भारत-चीन सीमा विवाद: पिछले चार महीने में क्या-क्या हुआ और अभी कहां क्या स्थिति है?
क्या है खबर?
29-30 अगस्त को पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर भारत की कार्रवाई के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। दोनों देशों के टैंक एक-दूसरे की रेंज में तैनात हैं और किसी की भी एक गलती दोनों देशों को युद्ध की ओर ढकेल सकती है।
दोनों देशों के बीच चार महीने से अधिक समय से चल रहे इस गतिरोध में किस जगह पर क्या स्थिति है, आइए जानते हैं।
शुरूआत
मई में इन चार जगहों पर घुस आए थे चीनी सैनिक
मौजूदा विवाद की शुरूआत मई में चीनी सैनिकों के पूर्वी लद्दाख में LAC पर चार जगहों पर आगे आने के साथ हुई। इनमें पेंगोंग झील के पास स्थित फिंगर्स एरिया, गलवान घाटी (PP14), हॉट स्प्रिंग (PP15) और गोगरा (PP17A) शामिल थे।
फिंगर्स एरिया और गलवान में तो चीनी सैनिक भारतीय इलाके में दाखिल हो गए थे। गलवान घाटी में ही 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों में झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।
देपसांग
मध्य जून में देपसांग में भारतीय सीमा में दाखिल हुए चीनी सैनिक
इसके बाद मध्य जून में चीनी सैनिकों ने एक और मोर्चा खोल दिया और देपसांग में घुसपैठ कर दी।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने देपसांग की वाई-जंक्शन या बोटलनेक नामक जगह पर बड़ी संख्या में सैनिक और विशेष सैन्य उपकरण तैनात कर दिए थे।
बोटलनेक LAC पर भारतीय सीमा के लगभग 18 किलोमीटर अंदर है और दौलत बेग ओल्डी (DOB) में भारत के सैन्य हवाई अड़्डे से नजदीकी के कारण ये रणनीति तौर पर बेहद महत्वपूर्ण है।
बातचीत
बातचीत में सहमति के बाद चीन ने दो जगह पर पीछे हटाए सैनिक
5 जुलाई को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री की बातचीत में सेनाओं को पीछे हटाने पर सहमति बनने के बाद चीन ने इन पांच में दो जगहों- गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग- में अपने सैनिक पीछे हटा लिए।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच चार किलोमीटर का फासला है, वहीं हॉट स्प्रिंग में ये आंकड़ा लगभग 10 किलोमीटर है।
अन्य जगहें
तीन जगहों पर अभी भी भारतीय इलाकों में बने हुए हैं चीनी सैनिक
हालांकि, चीन ने अन्य तीन जगहों पर अपने सैनिक पीछे हटाने से इनकार कर दिया। गोगरा में पहले चरण में थोड़ा पीछे हटने के बाद चीनी सैनिक वहीं जम गए हैं और दोनों देशों के सैनिकों के बीच एक किलोमीटर से भी कम का फासला है।
वहीं फिंगर्स एरिया में चीनी सैनिकों ने फिंगर चार पर अपने सैनिकों की संख्या कम जरूरी की, लेकिन चोटियों पर अभी भी उसका कब्जा है।
देपसांग में भी चीनी सैनिक जस-के-तस बने हुए हैं।
दक्षिणी किनारा
पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर भारत हावी
अब बात करते हैं पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे की।
29-30 अगस्त की रात चीनी सैनिकों ने यहां भी घुसपैठ कर चोटियों पर कब्जा करने की कोशिश की, लेकिन उसके इन नापाक मंसूबों की भनक भारतीय सैनिकों को लग गई और उन्होंने चीनी सैनिकों से पहले ही इन चोटियों पर कब्जा कर लिया।
अभी गुरूंग हिल, मुखपरी, मगर हिल, रेजांग ला और रेचिन ला भारत के नियंत्रण में है, वहीं ब्लैक टॉप और हेलमेट टॉप पर स्थिति स्पष्ट नहीं है।
जानकारी
इसी इलाके में एक-दूसरे की रेंज में तैनात हैं भारत और चीन के टैंक
पैंगोंग झील का दक्षिणी किनारा ही वह जगह है जहां दोनों देशों के टैंक एक-दूसरे की रेंज में तैनात हैं। चीन यहां भारतीय सैनिकों को चोटियों से उतारने की कोशिश में लगा हुआ है और यहीं पर 7 अगस्त को फायरिंग हुई थी।