LOADING...
IAS अधिकारी शशिकांत सेंथिल ने दिया इस्तीफा, कहा- लोकतंत्र की बुनियाद को ढहाया जा रहा है

IAS अधिकारी शशिकांत सेंथिल ने दिया इस्तीफा, कहा- लोकतंत्र की बुनियाद को ढहाया जा रहा है

Sep 06, 2019
06:01 pm

क्या है खबर?

दक्षिण कन्नड़ के डिप्टी कमिश्नर (DC) शशिकांत सेंथिल ने शुक्रवार को भारतीय प्राशसनिक सेवा (IAS) से इस्तीफा दे दिया। निजी कारणों का हवाला देते हुए सेंथिल ने लिखा, 'मेरा इस्तीफा किसी से या मेरे पद से जुड़े किसी इवेंट से जुड़ा हुआ नहीं है।' हालांकि, उन्होंने लिखा कि ऐसे मौके पर जब विविधता भरे लोकतंत्र के मूल आधारों को अभूतपूर्व ढंग से ढहाया जा रहा है, उनका सेवा में बने रहना अनैतिक है। आइये, यह पूरी खबर जानते हैं।

जानकारी

देश के लिए चुनौतीपूर्ण होंगे आने वाले दिन- सेंथिल

अपने इस्तीफा पत्र में सेंथिल ने लिखा, 'मुझे लगता है कि आने वाले दिन देश के तानेबाने को चुनौती देने वाले होंगे और मेरे लिए यह बेहतर है कि मैं IAS से बाहर रहकर लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम करता रहूं।'

ट्विटर पोस्ट

यहां पढ़िये सेंथिल का नोट

करियर

CCD संस्थापक की आत्महत्या मामले की जांच कर रहे थे सेंथिल

सेंथिल कैफे कॉफी डे (CCD) के संस्थापक वीजी सिद्धार्थ की आत्महत्या मामले की जांच कर रहे थे। वह पिछले सप्ताह भर से छुट्टी पर थे। तमिलनाडु के रहने वाले 40 वर्षीय सेंथिल को जून, 2017 में दक्षिण कन्नड का DC बनाया गया था। वो चित्रदुर्ग और रायचूर जिलों में भी DC रह चुके हैं। इंजिनियरिंग की पढ़ाई करने वाले सेंथिल 2009 और 2012 के बीच बल्लारी में असिस्टेंट कमिश्नर रहे थे।

इस्तीफा

कन्नन गोपीनाथन भी दे चुके हैं इस्तीफा

सेंथिल से पहले एक और IAS अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने इस्तीफा दिया था। कन्नन ने कश्मीर में मूल अधिकारों के हनन और पाबंदियों के विरोध में अपना पद छोड़ा था। उन्होंने कहा था कि कश्मीर में 20 दिनों से लाखों लोगों के मूल अधिकार निलंबित हैं और भारत में कई लोगों को ये ठीक लग रहा है। अनुच्छेद 370 को हटाना मुद्दा नहीं है, बल्कि नागरिकों को इस पर प्रतिक्रिया देने का अधिकार न देना असली मुद्दा है।

सवाल

शाह फैसल को हिरासत में लिए जाने पर गोपीनाथन ने उठाए सवाल

गोपीनाथन ने कहा कि कश्मीर के लोग फैसले का स्वागत कर सकते हैं या इसका विरोध कर सकते हैं, ये उनका अधिकार है। उन्होंने कहा, "जब एक पूर्व IAS अधिकारी (शाह फैसल) को एयरपोर्ट से हिरासत में लिया गया, तब भी सिविल सोसाइटी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। ऐसा लगता है कि देश में ज्यादातर लोगों को इससे कोई दिक्कत नहीं है।" सात साल से IAS अधिकारी गोपीनाथन ने इन्हें मुद्दों पर 21 अगस्त को इस्तीफा दिया था।