
क्या है G-20 जिसके लोगो का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है अनावरण?
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत के G-20 प्रेसीडेंसी के लोगो, थीम और वेबसाइट का अनावरण किया।
इस लोगो में कमल पर पृथ्वी और वसुधैव कुटुम्बकम को दर्शाया गया है।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि इस लोगो में कमल का फूल भारत की पौराणिक धरोहर, आस्था और बौद्धिकता को चित्रित कर रहा है।
आइए जानते हैं कि क्या है G-20 जिसके लोगो का प्रधानमंत्री मोदी ने अनावरण किया है।
बयान
"G-20 की अध्यक्षता करना भारत के लिए ऐतिहासिक अवसर"
अनावरण के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारत 1 दिसंबर से G-20 की अध्यक्षता करेगा और यह देश के लिए ऐतिहासिक अवसर है। यह हमारे लिए 130 करोड़ भारतीयों की शक्ति और सामर्थ्य प्रतिनिधित्व है।"
उन्होंने कहा, "आज विश्व इलाज की जगह आरोग्य की तलाश कर रहा है। हमारा आयुर्वेद, हमारा योग, जिसे लेकर दुनिया में एक नया उत्साह और विश्वास है। हम उसके विस्तार के लिए एक वैश्विक व्यवस्था बना सकते हैं।"
लोगो
वसुधैव कुटुम्बकम का प्रतिनिधित्व करता है लोगो- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "G-20 लोगो वसुधैव कुटुम्बकम का प्रतिनिधित्व करता है। यह केवल एक प्रतीक चिन्ह नहीं है। ये एक संदेश और भावना है, जो हमारी रगों में है।"
उन्होंने कहा, "इस लोगो और थीम के जरिए हमने एक संदेश दिया है। युद्ध से मुक्ति के लिए बुद्ध और हिंसा के खिलाफ महात्मा गांधी का संदेश। G-20 के जरिए भारत उनकी वैश्विक प्रतिष्ठा को नई ऊर्जा दे रहा हैं। लोगो में कमल का प्रतीक आशा का प्रतिनिधित्व करता है।"
प्रयास
"हमारा प्रयास रहेगा कि एक ही दुनिया हो"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हमारा प्रयास रहेगा कि विश्व में कोई भी पहली या तीसरी दुनिया न हो, बल्कि एक ही दुनिया हो। भारत ने एक सूर्य, दुनिया और ग्रिड के मंत्र के साथ विश्व में अक्षय ऊर्जा क्रांति का आह्वान किया है। भारत ने एक पृथ्वी और स्वास्थ्य के मंत्र से वैश्विक स्वास्थ्य को मजबूत करने का अभियान भी शुरू किया है।"
उन्होंने कहा, "भारत विश्व का समृद्ध और सजीव लोकतंत्र है। हमारे पास लोकतंत्र के संस्कार भी हैं।"
G-20
G-20 क्या है?
G-20 में भारत, अर्जेंटीना, चीन, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, इंडोनेशिया, इटली, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
इन देशों में दुनिया की दो तिहाई आबादी रहती है और ये दुनिया की GDP का 85 फीसदी हिस्सा बनाते हैं।
इसे G-7 के विस्तार के रूप में देखा जाता है और दिसंबर, 1999 में गठन के बाद बर्लिन में पहली बार G-20 समूह की बैठक हुई थी।
अध्यक्षता
G-20 की अध्यक्षता के दौरान 200 बैठकें करेगा भारत
भारत को 1 दिसंबर को G-20 अध्यक्षता मिलेगी। इस दौरान भारत पूरे कई स्थानों पर 32 विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 200 बैठकें करेगा।
इससे पहले G-20 का शिखर सम्मेलन 15-16 नवंबर को इंडोनेशिया के बाली में होगा।
उसके बाद अगला सम्मेलन अगले साल 9-10 सितंबर को दिल्ली में होगा और यह भारत द्वारा आयोजित किए जाने वैश्विक स्तर के शीर्ष सम्मेलनों में से एक होगा। भारत ने इसको लेकर अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है।
जानकारी
भारत, इंडोनेशिया और ब्राजील बनाएंगे तिकड़ी
G-20 की अध्यक्षता हर साल सदस्यों के बीच घूमती है और अध्यक्ष बनने वाला देश पिछले और अगले अध्यक्ष देश के साथ G-20 एजेंडा की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए 'ट्रोइका' बनाता है। ऐसे में भारत अब इंडोनेशिया और बा्रजील के साथ तिकड़ी बनाएगा।
कार्य
G-20 कैसे काम करता है?
G-20 का कोई स्थायी सचिवालय नहीं है। एजेंडे और कार्य का समन्वय सदस्य देशों के प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है। इसे 'शेरपाज' के रूप में जाना जाता है।
ये शेरपाज केंद्रीय बैंकों के वित्त सचिव और गवर्नरों के साथ मिलकर काम करते हैं।
भारत ने घोषणा की है कि पीयूष गोयल के बाद नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत G-20 शेरपा होंगे।
G-20 का पहला शिखर सम्मेलन 2008 में अमेरिका के वाशिंगटन में हुआ था।