गोवा: प्रस्तावित IIT परिसर को लेकर हिंसा, पुलिस ने गांववालों पर दागे आंसू गैस के गोले
क्या है खबर?
गोवा के सत्तारी तालुका में प्रस्तावित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) परिसर को लेकर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन ने बुधवार को हिंसक रूप ले लिया।
पुलिस ने राजधानी पणजी से 50 किलोमीटर दूर प्रस्तावित IIT परिसर के प्रवेश द्वार पर जाम लगाए खड़े ग्रामीणों को बल पूर्वक हटाने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी दागे।
इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इसमें दोनों पक्षों के कई लोग घायल हो गए।
प्रकरण
IIT भवन के निर्माण पर क्यों विरोध कर रहे हैं ग्रामीण?
वर्तमान में गोवा IIT का संचालन इंजीनियरिंग कॉलेज भवन में किया जा रहा है।
गत जुलाई में सरकार ने IIT भवन के निर्माण के लिए पणजी से 50 किलोमीटर दूर सत्तारी तालूका के गुलेली में जमीन चिन्हित की थी। यह जमीन काजू के पेड़ और घने जंगल से घिरी है।
यहां के ग्रामीणों का कहना है कि भवन निर्माण से उनकी सालों की मेहतन से तैयार काजू के खेत तबाह हो जाएंगे और उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ जाएगा।
घोषणा
मुख्यमंत्री सावंत ने की थी गुलेली में ही IIT भवन के निर्माण की घोषणा
सरकार द्वारा जमीन चिन्हित किए जाने के बाद से ही ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं, लेकिन गत रविवार को मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने ग्रामीणों के विरोध के बाद भी गुलेली में ही IIT भवन निर्माण की घोषणा की थी।
उन्होंने कहा था कि ग्रामीणों की समस्याओं पर विचार किया जाएगा। इसके बाद ग्रामीणों ने जमीन पर जाने वाले रास्ते को अवरुद्ध कर दिया था। मंगलवार को ग्रामीणों ने पुलिस को भी मौके पर नहीं जाने दिया था।
लाठीचार्ज
पुलिस ने ग्रामीणों को हटाने के लिए किया लाठीचार्ज
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार बुधवार को ग्रामीणों ने IIT भवन तक जाने के रास्ते को मानव श्रृंखला बनाकर अवरुद्ध कर दिया था।
दोपहर में पुलिस ने ग्रामीणों को हटने के लिए कहा, लेकिन ग्रामीण नहीं माने। इसके बाद पुलिस ने ग्रामीणों पर लाठीचार्ज कर खदेड़ने का प्रयास किया तो ग्रामीणों ने पथराव कर दिया।
बाद में पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर विरोध कर रहे ग्रामीणों को खदेड़ा। घटना में कई पुलिसकर्मी और ग्रामीणों को चाटें आई है।
आरोप
पुलिस पर लगाया महिलाओं पर पथराव करने का आरोप
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले ग्रामीण नेता शुभम शिवालकर ने आरोप लगाया कि पुलिस ने सड़क पर लेटकर रास्ता अवरुद्ध करने वाली महिलाओं पर पथराव और लाठीचार्ज किया था।
ग्रामीणों के विरोध करने पर पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया और फिर बाद में आंसू गैस के गोले दाग दिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने महिलाओं के साथ जानवरों जैसा बर्ताव किया है। इसमें कई महिला और बच्चों को भी चोटें आई हैं।
इतिहास
सरकार पहले भी दो बार निरस्त कर चुकी है जमीन का आवंटन
यह पहली बार नहीं है जब सरकार ने IIT भवन के निर्माण के लिए जमीन का आवंटन किया है।
इससे पहले भी सरकार कनाकोना और संग्युम गांव में भी जमीन चिन्हित कर चुकी है, लेकिन वहां भी ग्रामीणों ने इसका विरोध कर दिया था।
दोनों साइटों पर ग्रामीणों के बढ़ते विरोध का देखते हुए सरकार ने आवंटन रद्द कर दिया था। उसके बाद गत जुलाई में सरकार ने गुलेली गांव में चिन्हित जमीन का IIT को आवंटन कर दिया था।