उद्धव ठाकरे के खिलाफ टिप्पणी करना शख्स को पड़ा महंगा, शिवसैनिको ने किया गंजा
क्या है खबर?
मुंबई में एक व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखने के लिए कारण शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने उसके साथ मारपीट की और उसके बाल काट दिए।
वडाला के रहने वाले हिरामणि तिवारी ने कहा कि उन्होंने दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी में हुई पुलिस की कार्रवाई की जलियांवाला बाग कांड से तुलना करने पर ठाकरे के खिलाफ टिप्पणी की थी।
आइये, यह पूरी खबर जानते हैं।
दावा
पुलिस ने डाला समझौता करने का दबाव- पीड़ित
तिवारी ने कहा, "19 दिसंबर को मैंने मुख्यमंत्री ठाकरे द्वारा जामिया हिंसा की जलियांवाला कांड से तुलना करने को गलत बताया था। उसके बाद 25-30 लोगों ने मेरे साथ मारपीट की और मेरे बाल काटकर मुझे गंजा कर दिया।"
उन्होंने कहा, "मैं पुलिस थाने गया। पुलिस ने रिपोर्ट बनाई कि मेरी पिटाई हुई है, लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने नया पत्र तैयार किया और मुझे समझौता करने को कहा। मैं इस मामले में कड़ी कार्रवाई चाहता हूं।"
पोस्ट
तिवारी ने फेसबुक पर लिखी थी पोस्ट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तिवारी ने फेसबुक पर अपने पोस्ट में उद्धव ठाकरे को 'टकला' कहकर संबोधित किया था।
इस पोस्ट की जानकारी शिवसैनिकों को लगते ही उन्होंने तिवारी को ढूंढ निकाला और उनके साथ मारपीट की।
विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल जैसे दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़े रहे तिवारी ने कहा कि उनकी पिटाई करने वाले लोगों को कानून हाथ में लेने की बजाय उसके पोस्ट पर कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए थी।
जानकारी
पुलिस का इस मामले में क्या कहना है?
मुंबई पुलिस के प्रवक्ता प्रणय अशोक ने कहा कि तिवारी की शिकायत पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है, जबकि दूसरे पक्ष को कानून-व्यवस्था हाथ में नहीं लेने की चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है।
बयान
क्या था उद्धव ठाकरे का बयान?
17 दिसंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई की जालियांवाला बाग में हुए हत्याकांड से तुलना की थी।
उन्होंने कहा था, "जामिया यूनिवर्सिटी में जो हुआ वह जलियांवाला बाग की तरह था। छात्र युवा बम की तरह होते हैं। इसलिए हम सरकार से मांग करते हैं कि वह छात्रों का साथ ऐसा बर्ताव नहीं करना चाहिए।"
गौरतलब है कि पुलिस ने यूनिवर्सिटी में घुसकर छात्रों पर लाठीचार्ज किया था।
जानकारी
नागरिकता कानून पर क्या है शिवसेना का स्टैंड?
शिवसेना ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर सरकार के समर्थन में वोट डाला था, जबकि राज्यसभा में वोटिंग के समय वॉक-आउट कर दिया था। पार्टी का कहना था कि बिल को लेकर उसके सवालों के जवाब नहीं दिए गए हैं।