मंकीपॉक्स से घबराने की जरूरत नहीं, सब लोगों को नहीं पड़ेगी वैक्सीन की जरूरत- शीर्ष विशेषज्ञ
क्या है खबर?
दुनिया के कई देशों में पैर पसार चुके मंकीपॉक्स के मामले भारत में भी सामने आ चुके हैं। कोरोना महामारी के बीच दस्तक देने वाली इस बीमारी ने लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
हालांकि, देश के शीर्ष वायरलॉजिस्ट और वैक्सीन विशेषज्ञों में से एक डॉ गगनदीप कांग ने कहा है कि आम लोगों को इस बीमारी से चिंतित होने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने इसके संक्रमण पर रोक लगाने के लिए टेस्टिंग पर जोर देने का सुझाव दिया है।
जानकारी
क्या है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स एक जूनोटिक (एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में फैलने वाली) बीमारी है। यह बीमारी मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमण के कारण होती है जो पॉक्सविरिडाइ फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से आता है।
ये सबसे पहले 1958 में बंदरों की एक बस्ती में मिला था और वहीं से इसे अपना नाम मिला है।
यह धीरे-धीरे म्यूटेट होने वाला DNA वायरस है। इसके लक्षण दिखने में संक्रमित होने के बाद 5 से 21 दिनों तक का समय लग सकता है।
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वायरल इनसेफ्लाइटिस के कारण हुई मंकीपॉक्स के मरीजों की मौतें- कांग
वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में माइक्रोबायोलॉजी की प्रोफेसर डॉ कांग ने न्यूज18 से बात करते हुए कहा कि मंकीपॉक्स के कुछ मामलों में लोगों की वायरल इनसेफ्लाइटिस के कारण और कुछ में कैंसर और HIV की वजह मौतें हुई हैं।
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अभी सेक्शुअल नेटवर्क में मंकीपॉक्स के ज्यादा मामले- कांग
मंकीपॉक्स के संक्रमण पर बात करते हुए डॉ कांग ने कहा कि अभी सेक्शुअल नेटवर्क में इसके ज्यादा मामले देखे जा रहे हैं। हालांकि, यह त्वचा से त्वचा संपर्क में आने से ज्यादा फैलता है।
उन्होंने कहा कि अभी मरीज के यौन संपर्कों का पता लगाना जरूरी है। इसके अलावा कोरोना वायरस की तरह इस बीमारी में भी विस्तृत जांच जरूरी है। इससे संक्रमण की श्रृंखला तोड़ने में मदद मिलेगी और अन्य लोगों को बीमार होने से बचाया जा सकेगा।
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"कोरोना से कम संक्रामक है मंकीपॉक्स"
डॉ कांग ने कहा कि मंकीपॉक्स कोरोना वायरस से कम संक्रामक है और इसलिए उस पर नियंत्रण करना ज्यादा आसान है। अच्छी बात यह भी है कि यह दुर्लभ बीमारी है और ज्यादातर लोगों को इसकी वैक्सीन की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
मंकीपॉक्स
वैक्सीन को लेकर डॉ कांग ने क्या कहा?
डॉ कांग ने कहा कि स्मॉलपॉक्स की वैक्सीन मंकीपॉक्स के संक्रमण की रोकथाम में सहायक हो सकती है, लेकिन यह भी ध्यान रखना चाहिए इसके फायदे के साथ-साथ नुकसान भी हैं।
वैक्सीन के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल कर चुकीं डॉ कांग ने कहा कि स्मॉलपॉक्स की वैक्सीन जिन्नियोस (Jynneos) दूसरे उत्पादों के मुकाबले सुरक्षित है।
उन्होंने यह भी कहा कि मंकीपॉक्स की वैक्सीन विकसित करना काफी मुश्किल भरा काम होने वाला है।
लक्षण
क्या है मंकीपॉक्स के लक्षण?
मंकीपॉक्स से संक्रमित किसी जानवर या इंसान के संपर्क में आने पर कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है।
ये वायरस टूटी त्वचा, सांस और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। छींक या खांसी के दौरान निकलने वाली बड़ी श्वसन बूंदों से इसका प्रसार होता है।
इंसानों में मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक जैसे होते हैं। शुरूआत में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और पीठ में दर्द, थकावट होती है और तीन दिन में शरीर पर दाने निकलने लग जाते हैं।
वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स को 'वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल' घोषित कर दिया है।
इसका ऐलान करते हुए WHO प्रमुख डॉ टेड्रोस अधेनोम गेब्रिएसेस ने कहा, "हमारे सामने एक प्रकोप है जो नए-नए तरीकों से दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है। इसके बारे में हमें बहुत कम पता है। इसलिए हमने फैसला किया है कि मंकीपॉक्स को 'वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल' घोषित किया जाए।"
यह उच्चतम स्तर का अलर्ट है। यह इस बीमारी के खिलाफ एकजुट प्रयासों को प्रोत्साहित करेगा।