नागरिकता कानून: जामिया यूनिवर्सिटी के बाहर फिर प्रदर्शन, बिहार बंद के दौरान कई जगहों पर हिंसा

दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी में नागरिकता कानून के खिलाफ शनिवार को एक बार फिर प्रदर्शन हुआ। इससे पहले बीते रविवार को यूनिवर्सिटी के छात्रों का विरोध प्रदर्शन हिंसक झड़पों में बदल गया था, जब कुछ असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की और बसों के आग के हवाले कर दिया था। अब लगभग एक सप्ताह बाद फिर से छात्र हाथों में तख्तियां लेकर बैठे हैं और नागरिकता कानून को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं।
Delhi: Protest outside Jamia Millia Islamia University against Citizenship Act. pic.twitter.com/iYYkD0gYzV
— ANI (@ANI) December 21, 2019
नागरिकता कानून और प्रस्तावित नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) के खिलाफ राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने बिहार बंद का आह्वान किया था। इसे देखते हुए सरकार ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं और पटना में 2,000 अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने कई इलाकों में रेल तथा सड़क यातायात बाधित किया। शुक्रवार रात को तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पटना में बंद के लिए समर्थन जुटाने के लिए कार्यकर्ताओं ने मशाल लेकर शहर में मार्च निकाला था।
पार्टी ने बंद से पहले पोस्टर जारी कर कार्यकर्ताओं से शांतिपूर्ण मार्च निकालने की अपील की थी, लेकिन शुक्रवार को बंद के दौरान यह अपील बेअसर दिखी। प्रदर्शनकारियों ने कई मार्गों पर जलते हुए टायर डालकर वाहनों की आवाजाही रोकी और पुलिस बैरिकैडिंग तोड़ने का प्रयास किया। एक तरफ पार्टी नेता शांतिपूर्ण प्रदर्शन की बात कर रहे थे और दूसरी तरफ खुद ऑटो रिक्शा पर लाठियां बरसाते दिखे। इसका वीडियो आप नीचे देख सकते हैं।
Didn't expect that twist in the end 😂
— Scar (@RAC7R) December 21, 2019
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RJD कार्यकर्ताओं ने हायाघाट में समस्तीपुर से दरभंगा जाने वाली जानकी एक्सप्रेस को रास्ते में रोक दिया। इसके अलावा शरारा हाईवे रोड को स्थानीय चौक पर जाम कर दिया। इससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ।
#WATCH RJD workers vandalise auto rickshaws in Bhagalpur during 'bandh' called by the party against Citizenship Act and National Register of Citizens. #Bihar pic.twitter.com/d2sbDcdlA2
— ANI (@ANI) December 21, 2019
शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में हिंसक प्रदर्शन हुए, जिनमें 14 लोगों की मौत हो गई। पुलिस और डॉक्टरों ने शनिवार को बताया कि सबसे अधिक मौतें मेरठ में हुई हैं। मेरठ में पांच, कानपुर, बिजनौर और फिरोजाबाद में दो-दो और मुजफ्फरनगर, संभल और वाराणसी में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। वाराणसी में शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों पर पुलिस के लाठीचार्ज के बाद मची भगदड़ में एक आठ साल का बच्चे की मौत हुई थी।
जानेमाने इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने नागरिकता कानून को 'अनैतिक' बताया है। उन्होंने कहा कि कोई भी समझदार सरकार इस कानून को वापस लेने में देर नहीं लगाती।
गोरखपुर में प्रशासन ने प्रदर्शन की संभावना को देखते हुए जिले में धारा 144 लागू कर दी है। वहीं गाजियाबाद में नागरिकता कानून का विरोध कर रहे 3,500 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इनमें से 300 लोगों की पहचान की जा चुकी है। पुलिस ने बताया कि असामाजिक तत्वों ने शहर में कानून-व्यवस्था और शांति भंग करने की कोशिश की थी, लेकिन फिलहाल यहां स्थिति सामान्य है। इंटरनेट सेवा भी शुरू कर दी गई है।