पड़ोसी मित्र देशों को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराएगा भारत- विदेश सचिव
क्या है खबर?
भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा है कि उपलब्ध होने पर भारतीय फार्मा कंपनियां कोरोना वायरस वैक्सीन के सबसे बड़े उत्पादकों में शामिल होंगी।
साथ ही उन्होंने कहा कि भारत अपने पड़ोसी मित्र देशों के लिए भी वैक्सीन की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।
शुक्रवार को विदेश नीति पर आयोजित एक वेबिनार में बोलते हुए उन्होंने कहा कि 'जैसा दिखाया जा रहा है' उसके विपरित भारत के नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका से बेहतर संबंध हैं।
जानकारी
बांग्लादेश दौरे पर भी कोरोना से संबंधित मुद्दों पर हुई थी बात
इससे पहले पिछले महीने श्रृंगला बांग्लादेश दौरे पर गए थे। उन्होंने वहां प्रधानमंत्री शेख हसीना से भी मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों के बीच सुरक्षा मुद्दे, कोरोना पर नियंत्रण पाने में सहयोग और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के उपायों पर चर्चा हुई थी।
कोरोना वायरस
बांग्लादेश और पाकिस्तान कोरोना से ज्यादा प्रभावित
भारत के पड़ोस में स्थित बड़े देशों में कोरोना संक्रमण की बात की जाए तो बांग्लादेश और पाकिस्तान बुरी तरह प्रभावित हैं।
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, नेपाल में अब तक 44,236 लोग संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 271 की मौत हुई है। वहीं बांग्लादेश में संक्रमितों की संख्या 3,21,615 और मृतकों की संख्या 4,412 है। इसी तरह पाकिस्तान में 2,98,025 संक्रमितों में से 6,340 की मौत हुई है। श्रीलंका में 12 मौतों के साथ संक्रमितों की संख्या 3,115 हैं।
इंसानी ट्रायल
भारत में तीन संभावित वैक्सीन्स के चल रहे ट्रायल
भारत में कोरोना वायरस की तीन संभावित वैक्सीन के ट्रायल चल रहे हैं।
इनमें से एक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्रेजेनेका की 'कोविशील्ड' है। यह सबसे आगे चल रही संभावित वैक्सीन्स में से एक है।
अगर इसको हरी झंडी मिलती है तो यह भारतीय लोगों के लिए उपलब्ध होने वाली पहली वैक्सीन हो सकती है।
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) इस वैक्सीन का ट्रायल कर रहा है और यही इसका उत्पादन करेगा।
समझौता
भारत समेत कम आय वाले देशों के लिए करोड़ों खुराक बनाएगा SII
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट द्वारा ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मा कंपनी एस्ट्रेजेनेका के साथ मिलकर तैयार की जा रही यह वैक्सीन साल के अंत तक उपलब्ध हो सकती है।
एस्ट्रेजेनका ने वैक्सीन की खुराक के उत्पादन के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ समझौता किया है।
SII भारत समेत कम आय वाले देशों के लिए करोड़ों खुराक का उत्पादन करेगा। SII पहले से ही भारत में कई जगहों पर इसका ट्रायल शुरू कर चुका है।
कोरोना वैक्सीन
दो स्वदेशी वैक्सीन्स के ट्रायल भी जारी
कोविशील्ड के अलावा भारत की दो स्वदेशी संभावित वैक्सीन भी ट्रायल के अलग-अलग चरणों में है। इनमें से एक भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और दूसरी जाइडस कैडिला का ZyCoV-D है।
इन दोनों स्वदेशी संभावित वैक्सीन के ट्रायल को फास्ट ट्रैक किया गया है और इनके ट्रायल साल के अंत तक पूरे होंगे। ये अगले साल तक लोगों को लिए उपलब्ध हो सकती हैं।
ऐसी भी खबरें थीं कि भारत वैक्सीन को लेकर रूस के भी संपर्क में है।