राजनाथ सिंह की मौजूदगी में भारत को 19 सितंबर को पहला राफेल विमान सौंपेगा फ्रांस
कुछ दिन बाद भारत को पहला राफेल विमान मिल जाएगा। फ्रांस औपचारिक रूप से 19 सितंबर को भारत को पहला राफेल विमान सौंपेगा। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, इसके लिए फ्रांस के मैरिग्नेक में उद्घाटन समारोह का आयोजन होगा, जिसमें हिस्सा लेने के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ जाएंगे। कुल 36 विमानों मेंं से चार विमानों का पहला बैच अगले साल अप्रैल-मई में भारत आएगा। समझौते के तहत सभी 36 विमान सितंबर, 2022 तक भारत को मिलेंगे।
राजनीति का अखाड़ा रहा राफेल समझौता
भारत ने 23 सितंबर, 2016 को फ्रांस से 36 राफेल विमानों का सौदा किया था। इसकी कीमत 59,000 करोड़ रुपये थी। यह समझौता होने के बाद से ही भारतीय राजनीति में इसे लेकर खूब हंगामा हुआ। 2019 चुनावों में यह विपक्ष का बड़ा मुद्दा था।
अंबाला और हसीमारा में तैनात होंगे राफेल
वायुसेना की घटती युद्धक क्षमता को देखते हुए भारत सरकार ने 2016 में यह फ्रांस के साथ यह सौदा किया था। वायुसेना के पास अभी कुल 31 फाइटर स्क्वॉड्रन है, जबकि पाकिस्तान और चीन के साथ दो मोर्चों पर युद्धों के लिए उसे कम से कम 42 स्क्वॉड्रन की जरूरत है। राफेल की दो स्क्वॉड्रन में से एक को हरियाणा के अंबाला और दूसरी को पश्चिम बंगाल के हसीमारा में तैनात किया जाएगा।
पेरिस में हो रही है पायलटों की ट्रेनिंग
वायुसेना ने नए लड़ाकू विमानों को उड़ाने और उनकी देखरेख की ट्रेनिंग के लिए पायलटों और तकनीशियनों को ट्रेनिंग के लिए पेरिस भेजा है। ये पायलट और तकनीशियन भारत में विमानों को उड़ाने और देखरेख की जिम्मेदारी संभालेंगे।
इन क्षमताओं से लैस हैं नए राफेल विमान
भारत को मिलने वाले इन लड़ाकू विमानों में यूरोप की जानी-मानी डिफेंस कंपनी MBDA मिसाइल सिस्टम द्वारा तैयार की गई मेटेयोर मिसाइल लगी हुई है। इसके अलावा इन विमानों को भारतीय वायुसेना की जरूरतों की हिसाब से तैयार किया गया है। ये विमान हेलमेट-माउंटेड साइट, राडार वॉर्निंग रिसीवर, फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर, इंफ्रारेड सर्च और ट्रैक सिस्टम, जैमर्स और ऊंचे इलाकों से उड़ान भरने के लिए कोल्ड इंजन स्टार्ट कैपेबिलिटी से लैस है।