सीमा विवाद: लद्दाख में अपने सैनिकों को पीछे हटाने को कैसे तैयार हुआ चीन?
क्या है खबर?
रविवार सुबह सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को बताया कि चीनी सेना गलवान घाटी के Y जंक्शन से अपने सैनिक पीछे हटा रही है। ये सैनिक वापस अपने बेस कैंपों में जा रहे हैं।
उसी शाम राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) और सीमा विवाद पर विशेष प्रतिनिधि अजित डोवाल ने चीन के विदेश मंत्री और विशेष प्रतिनिधि वांग यी से बात की। फिर खबरें आई कि चीन की सेना आखिरकार पीछे हट रही है।
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डोवाल ने दिया इस बात पर जोर
डोवाल ने चीनी प्रतिनिधि के साथ हुई बातचीत में इस बिंदु पर जोर दिया कि 1,597 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति बनाए रखने के लिए भारतीय सेना की पेट्रोलिंग को तय चार स्थानों तक बहाल करने की जरूरत है।
सीमा विवाद
सबसे पहले गोगरा और हॉट स्प्रिंग से पीछे हट रहे सैनिक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने सोमवार शाम तक विवाद और तनाव का केंद्र बने चार स्थानों से सेना को हटाना शुरू कर दिया था। ये चार स्थान- गलवान घाटी, गोगरा, हॉट स्प्रिंग और पेंगोंग त्सो झील हैं।
चीन के साथ-साथ भारत ने भी गलवान घाटी से अपने सैनिकों को पीछे बुला लिया है।
सबसे पहले गोगरा (पेट्रोलिंग प्वाइंट 14) और हॉट स्प्रिंग (पेट्रोलिंग प्वाइंट 17) से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई है।
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अपने निर्माण कार्यों को ध्वस्त कर रही चीनी सेना
सैनिकों को हटाने के साथ-साथ चीन LAC के पास किए गए अपने निर्माण कार्यों को भी ध्वस्त कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि जब तक चीनी सेना पूरी तरह वहां से पीछे नहीं हटेगी, तब तक भारतीय सैनिक इलाके में तैनात रहेंगे।
बातचीत
जल्द होगी WMCC की बैठक
सीमा पर जारी तनाव कम करने की दिशा में उठाया गया यह पहला कदम है।
डोवाल और वांग अपनी बातचीत में इस बात पर सहमत हुए कि दोनों देशों की सेनाएं अपने तय स्थानों तक पेट्रोलिंग करती रहेगी और किसी भी प्रकार की झड़प या टकराव से बचेगी।
इसके अलावा दोनों देशों की बीच जल्द होने वाली वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कॉर्डिनेशन (WMCC) की बैठक में इन फैसलों को लागू करने पर चर्चा होगी।
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तीन सप्ताह बाद फिर होगी डोवाल और वांग की बैठक
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, डोवाल और वांग की अगली बैठक तीन सप्ताह बाद होगी। माना जा रहा है कि तब तक दोनों देश सेना को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर चुके होंगे।
बातचीत
कई प्रयासों के बाद तनाव कम होने की हुई शुरुआत
गौरतलब है कि विवादित स्थानों पर सैनिकों की आमने-सामने तैनाती और तनाव कम करने के लिए सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर कई प्रयास हो रहे थे।
भारत की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मिलकर अजिल डोवाल बातचीत की डोर संभाले हुए थे।
वहीं गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी स्थिति से अवगत कराया जा रहा था। साथ ही सेना के कमांडर भी बातचीत में लगे हुए थे।
सीमा विवाद
अप्रैल की स्थिति को वापस चाहता है भारत
जानकारों का कहना है कि भारत चीन पर दबाव बनाएगा कि वह सैनिकों की तैनाती के मामले में अप्रैल की स्थिति बहाल करे।
हालांकि, उनका यह भी मानना है कि इस पूरी प्रक्रिया में काफी समय लगेगा। सेना के कमांडर हर स्थान पर बातचीत कर स्थिति को सामान्य करने के प्रयास करेंगे।
विशेषज्ञों ने कहा कि भारत को आखिर में पेंगोंग झील के उत्तरी किनारे तक पेट्रोलिंग का हक वापस मिल गया है, जिसे सफलता माना जा सकता है।