आयकर कटौती से महंगाई तक: बजट 2025 से लोगों को क्या हैं उम्मीदें?
क्या है खबर?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश करेंगी। यह वित्त मंत्री के रूप में उनका लगातार 8वां बजट होगा।
यह बजट वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और धीमी पड़ती घरेलू वृद्धि के बीच आ रहा है। महंगाई से परेशान लोगों को आयकर में कटौती के रूप में कुछ राहत मिलने और बेरोजगारों को रोजगार के नए अवसर मिलने की उम्मीद है।
आइए जानते हैं कि इस बजट से देशवासियों की क्या-कया उम्मीदें होंगी।
आयकर
आयकर में छूट की सबसे बड़ी उम्मीद
आयकर का बोझ कम होना वेतनभोगी वर्ग की एक बड़ी उम्मीद है। निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोग लंबे समय से उम्मीद कर रहे हैं कि केंद्रीय बजट कुछ राहत लाएगा।
ग्रांट थॉर्नटन भारत के बजट पूर्व सर्वेक्षण से पता चला है कि 57 प्रतिशत व्यक्तिगत करदाता बजट में आयकर में कटौती चाहते हैं।
अधिकांश लोग 10 लाख तक की सालाना कमाई को टैक्स फ्री करने की मांग कर रहे हैं। ऐसे होने से बड़ी राहत मिल सकेगी।
संभावना
नए प्रत्यक्ष कर कानून के लिए विधेयक पेश कर सकती है सरकार
कोटक सिक्योरिटीज के CEO श्रीपाल शाह के अनुसार, आगामी बजट खुदरा निवेशकों के लिए आशाजनक है, खासकर कम आय वाले स्लैब में कर राहत की उम्मीद के साथ।
इसी तरह वित्त मंत्री आयकर अधिनियम 1961 की जगह एक नए प्रत्यक्ष कर कानून के लिए विधेयक पेश कर सकती हैं और पुरानी कर व्यवस्था को खत्म कर सकती है।
इसी प्रकार आयकर से छूट सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा सकता है।
कटौती
सरकार बढ़ा सकती है मानक कटौती की सीमा
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार मानक कटौती की सीमा 75,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर सकती है।
बता दें कि मानक कटौती आपकी टैक्स योग्य कमाई से काटी जाने वाली एक निश्चित राशि है।
बोफास इंडिया के भारत और आसियान अर्थशास्त्री राहुल बाजोरिया ने कहा कि सभी की निगाहें आयकर अधिनियम की धारा 87A के तहत छूट पर भी होंगी। उम्मीद है कि सरकार इस सीमा को 10 लाख रुपये कर सकती है।
GST
मुद्रास्फीति और GST पर क्या है उम्मीद?
महंगी खाद्य वस्तुओं ने परिवारों को नुकसान पहुंचाया है, क्योंकि वेतन और मजदूरी बढ़ती मुद्रास्फीति के अनुरूप नहीं रही। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का लक्ष्य मुद्रास्फीति को 2-6 प्रतिशत की सीमा के भीतर रखना है।
विशेषज्ञों के अनुसार, सरकार वस्तु एवं सेवा कर (GST) के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर पाएगी, लेकिन खाद्य तेल जैसी आवश्यक वस्तुओं पर आयात शुल्क कम कर और पेट्रोलियम उत्पादों पर करों को युक्तिसंगत बनाकर राहत दे सकती है।
आवास
सभी के लिए किफायती आवास उपलब्ध कराने पर भी नजर
केंद्र सरकार का ध्यान सभी के लिए किफायती आवास उपलब्ध कराने पर है।
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, शहरी आवास की मांग को पूरा करने के लिए इस क्षेत्र को 2030 तक 2.5 करोड़ से अधिक किफायती आवास इकाइयों की आवश्यकता होगी। ऐसे में सरकार पहली बार घर खरीदने वालों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ उनके लिए होम लोन को और अधिक सुलभ बनाने के मामले में महत्वपूर्ण राहत दे सकती है।
रोजगार
रोजगार के अवसर बढ़ाने पर होगा ध्यान
आम नागरिकों को भी उम्मीद होगी कि केंद्रीय बजट 2025 में रोजगार सृजन के लिए भी कुछ प्रावधान किए जाएंगे।
कृषि के बाद रियल एस्टेट सेक्टर सबसे ज्यादा रोजगार पैदा करता है, जो राष्ट्रीय रोजगार का 18 प्रतिशत है। इस क्षेत्र के 2047 तक 5.8 ट्रिलियन डॉलर (487 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंचने का अनुमान है, जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 15.5 प्रतिशत का योगदान देगा।
ऐसे में सरकार इस क्षेत्र में प्रयास कर सकती है।