
विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे जेल से रिहा, ऑस्ट्रेलिया वापस लौटेंगे
क्या है खबर?
कई वर्षों तक चले कानूनी विवाद के बाद विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे जेल से रिहा हो गए हैं। वे ब्रिटेन की जेल में बंद थे।
सोमवार रात जारी किए गए अदालती दस्तावेजों के अनुसार, असांजे ने अपनी रिहाई के बदले में सैन्य रहस्यों को उजागर करने के लिए अमेरिकी अदालत में दोषी करार दिए जाने पर सहमति जताई है।
असांजे ने पिछले 5 साल ब्रिटेन की जेल में बिताए, जहां से वह अमेरिका प्रत्यर्पण के खिलाफ लड़ रहे थे।
बयान
असांजे रिहा हो गए हैं- विकिलीक्स
विकिलीक्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बयान जारी किया है।
उन्होंने कहा, 'जूलियन असांजे रिहा हो गए हैं। 1,901 दिन जेल में बिताने के बाद 24 जून की सुबह वे बेलमार्श मैक्सिमम सिक्योरिटी जेल से बाहर आ गए। लंदन के हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी और दोपहर में उन्हें स्टैनस्टेड एयरपोर्ट पर रिहा कर दिया गया, जहां से वे विमान में सवार होकर ब्रिटेन से रवाना हो गए।'
ट्विटर पोस्ट
देखें वीडियो
Julian Assange boards flight at London Stansted Airport at 5PM (BST) Monday June 24th. This is for everyone who worked for his freedom: thank you.#FreedJulianAssange pic.twitter.com/Pqp5pBAhSQ
— WikiLeaks (@wikileaks) June 25, 2024
रिपोर्ट
दोषी करार की सहमति के बाद जेल से रिहा क्यों?
असांजे को समझौते के तहत एक आरोप में दोषी ठहराया जाएगा। जिसको 26 जून को उत्तरी मारियाना द्वीप की एक अदालत में अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है।
रिपोर्ट के अनुसार, असांजे को 62 महीने जेल की सजा सुनाई जा सकती है, जिसमें ब्रिटेन में जेल में बिताए गए लगभग 5 साल भी शामिल हैं। इस कारण उनको और समय जेल में नहीं रहना पड़ेगा और वे अपने देश ऑस्ट्रेलिया लौट सकते हैं।
मामला
क्या है मामला?
52 वर्षीय ऑस्ट्रेलिया के नागरिक असांजे ने 2006 में विकिलीक्स की संस्थापना की थी।
उनकी वेबसाइट विकिलीक्स 2007 में अमेरिका की एक जेल में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन के खुलासे से चर्चा में आई थी।
इसके बाद उन्होंने कई न्यूज संगठनों के साथ मिलकर अमेरिकी सेना और सरकार से संबंधित लाखों गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक किया था।
इसको लेकर उनपर अमेरिका में कई मामले चल रहे हैं, लेकिन अमेरिका उनको कभी अपनी हिरासत में नहीं ले पाया।
विस्तार
लंदन में हुए थे गिरफ्तार
2010 में असांजे पर स्वीडन की 2 महिलाओं ने रेप के मुकदमे दर्ज कराए, जिसके बाद उन्हें लंदन में गिरफ्तार किया गया और जमानत पर रिहा कर दिया गया था। हालांकि, 2012 में ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामलों की जांच के लिए उनका स्वीडन प्रत्यर्पण जरूरी है।
असांजे का मानना था कि ये मामले उनको अमेरिका प्रत्यर्पण करने की साजिश है।
प्रत्यर्पण के खतरे को टालने के लिए उन्होंने इक्वाडोर के लंदन दूतावास में शरण ले ली।
शरण
इक्वाडोर ने छीनी शरण, हुए गिरफ्तार
लगभग 7 सालों तक इक्वाडोर के लंदन दूतावास में शरण लेने के बाद असांजे को 2019 में गिरफ्तार कर लिया गया था।
दरअसल, मई 2017 तक स्वीडन में उनके खिलाफ चल रहे सारे मुकदमे बंद हो गए थे, लेकिन अमेरिका प्रत्यर्पण के डर से उन्होंने दूतावास नहीं छोड़ा।
फिर इक्वाडोर सरकार ने उन पर राष्ट्रपति लेनिन मोरेनो की निजी जानकारी लीक करने का आरोप लगाया, जिसके बाद उनसे शरण वापस ले ली गई।