फिर से मापी जाएगी माउंट एवरेस्ट की ऊँचाई, नेपाल और चीन हुए सहमत
क्या है खबर?
माउंट एवरेस्ट को किसी पहचान की ज़रूरत नहीं है। उसे दुनिया की सबसे ऊँची चोटी का दर्जा मिला हुआ है।
हालाँकि, अब उसकी ऊँचाई को लेकर विशेषज्ञों में शंका हो गई है। इस वजह से नेपाल और चीन एवरेस्ट की ऊँचाई संयुक्त रूप से फिर से मापने पर सहमत हो गए हैं।
ऐसी ख़बरें हैं कि अप्रैल, 2015 में नेपाल में आए भयंकर भूकंप के बाद एवरेस्ट की ऊँचाई लगभग तीन सेंटीमीटर तक कम हो गई है।
आइए जानें।
प्रस्ताव
भारत ने भी 2017 में दिया था एवरेस्ट की ऊँचाई मापने में मदद का प्रस्ताव
वर्तमान में एवरेस्ट की अधिकारिक मान्य ऊँचाई 8,848 मीटर है।
भारत ने भी 2017 में नेपाल को एवरेस्ट की ऊँचाई फिर से मापने में मदद का प्रस्ताव दिया था।
एवरेस्ट की ऊँचाई को फिर से मापने का फ़ैसला चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनकी नेपाली समकक्ष बिद्या देवी भंडारी और प्रधानमंत्री ओपी शर्मा ओली के बीच हुई बातचीत के बाद लिया गया।
दोनों देशों ने अब सहमति जताई है कि एवरेस्ट की ऊँचाई फिर से मापी जानी चाहिए।
भारत
1855 में भारत ने जॉर्ज एवरेस्ट के नेतृत्व में की थी एवरेस्ट की ऊँचाई की घोषणा
दोनों देशों की तरफ़ से जारी संयुक्त बयान के अनुसार, "वे माउंट सागरमाथा या माउंट झुमुलंगमा की ऊँचाई की संयुक्त रूप से घोषणा करेंगे और वैज्ञानिक अनुसंधान करेंगे।"
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नेपाली भाषा में माउंट एवरेस्ट को माउंट सागरमाथा और चीनी भाषा में माउंट झुमुलंगमा कहते हैं।
1855 में सर जॉर्ज एवरेस्ट के नेतृत्व में भारत ने माउंट एवरेस्ट की ऊँचाई घोषित की थी।
जानकारी
भारत एक बार नहीं दो बार कर चुका है एवरेस्ट की ऊँचाई की घोषणा
आपको जानकर हैरानी होगी कि माउंट एवरेस्ट की ऊँचाई की घोषणा भारत ने एक बार नहीं बल्कि दो बार की थी। दूसरी बार भारत ने 1956 में एक बार फिर से एवरेस्ट की ऊँचाई की घोषणा की थी।
सफ़ाई
एवरेस्ट सफ़ाई अभियान के दौरान इकट्ठा हुआ था 11 टन कचरा
इससे पहले नेपाल सरकार ने एवरेस्ट पर प्रदूषण को कम करने के लिए एक बड़ा क़दम उठाया था।
नेपाल ने 2020 तक एवरेस्ट क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र बनाने के मक़सद से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने का फ़ैसला किया था। फ़िलहाल यह नया नियम जनवरी, 2020 से लागू होगा।
केवल यही नहीं नेपाल सरकार ने बीते दिनों एवरेस्ट पर सफ़ाई अभियान भी चलाया था। इस दौरान लगभग 11 टन कचरा इकट्ठा किया गया था।
जानकारी
क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक?
प्लास्टिक से बनी ऐसी चीज़ें, जिनका हम केवल एक ही बार इस्तेमाल कर सकते हैं या इस्तेमाल करके फेंक देते हैं, उसे सिंगल यूज प्लास्टिक कहा जाता है। यह पर्यावरण के लिए काफ़ी नुक़सानदायक होते हैं।