राज्य सरकारें और विशेषज्ञ कर रहे लॉकडाउन बढ़ाने का अनुरोध, केंद्र सरकार कर रही विचार
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो राज्यों और विशेषज्ञों ने 21 दिन के लॉकडाउन को बढ़ाने का अनुरोध किया है और केंद्र सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। हालांकि सरकार का कहना है कि अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है और अटकलें न लगाई जाएं। बता दें कि सरकार कहती रही है कि 10 अप्रैल तक के आंकड़े देखने के बाद ही लॉकडाउन को जारी रखने या हटाने पर कोई फैसला लिया जाएगा।
14 अप्रैल को खत्म होना है 21 दिन का मौजूदा लॉकडाउन
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान किया था। ये लॉकडाउन 14 अप्रैल तक चलना है और आज इसका 14वां दिन है। कोरोना के प्रसार पर इस लॉकडाउन का कितना प्रभाव पड़ा है, अभी इस पर पुख्ता आंकड़े सामने नहीं आए हैं। लेकिन अन्य देशों से तुलना करने पर प्रतीत होता है कि भारत अभी तक इसे तेजी से फैलने से रोकने में कामयाब रहा है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री समेत कुछ राज्यों ने किया लॉकडाउन बढ़ाने का अनुरोध
इस बीच केंद्र सरकार और राज्यों में लॉकडाउन के बाद की स्थिति पर गहन चर्चा हो रही है और तमाम तरीकों पर विचार किया जा रहा है। कुछ राज्य केंद्र सरकार से लॉकडाउन बढ़ाने का अनुरोध भी कर चुके हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा था कि उनका व्यक्तिगत विचार है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश और पंजाब के शीर्ष अधिकारी और महाराष्ट्र के एक मंत्री भी इसे बढ़ाने का संकेत दे चुके हैं।
राजस्थान और असम ने कही चरणों में लॉकडाउन हटाने की बात
वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अचानक से लॉकडाउन न हटाने और 14 अप्रैल के बाद इसे चरणों में हटाने की बात कही है। इसके अलावा असम सरकार भी चरणों में लॉकडाउन हटाने की बात कह चुकी है। राज्य के वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने कहा, "हम नहीं चाहते कि 15 अप्रैल की सुबह सबकुछ खुल जाए। हम चाहते हैं कि लॉकडाउन को व्यवस्थित और वैज्ञानिक तरीके से हटाया जाए ताकि लॉकडाउन का फायदा बर्बाद न हो।"
10 अप्रैल तक के आंकड़ों पर गौर करने के बाद ही फैसला संभव
अब केंद्र सरकार इन सभी रास्तों पर माथापच्ची कर रही है और प्रधानमंत्री मोदी ने पूरी कैबिनेट को इस काम में लगाया हुआ है। खबरों की मानें तो 10 अप्रैल तक के आंकड़ों पर विचार करने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने पेश की थी आक्रामक रोकथाम योजना
बता दें कि हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर 20 पेज का एक दस्तावेज अपलोड किया था जिसमें लॉकडाउन के बाद रोकथाम की रणनीति के बारे में बताया गया था। इसमें जिन इलाकों में कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं उन्हें एक महीने तक सील करने और बाकी जगहों पर पाबंदियां हटाने की बात कही गई है। सील किए गए इलाकों में किसी भी तरह के आवागमन और आवाजाही की इजाजत नहीं होगी।
भारत में कोरोना वायरस की क्या स्थिति?
मंगलवार सुबह नौ बजे तक भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के 4,421 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 114 लोगों को वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है, वहीं 326 को सफल इलाज के बाद घर भेजा जा चुका है। महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य है और यहां अब तक 748 मामले सामने आ चुके हैं। इसके अलावा राज्य में 45 लोगों की कोरोना वायरस की वजह से मौत हुई है।