
बजट: जिला अस्पतालों में खुलेंगे डे केयर कैंसर सेंटर, मरीजों को क्या फायदा होगा?
क्या है खबर?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश कर दिया है। इसमें उन्होंने कैंसर डे केयर सेंटर खोले जाने की घोषणा की है।
उन्होंने कहा अगले 3 साल में सभी जिला अस्पतालों में कैंसर डे केयर सेंटर खुलेंगे, जिनका उद्देश्य कैंसर पीड़ितों की खास देखभाल करना है। इनके जरिए इलाज के साथ-साथ मरीज और उनके परिजनों को मनोवैज्ञानिक और व्यावहारिक सहायता भी दी जाएगी।
आइए जानते हैं इससे आपको क्या फायदा होगा।
डे केयर सेंटर
क्या होता है डे केयर कैंसर सेंटर?
इनका मकसद कैंसर के मरीजों को बेहतर इलाज देना है। ये ऐसे सेंटर होते हैं, जहां मरीजों को कैंसर का इलाज दिन में दिया जाता है और शाम तक उन्हें घर भेज दिया जाता है।
न्यूज 18 से बात करते हुए उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (UPUMS) सैफई के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सिद्धार्थ कुमार ने कहा, "डे केयर सेंटर कीमोथेरेपी इन्फ्यूजन की सुविधा देते हैं। इसके तहत हम दिन में मेडिकल सुविधा देते हैं।"
फायदा
मरीजों को क्या होगा फायदा?
डे केयर सेंटर रोगियों और परिजनों को परामर्श और अन्य सहायता प्रदान करते हैं। ये रोगियों को साइड इफेक्ट के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।
मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होगी, जिससे खर्च कम होगा। मरीजों को उनके शहर और घर के नजदीक ही कैंसर का बेहतर इलाज मिल सकेगा।
कैंसर की विशेष सुविधा होने के कारण अस्पतालों में वेटिंग की समस्या दूर होगी।
दवाओं पर छूट
कैंसर समेत कई दवाओं पर छूट का ऐलान
वित्त मंत्री ने 36 जीवनरक्षक दवाओं को बेसिक कस्टम ड्यूटी से छूट देने का ऐलान किया है।
उन्होंने कहा, "कैंसर, क्रोनिक या अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए मैं 36 जीवन रक्षक दवाओं और औषधियों को मूल सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट वाली दवाओं की सूची में जोड़ने का प्रस्ताव करती हूं। साथ ही 6 जीवनरक्षक दवाएं को 5 प्रतिशत अट्रैक्टिव कंसेशनल कस्टम ड्यूटी की लिस्ट में भी शामिल किया गया है।"
घोषणाएं
बजट में स्वास्थ्य से जुड़े ये ऐलान भी हुए
वित्त मंत्री ने सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 योजना का भी ऐलान किया। इससे 8 करोड़ बच्चों, एक करोड़ गर्भवती महिलाओं और 20 लाख किशोरियों को फायदा मिलेगा।
मेडिकल उपकरण सस्ते किए जाएंगे, लेकिन कितनी छूट होगी इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।
सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी मुहैया कराई जाएगी।
गिग वर्कर्स को जन आरोग्य योजना से जोड़ा जाएगा।
13 मरीज सहायता कार्यक्रम बेसिक कस्टम ड्यूटी से बाहर होंगे।