाटा का विश्लेषण करने के लिए भी आवाज उठाई। केरखोव ने कहा, "वैक्सीन को कोरोना के खिलाफ प्रतिक्रिया में कैसे शामिल किया जा सकता है, इसके लिए डाटा देखने की जरूरत है।" वहीं WHO के आपात निदेशक माइक रयान ने कहा कि जहां से वायरस प्रवेश करता है, इंट्रानेजल वैक्सीन वहां रक्षा की पहली पंक्ति उत्पन्न करती है।
हर 44 सेकेंड में एक व्यक्ति की कोरोना से मौत हो रही- WHO प्रमुख
WHO के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेबियस ने कहा, "वायरस के मामले तेजी से घट रहे हैं, लेकिन इससे संबंधित मृत्यु अभी भी कई देशों में हो रही हैं।" उन्होंने कहा, "हर 44 सेकेंड में कम से कम एक व्यक्ति की मृत्यु कोरोना वायरस से होती है और अधिकांश मौतों को टाला जा सकता है। अभी भी दुनिया की एक-तिहाई आबादी को वैक्सीन नहीं लगी है, जिसमें दो-तिहाई स्वास्थ्य कार्यकर्ता और कम आय वाले देशों के तीन-चौथाई वृद्ध वयस्क शामिल हैं।"
भारत बायोटेक ने वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर विकसित की है वैक्सीन
भारत बायोटेक ने BBV154 वैक्सीन को सेंट लुईस स्थित वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी की मदद से विकसित किया है। इस वैक्सीन को एडिनोवायरल से बनाया गया है जिसमें कोरोना वायरस की स्पाइक प्रोटीन को जोड़ा गया। इसे इस तरह से विकसित किया गया है कि इसे नाक के जरिए दिया जा सके। लगभग 4,000 लोगों पर हुए तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में वैक्सीन को प्रभावी और सुरक्षित पाया गया था। ट्रायल में गंभीर साइड इफेक्ट्स भी नहीं देखने को मिले।
कैसे काम करती है BBV154 वैक्सीन?
कोरोना वायरस समेत कई वायरस म्यूकोसा (नाक, मुंह और फेफड़ों को जोड़ने वाले टिश्यू) के जरिए इंसानी शरीर में प्रवेश करते हैं। नाक के जरिए दी जाने वाली BBV154 वैक्सीन या अन्य कोई नेजल वैक्सीन सीधे म्यूकोसा के पास जाती है, जिससे वायरस के प्रवेश करने की जगह पर ही एक तरह की सुरक्षा परत बन जाती है। खास बात यह है कि यह कोरोना वायरस के संक्रमण और उसके प्रसार दोनों को रोकने में कारगर है।
देश में महामारी की क्या स्थिति है?
देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 6,395 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 4,44,78,636 हो गई है। संक्रमण से लोगों की मौत होने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 5,28,090 पर पहुंच गई है। जबकि सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 50,342 हो गई है, जो कुल मामलों के 0.11 प्रतिशत हैं। मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 98.70 प्रतिशत हो गई है।
न्यूजबाइट्स प्लस
WHO ने बताया कि भारत और चीन दोनों ने अपनी स्वदेशी नाक से दी जाने वाली वैक्सीन विकसित की हैं। सबसे पहले चीन ने रविवार को अपनी इनहेलेबल कोविड वैक्सीन 'कॉन्वीडिसिया एयर' लॉन्च की। यह वैक्सीन कैनसिनो बायोलॉजिक्स द्वारा बनाई गई है और एक नेबुलाइजर के माध्यम से काम करेगी। वहीं दूसरी तरफ भारत ने मंगलवार को आपातकालीन स्थिति के लिए इंट्रानेजल कोविड वैक्सीन BBV154 को मंजूरी दी है।