कश्मीर पर याचिकाएं मंगलवार तक वेटिंग लिस्ट में, आज अयोध्या मामले पर सुनवाई करेगी सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कश्मीर से जुड़ी सभी याचिकाओं की सुनवाई स्थगित कर दी है। अब इन याचिकाओं पर मंगलवार को संवैधानिक पीठ सुनवाई करेगी। सोमवार को सुनवाई स्थगित करते हुए CJI रंजन गोगोई ने कहा कि कोर्ट के पास इन याचिकाओं पर सुनवाई का समय नहीं है क्योंकि कोर्ट को अयोध्या मामले की नियमित सुनवाई करनी है। जस्टिस एनवी रमना की बेंच मंगलवार को कश्मीर और अनुच्छेद 370 से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई करेगी।
इन याचिकाओं पर होगी मंगलवार को सुनवाई
जम्मू-कश्मीर में बच्चों को अवैध तरीके से हिरासत में रखने को लेकर बाल अधिकार कार्यकर्ता एनाक्षी गांगुली और प्रोफेसर शांता सिंह द्वारा दायर याचिका पर होने वाली सुनवाई को कोर्ट ने स्थगित कर दिया। इसके अलावा कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की याचिका पर भी मंगलवार को दूसरी याचिकाओं के साथ सुनवाई होगी। उन्होंने निजी तौर पर यह याचिका दायर की थी। इनके अलावा कश्मीर टाइम्स की अनुराधा भसीन की याचिका पर मंगलवार को संवैधानिक पीठ सुनवाई करेगी।
वाइको को नई याचिका दायर करने को कहा
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा लोकसभा सांसद फारूक अब्दुला की हिरासत को चुनौती देने वाली MDMK नेता वाइको की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में नई याचिका दायर कर सकते हैं। कोर्ट ने यह कहते हुए वाइको की याचिका खारिज कर दी कि अब्दुला के खिलाफ लगाए गए पब्लिक सेफ्टी एक्ट को चुनौती दी जा सकती है। बता दें कि अब्दुला कई दिनों से हिरासत में हैं।
18 अक्तूबर तक पूरी होगी अयोध्या मामले की सुनवाई
अयोध्या में विवादित भूमि मामले की नियमित सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी करनी है और इसके बाद एक दिन भी अतिरिक्त नहीं दिया जाएगा। अयोध्या विवाद में रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय बेंच सुनवाई कर रही है। गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं और फैसला उससे पहले सुनाया जाना है और इसलिए 18 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है।
हाल ही में रखा था 18 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी करने का लक्ष्य
बता दें कि पिछले दिनों मामले में बनाई गई मध्यस्थता समिति ने सुप्रीम कोर्ट से मध्यस्थता दोबारा शुरू करने का निर्देश मांगा था। दो पक्षों ने मामले में मध्यस्थता दोबारा शुरू करने की इच्छा जताई थी। 18 सितंबर को इस पर सुनवाई करते हुए CJI गोगोई ने 18 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी करने का लक्ष्य रखा था। कोर्ट ने कहा था कि अगर इस दौरान मध्यस्थता से कोई समाधान निकलता है तो उसके बारे में उसे सूचित किया जाए।