
क्या है अपाचे हेलीकॉप्टर की खासियत और इनसे भारतीय सेना को कैसे मिलेगी मजबूती?
क्या है खबर?
सरकार बीते कुछ सालों से लगातार भारतीय सेना की ताकत बढ़ाने पर काम कर रही है। यही कारण है कि सेना के बेड़े में कई घातक हथियार और मिसाइलें शामिल हो चुकी हैं। इसी बीच मंगलवार को सेना को एक और बड़ी ताकत मिल गई है। दरअसल, भारत को अमेरिका से 3 नए अपाचे हेलीकॉप्टर की खेप मिल गई है। इन्हें सुबह गाजियाबाद के हिंडन हवाई अड्डे पर उतारा गया है। ऐसे में आइए इन हेलीकॉप्टर की खासियत जानते हैं।
सौदा
2020 में हुआ था 6 अपाचे हेलीकॉप्टर का सौदा
भारत ने 2015 में अमेरिका और बोइंग कंपनी से 22 अपाचे हेलीकॉप्टर का सौदा किया था। पहली खेप की सप्लाई जुलाई, 2020 में हो चुकी थी। उसके बाद साल 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे पर 6 नए हेलीकॉप्टर के लिए करीब 5,000 करोड़ रुपये का सौदा हुआ था। इसकी आपूर्ति मई-जून 2024 को होनी थी, लेकिन अब लगभग 15 महीने के बाद इनकी सप्लाई हो रही है। हालांकि, शेष 3 हेलीकॉप्टर साल के अंत तक आएंगे।
तैनाती
जोधपुर में स्थापित स्क्वाड्रन करेगा संचालन
भारत को मिले 3 नए अपाचे हेलीकॉप्टर का संचालन मार्च 2024 में जोधपुर में स्थापित 451 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन करेगा। इन हेलीकॉप्टरों को भारत की पश्चिमी सीमा की रक्षा के लिए तैनात किया जाएगा। इसी तरह नवंबर 2025 में आने वाले शेष 3 अपाचे हेलीकॉप्टर को पंजाब, राजस्थान या गुजरात सीमा के आसपास तैनात किया जा सकता है। बता दें कि भारत के पास पहले से ही 2 अपाचे स्क्वाड्रन सक्रिया हैं, जिसमें एक पठानकोट और दूसरा जोरहाट में है।
खासियत
क्या है अपाचे हेलीकॉप्टर की खासियत?
अपाचे AH-64E हमलावर हेलीकॉप्टर का निर्माण अमेरिकी कंपनी बोइंग करती है। ये हेलीकॉप्टर अपनी चपलता, मारक क्षमता और लक्ष्यों पर अचूक निशाना साधने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते हैं। ये हेलीकॉप्टर 300 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार और 20,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम हैं। इनमें युद्ध के लिहाज से आवश्यक सभी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है, जो खुद को घातक हथियार बनाता है।
तोप
आसमान में उड़ने वाली तोप के रूप में मशहूर हैं अपाचे हेलीकॉप्टर
अपाचे हेलीकॉप्टर की पहचान आसमान में उड़ने वाली तोप के रूप में की जाती है। इसका कारण है कि इसमें कई शक्तिशाली गन लगी हुई हैं, जिनकी मदद से यह लड़ाकू हेलिकॉप्टर हर एक मिनट में 625 राउंड की दर से गोलीबारी करने में सक्षम होता है। इसमें लॉन्गबो रडार का प्रणाली का इस्तेमाल भी किया गया है। इसकी मदद से हेलीकॉप्टर 60 सेकंड में ही 128 गतीशील लक्ष्यों को ढूंढकर उन पर तीखा हमला कर सकता है।
क्षमता
रात के अंधरे में और खराब मौसम में भी हमला करने में सक्षम
अपाचे हेलीकॉप्टर में आधुनिक टारगेट एक्विजिशन एंड डिजाइनेशन सिस्टम (TADS) और नाइट विजन सेंसर भी लगे हुए हैं, जो इसे रात के अंधेरे और खराब मौसम में भी लक्ष्यों को ढूंढकर तबाह करने में सक्षम बनाते हैं। इसमें मौजूद ड्रोन नियंत्रण और डाटा लिंक क्षमता हेलीकॉप्टर को ड्रोन हमलों से बचाने और उसकी दूरी का अंदाजा लगाकर हमला करने में सक्षम बनाती है। इसमें लगी स्ट्रिंग मिसाइल हवा से हवा में लक्ष्य को नष्ट करने में सक्षम है।
जानकारी
हेलीकॉप्टर में लगा है AGM-114 हेलफायर मिसाइल सिस्टम
अपाचे हेलीकॉप्टर AGM-114 हेलफायर मिसाइल सिस्टम से भी सुसज्जित है। इसकी मदद से यह बख्तरबंद वाहनों, टैंक रोधी और लेजर-गाइडेड मिसाइलों को भी नष्ट करने में सक्षम होता है। एयर-टू-ग्राउंड रॉकेट जमीन पर लक्ष्यों को निशाना बनाता है।
बढ़ावा
सैन्य तैयारियों को मिलेगा बढ़ावा
भारतीय सेना की एविएशन कोर टोही, घायल सैनिकों की निकासी और दूसरे प्रमुख मिशनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके मौजूदा संसाधनों में स्वदेशी उन्नत हल्का हेलीकॉप्टर (ALH) ध्रुव, रुद्र, चीता, चेतक और हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH) शामिल है। इस बीच अब अपाचे हेलीकॉप्टर के आने से सेना के पश्चिमी सीमा पर आक्रामक और रक्षात्मक अभियानों को बड़ी मजबूती मिलेगी और वह चौकस निगरानी करने में भी सक्षम होगी। इससे सेना की तैयारियों को भी बढ़ावा मिल सकेगा।
मदद
भारतीय सेना को कैसे मिलेगी मदद?
अपाचे हेलीकॉप्टर के आने से भारतीय सेना पश्चिम सीमा पर मजबूब निगरानी रख सकेगी। सेना इसका इस्तेमाल दुश्मन की सीमा में घुसकर हमला करने के लिए भी कर पाएगी। इसके साथ ही जंग के मैदान में दुश्मन के टैंक, आर्मर्ड व्हीकल्स और मिलिट्री गाड़ियों पर आसान हमला करने में मदद मिलेगी। पहाड़ी क्षेत्रों में भी इन हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल दुश्मन की चौकियों और गुफाओं में छिपे आतंकियों को मार गिराने में किया जा सकेगा।