कौन है मसरत आलम, जिसके संगठन पर गृह मंत्रालय ने लगाया प्रतिबंध?
देश विरोधी गतिविधियों को लेकर केंद्र सरकार की कार्रवाई लगातार जारी है। अब गृह मंत्रालय ने 'मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट) को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत गैरकानूनी घोषित कर दिया है। इस संगठन और इसके सदस्यों पर जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी जानकारी दी है। आइए जानते हैं कि मसरत आलम कौन है।
कौन है मसरत आलम?
मसरत का जन्म साल 1971 में श्रीनगर में हुआ था। उसे 1990 में आतंकवादी मुश्ताक अहमद भट के लिए काम करने के आरोप में पहली बार गिरफ्तार किया गया था। 90 के दशक में ही मसरत ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से जुड़ गया और कई बार जेल भी गया। फिलहाल वो जम्मू कश्मीर मुस्लिम लीग (MLJK-MA) गुट का अध्यक्ष है। मसरत 2021 से ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के गिलानी गुट का अंतरिम अध्यक्ष भी है।
दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है मसरत
मसरत पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकी फंडिंग केस में मामला दर्ज किया है। फिलहाल वो दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। 2010 में घाटी में हुई कई रैलियों और पथराव की घटनाओं के बाद मसरत को गिरफ्तार कर लिया गया था। 2015 तक मसरत हिरासत में था, लेकिन 2015 में मुफ्ती मोहम्मद सईद के जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री बनने के बाद मसरत को रिहा कर दिया गया था।
मसरत पर दर्ज हैं 27 मामले
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मसरत के खिलाफ 27 आपराधिक मामले दर्ज हैं। हालांकि, इनमें से ज्यादातर में उसे अदालतों ने या तो दोषमुक्त करार दिया है या जमानत दे दी है। 2015 में श्रीनगर में एक रैली में पाकिस्तान समर्थित और भारत विरोधी नारे लगाने और पाकिस्तान का झंडा फहराने के बाद मसरत को दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया था। मसरत ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का भी समर्थन किया था।
विवादित बयान देता रहा है मसरत
मसरत विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में रहा है। मसरत ने कहा था, "राज्य दशकों से हमारे खिलाफ बल प्रयोग कर रहा है, लेकिन यह हमें अपने लक्ष्य के लिए लड़ने से नहीं रोकेगा। हमारे लिए इसमें कोई अंतर नहीं है कि सरकार में कौन है। वे सभी एक जैसे हैं।" एक अन्य बयान में मसरत ने खुद को बचपन से ही पत्थर फेंकने वाला खिलाड़ी बताया था। घाटी में बाढ़ के दौरान भी मसरत ने विवादित बयान दिया था।
शाह बोले- देश के खिलाफ काम करने को बख्शा नहीं जाएगा
गृह मंत्री शाह ने ट्वीट कर लिखा, 'मसरत आलम ग्रुप के सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं। आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं। सरकार का संदेश जोरदार और स्पष्ट है कि हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानून के प्रकोप का सामना करना पड़ेगा।'