महिलाओं के भारी समर्थन के कारण AAP की प्रचंड जीत, लेकिन कैबिनेट में कोई महिला नहीं
क्या है खबर?
अरविंद केजरीवाल ने आज लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ मनीष सिसोदिया समेत छह मंत्रियों ने भी शपथ ली।
इन मंत्रियों में एक भी महिला शामिल नहीं है। इसे लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं, विशेषकर ये देखते हुए कि आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रचंड जीत के साथ सत्ता में वापसी में महिला वोटर्स का बड़ा योगदान रहा है।
महिलाओं ने AAP को बढ़-चढ़कर वोट दिया था।
महिलाओं का समर्थन
कैसे AAP की प्रचंड जीत का कारण बनीं महिलाएं?
दिल्ली की महिलाओं ने AAP को पुरुषों के मुकाबले अधिक वोट दिया है। जहां 49 प्रतिशत पुरुषों ने AAP को वोट दिया, वहीं महिलाओं में 60 प्रतिशत वोटर्स ने AAP को वोट दिया।
भाजपा और AAP को मिले महिला वोटों में 25 प्रतिशत अंतर है, जबकि पुरुषों में ये अंतर मात्र छह प्रतिशत है।
महिलाओं का यही भारी समर्थन AAP की बड़ी जीत का कारण बना और उसने 70 में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की।
महिला विधायक
AAP के विधायकों में आठ महिलाएं
लेकिन अब जब नई AAP सरकार की कैबिनेट निर्धारित की गई तो उसमें एक भी महिला को जगह नहीं मिली है और केजरीवाल ने अपनी पुरानी कैबिनेट को ही बरकरार रखा है।
ऐसा नहीं है कि AAP के पास काबिल महिला विधायकों की कमी है। इस बार चुनकर आए उसके विधायकों में आठ महिलाएं हैं जो पिछली बार छह के मुकाबले ज्यादा हैं।
AAP ने नौ महिला उम्मीदवार चुनाव में उतारी थीं, जिनमें से सरिता सिंह हार गईं।
काबिल महिला विधायक
आतिशी को शिक्षा मंत्री बनाए जाने की थी उम्मीद
AAP की काबिल महिला विधायकों में सबसे पहला नाम आतिशी का है जो कालकाजी सीट से जीतकर आई हैं।
दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को बदलने वाली नीतियों में आतिशी का एक अहम योगदान रहा था और वो उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की सबसे करीबी सहयोगी रहीं थीं।
वे सेंट स्टीफंस कॉलेज और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर चुकी हैं।
उम्मीद की जा रही थी कि उन्हें शिक्षा मंत्रालय दिया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
जानकारी
AAP सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रह चुकी हैं राखी बिड़ला
मंगोलपुरी से तीसरी बार विधायक चुन कर आईं राखी बिड़ला भी 2013-14 में AAP की पहली सरकार में महिला और बाल, सामाजिक न्याय और भाषा मंत्री रह चुकी हैं। हालांकि उन्हें इस बार कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है।
बयान
मनीष सिसोदिया बोले, लोग कैबिनेट के काम से खुश
कैबिनेट में किसी महिला को जगह नहीं मिलने पर रविवार सुबह समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए मनीष सिसोदिया ने पुरानी कैबिनेट को बरकरार रखने के केजरीवाल के फैसले का बचाव किया।
उन्होंने कहा, "अगर अरविंद केजरीवाल जी सोचते हैं कि उसी कैबिनेट को बरकरार रखना है तो इसमें कुछ गलत नहीं है। लोग कैबिनेट के काम से खुश हैं और हम काम के आधार पर चुनाव जीते हैं। हम लोगों का भरोसा बरकरार रखने में कामयाब होंगे।"
जानकारी
दिल्ली में नहीं हो सकते छह से ज्यादा मंत्री
कैबिनेट में किसी महिला को जगह न मिलने के पीछे एक बड़ा फैक्टर दिल्ली में मंत्रियों की संख्या की सीमा भी है। दरअसल, नियमों के अनुसार दिल्ली में छह से ज्यादा मंत्री नहीं रह सकते और इसी कारण कैबिनेट का विस्तार नहीं किया जा सका।