कोराना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी मिली है कोवैक्सिन- ICMR अध्ययन
क्या है खबर?
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के थमने के बाद अब विशेषज्ञ तीसरी लहर आने की आशंका जता रहे हैं। IIT कानपुर और IIT हैदराबाद के प्रोफेसरों ने तो इसी महीने तीसरी लहर आने की चेतावनी दी है।
इसी बीच एक बड़ी राहत की खबर आई है। दरअसल, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के ताजा अध्ययन में देश की स्वदेशी वैक्सीन 'कोवैक्सिन' को वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ भी खासा प्रभावी पाया गया है।
जानकारी
डेल्टा के म्यूटेशन के बाद सामने आया था डेल्टा प्लस वेरिएंट
भारत में महामारी की दूसरी लहर के बाद सामने आया अत्यधिक संक्रामक डेल्टा प्लस वेरिएंट AY.1 या B.1.617.2.1) डेल्टा के म्यूटेशन से ही बना है।
भारत में अब तक इस वेरिएंट से सैकड़ों लोगों को संक्रमित पाया जा चुका है। अकेले त्रिपुरा में सैकड़ों लोगों को इस खतरनाक वेरिएंट से संक्रमित पाया जा चुका है।
विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस का यह वेरिएंट विभिन्न वैक्सीन और पुराने वेरिएंटों के खिलाफ बनी एंटीबॉडी से भी बच सकता है।
अध्ययन
ICMR के अध्ययन में प्रभावी मिली है 'कोवैक्सिन'
ICMR की ओर से कहा गया है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट के सामने आने तथा विशेषज्ञों के इस पर वैक्सीन के कम प्रभावी होने की बात कहने के बाद कोवैक्सिन के इस वेरिएंट पर प्रभाव की जांच की गई थी।
इसमें सामने आया है कि वैक्सीन वायरस के इस वेरिएंट के खिलाफ भी काफी प्रभावी है।
हालांकि, ICMR ने अभी तक इसका खुलासा नहीं किया है कि आखिर कोवैक्सिन डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ कितनी प्रभावी साबित हुई है।
प्रभावी
महामारी के गंभीर लक्षणों के खिलाफ 93.4 प्रतिशत प्रभावी रही है वैक्सीन
भारत बायोटेक की ओर से 3 जुलाई को तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के परिणाम जारी किए थे।
इसमें कहा गया था कि कोवैक्सीन महामारी के गंभीर लक्षणों के खिलाफ 93.4 प्रतिशत, हल्के और मध्यम लक्षणों के खिलाफ 78 प्रतिशत, डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 65 प्रतिशत और बिना लक्षणों वाले मरीजों पर 63 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है।
कंपनी ने देशभर के 25 अस्पतालों में 18-98 साल के 25,800 वॉलेंटियर्स पर वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल किया था।
अनुमति
जल्द मिल सकती है WHO से अनुमति
बता दें कि कोवैक्सिन को अब जल्द ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से भी अनुमति मिल सकती है।
पिछले महीने WHO की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा था कि वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के डाटा को अच्छा है और इसे अगस्त के आखिर तक मंजूरी दी जा सकती है।
इसी तरह स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने पिछले सप्ताह राज्यसभा में बताया था कि WHO ने कोवैक्सिन के डाटा की समीक्षा करना शुरू कर दिया है।
जानकारी
कोवैक्सिन को इन देशों में मिल चुकी है इस्तेमाल की मंजूरी
भले ही कोवैक्सिन को WHO से मंजूरी नहीं मिली, लेकिन इसके बाद भी उसे भारत के अलावा ब्राजील, फिलीपींस, ईरान और मैक्सिको सहित 16 देशों में आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। इसके अलावा 50 देश भी इसे मंजूरी देने की प्रक्रिया में हैं।
पृष्ठभूमि
भारतय बायोटेक ने ICMR के साथ मिलकर तैयार की है कोवैक्सिन
बता दें कि भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ मिलकर कोवैक्सिन को विकसित किया है और यह पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन है। इसे कोरोना वायरस को ही निष्क्रिय करके विकसित किया गया है।
इसके लिए ICMR ने भारत बायोटेक को जिंदा वायरस प्रदान किया था, जिसे निष्क्रिय करके कंपनी ने वैक्सीन विकसित की है। भारत के अलावा अन्य दर्जनों देशों ने भी इसकी खुराकें मांगी जा रही हैं।
चेतावनी
विशेषज्ञों ने जताई है तीसरी लहर के अक्टूबर में चरम पर पहुंचने की आशंका
IIT कानपुर और IIT हैदराबाद के प्रोफेसरों का अनुमान है कि महामारी की तीसरी लहर इसी महीने में भारत में दस्तक दे सकती है और अक्टूबर में यह चरम पर पहुंचेगी।
प्रोफेसरों का कहना है कि तीसरी लहर दूसरी लहर की तुलना में कम खतरनाक होगी और पीक के दौरान दैनिक मामलों की संख्या एक लाख के करीब जा सकती है।
ऐसे में कोवैक्सिन का डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी मिलना बड़़ी ही राहत की खबर है।