पाकिस्तान में बस नहीं भेजेगा भारत, जानें जम्मू-कश्मीर मामले के बाद किन चीजों पर लगी रोक
पाकिस्तान द्वारा दिल्ली-लाहौर सेवा पर रोक लगाने के बाद भारत भी अब पाकिस्तान बस नहीं भेजेगा। दिल्ली-लाहौर के बीच इस बस सेवा पर दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (DTC) अपनी बस भेजता था। सोमवार को DTC ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा सेवा रोकने के कारण 12 अगस्त से लाहौर जाने वाली बस नहीं जाएगी। जम्मू-कश्मीर को दिया विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद पाकिस्तान ने भारत से व्यापारिक संबंध खत्म करने की घोषणा की थी।
1999 में शुरू हुई थी दोस्ती बस सेवा
दिल्ली-लाहौर के बीच दोस्ती बस सेवा को फरवरी 1999 में शुरू किया गया था। साल 2001 में भारतीय संसद पर हुए आतंकी हमले के बाद इस सेवा को रोक दिया गया था। दो साल बाद, जुलाई 2003 में इसे दोबारा शुरू किया गया था।
कड़ी सुरक्षा में चलती थीं बसें
दिल्ली-लाहौर के बीच चलने वाली बस दिल्ली गेट के नजदीक अंबेडकर स्टेडियम टर्मिनल से रवाना होती थी। दिल्ली से दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (DTC) की बस हर मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को लाहौर के लिए रवाना होती थी। वहीं लाहौर से पाकिस्तान टूरिज्म डेवलेपमेंट कॉर्पोरेशन (PTDC) की बसें हर सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को दिल्ली के लिए रवाना होती थीं। ये बसें पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच अपना सफर तय करती थीं।
पाकिस्तान ने बंद की भारत के साथ चलने वाली सभी बसें
पाकिस्तान ने दिल्ली-लाहौर दोस्ती बस सेवा के अलावा दोनों देशों के बीच चलने वाली सभी बस सेवाओं पर रोक लगा दी थी। इनमें दिल्ली-लाहौर के अलावा, लाहौर से अमृतसर और ननकाना साहिब से अमृतसर के बीच चलने वाली बसें शामिल हैं।
रेल सेवा पर भी रोक लगा चुका है पाकिस्तान
बस सेवा के साथ-साथ पाकिस्तान ने भारत आने-जाने वाली रेल सेवा को भी रोक दिया है। इनमें समझौता एक्सप्रेस और थार एक्सप्रेस शामिल है। दिल्ली से लाहौर के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस की शुरुआत इंदिरा गांधी और जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच हुए शिमला समझौते के बाद हुई थी। वहीं थार एक्सप्रेस जोधपुर के भगत की कोठी स्टेशन से चलकर कराची जाती थी। यह सेवा लंबे अंतराल के बाद 2006 में दोबारा शुरू की गई थी।
नई दिल्ली लौटे भारतीय उच्चायुक्त
जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने संबंधी भारत सरकार के फैसले से पाकिस्तान बौखला गया है। पाकिस्तान ने इसके विरोध में भारत के साथ व्यापार निलंबित करने और राजनयिक संबंधों को कम करने का फैसला लिया था। पाकिस्तान से भारतीय उच्चायुक्त वापस नई दिल्ली लौट आए हैं। उनसे पहले दूतावास में काम करने वाले कर्मचारी अपने परिवार के साथ भारत वापस लौटे थे। वहीं भारत ने पाक से अपने फैसलों की समीक्षा का अनुरोध किया था।
पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों पर लगी रोक
द्विपक्षीय व्यापार, बस और रेल सेवा को रोकने और राजनयिक संबंधों के कम करने के अलावा पाकिस्तान ने अपने सिनेमाघरों में भारतीय फिल्में न दिखाने का भी फैसला लिया है। सूचना एवं प्रसारण मामले में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहायक फरिदौस आशिक अवान ने सरकार देश में भारतीय संस्कृति के संबंधित सभी चीजों पर रोक लगाने के लिए नीति तैयार कर रही है। जानकारी के लिए बता दें, पाकिस्तान में भारतीय फिल्में काफी पसंद की जाती हैं।