कोरोना वायरस: तेजी से बढ़ते प्रकोप के बीच इन वैक्सीन्स का है बेसब्री से इंतजार
कोरोना वायरस की वैक्सीन के लंबे होते इंतजार के बीच दुनिया में संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अब तक 2.41 करोड़ से ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें से 8.26 लाख की मौत हुई है। दूसरी तरफ कई वैक्सीन ट्रायल के अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। कुछ ही महीनों में इनके उपलब्ध होने की उम्मीद है। आइये, ऐसी वैक्सीन्स के बारे में जानते हैं, जिनका बेसब्री से इंतजार हो रहा है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का जेनर इंस्टीट्यूट और फार्मा कंपनी एस्ट्रेजेनका मिलकर एक वैक्सीन 'कोविशील्ड' पर काम कर रहे हैं। यह अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं और कुछ ही महीनों में इसके नतीजे सबके सामने होंगे। भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) कोविशील्ड नामक इस वैक्सीन का उत्पादन करेगा। फिलहाल SII इसके तीसरे चरण के इंसानी ट्रायल कर रहा है। उम्मीद है कि अगर यह सफल रहती है तो भारतीयों को मिलने वाली पहली वैक्सीन होगी।
मॉडर्ना की वैक्सीन
अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए mRNA-1273 वैक्सीन तैयार कर रही है। यह भी ट्रायल के अंतिम चरण में है। फिलहाल 30,000 लोगों पर इसका ट्रायल चल रहा है। उम्मीद है कि यह अगले महीने के अंत तक समाप्त हो जाएगा। अगर सब कुछ आशा के अनुरूप रहा तो यह साल के अंत तक लोगों के लिए उपलब्ध हो सकेगी। इसकी कीमत 1,800-2,300 रुपये के बीच हो सकती है।
चीनी कंपनी सिनोफार्म की वैक्सीन
चीन के नेशनल फार्मा ग्रुप सिनोफार्म द्वारा तैयार की जा रही दो संभावित वैक्सीन तीसरे चरण में पहुंच गई है। संयुक्त अरब अमीरात में 15,000 लोगों पर इनका ट्रायल चल रहा है। सिनोफार्म को उम्मीद है कि इस ट्रायल के नतीजे तीन महीने में सामने आ जाएंगे और यह इसी साल लोगों के लिए उपलब्ध हो सकती है। इस वैक्सीन की दो खुराकों की कीमत 10,500-11,000 रुपये के बीच हो सकती है।
इन कंपनियों की वैक्सीन भी ट्रायल के अंतिम चरण में
एक और चीनी कंपनी कैनसिनो बायोलॉजिक्स भी कोरोना वायरस की संभावित वैक्सीन पर काम कर रही है। इसे बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के साथ मिलकर तैयार किया जा रहा है। इसके भी साल के आखिर तक लोगों के लिए उपलब्ध होने की उम्मीद है। अभी तक इसकी कीमत को लेकर जानकारी सामने नहीं आई है। इसके अलावा बायोनटेक और फाइजर की संभावित वैक्सीन भी इंसानी ट्रायल के अंतिम चरण में पहुंच चुकी है।
रूस ने किया वैक्सीन करने का दावा
कोरोना वायरस वैक्सीन की बात हो तो रूस का जिक्र करना जरूरी हो जाता है। दरअसल, रूस ने दावा किया है कि उसने कोरोना वायरस की वैक्सीन 'स्पूतनिक वी' तैयार कर ली है। हालांकि, विशेषज्ञ इस दावे पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि बिना तय प्रक्रिया का पालन किए इस वैक्सीन को हरी झंडी दी गई है, जो खतरनाक साबित हो सकती है। भारत सरकार इस वैक्सीन को लेकर रूस के संपर्क में है।
क्या है संक्रमण की स्थिति?
दुनियाभर में अभी तक लगभग 2.42 करोड़ लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। सबसे बुरी तरह प्रभावित देश अमेरिका में कोरोना संक्रमितों की संख्या 58.22 लाख हो गई है और यहां 1.80 लाख लोगों की मौत हुई है। दूसरे स्थान पर मौजूद ब्राजील में 37.17 लाख संक्रमितों में से 1.17 लाख मरीजों की मौत हुई है। वहीं संक्रमितों के मामले में तीसरे स्थान पर मौजूद भारत में कुल मामले 33,10,234 हैं और 60,472 मौतें हुई हैं।