इमरान खान को भारत का जवाब, वैश्विक आतंकवादियों को पेंशन देने वाला एकमात्र देश है पाकिस्तान
जैसा की उम्मीद थी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र (UN) के मंच पर कश्मीर मुद्दा उठाया। शुक्रवार को UN महासभा में दिए गए अपने भाषण में उन्होंने परमाणु युद्ध का अपना राग फिर से अलापा और आधे से ज्यादा समय कश्मीर और भारत को दिया। इमरान के इन आरोपों को जवाब देते हुए भारत ने कहा है कि पाकिस्तान दुनिया में एकमात्र ऐसा देश है जो वैश्विक आतंकवादियों को पेंशन देता है।
भारत ने किया जवाब देने के अधिकार का प्रयोग
UN के मंच से इमरान द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों पर भारत ने जवाब देने के अपने अधिकार का प्रयोग किया। भारत ने इमरान के हर आरोप का सिलसिलेवार जवाब दिया। जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय की सचिव विदिशा मैत्रा ने कहा, "पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच का गलत इस्तेमाल किया। इमरान खान का भाषण भड़काऊ और उनकी बोली हर बात झूठ है। उनका भाषण नफरत से भरा था।"
छोटे नेता की तरह बात कर रहे हैं इमरान
मैत्रा ने कहा कि इमरान खान परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी देकर एक बड़े नेता की तरह नहीं बल्कि एक छोटे नेता की तरह व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "इमरान जो कभी क्रिकेटर थे और जेंटलमैन के खेल पर भरोसा रखते थे, आज उनका भाषण असभ्यता की चरम सीमा तक पहुंच गया है जो कि एकदम दर्रा आदम के जमाने के बंदूकों के खेल की याद दिलाता है।"
भारत ने उठाया पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की हालत का मुद्दा
भारत ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचारों का मुद्दा भी उठाया। इस पर बोलते हुए मैत्रा ने कहा, "पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति बदतर है और उन पर जुल्म हो रहे हैं। 1947 की तुलना में आज कुछ फीसदी भर अल्पसंख्यक बचे हैं। मानवाधिकार की बात करने वाले पाकिस्तान को सबसे पहले पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की हालत देखनी चाहिए जिनकी संख्या 23 प्रतिशत से 3 प्रतिशत पर पहुंच गई है।"
"आतंकियों के लिए पेंशन मांगता है पाकिस्तान"
मैत्रा ने पाकिस्तान से पूछा, "क्या पाकिस्तान इस बात को स्वीकार करेगा कि वो दुनिया का एकमात्र देश है जो वैसे शख्स को पेंशन देता है जिसे संयुक्त राष्ट्र ने अल कायदा और ISIS जैसे आतंकियों की लिस्ट में रखा है?" बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान ने UNSC से जेल में बंद हाफिज सईद को व्यक्तिगत और पारिवारिक खर्च के लिए बैंक से 1.5 लाख रुपये निकालने देने की अनुमति मांगी थी।
एक-एक कर खोली पाकिस्तान की सारी पोलें
पाकिस्तान से सवाल पूछना जारी रखते हुए मैत्रा ने कहा, "क्या UN द्वारा प्रतिबंधित 130 आतंकवादी और 25 आतंकी संगठन पाकिस्तान में नहीं रह रहे हैं? क्या फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को 27 में से 20 मापदंडों का उल्लंघन करने के लिए ब्लैकलिस्ट में नहीं रखा है?" मैत्रा ने आगे कहा, "क्या प्रधानमंत्री इमरान खान न्यूयॉर्क शहर को ये बात बताना नहीं चाहेंगे कि वे ओसामा बिन लादेन के खुलेआम समर्थक रहे हैं?"
"हमें 1971 के नरसंहार को नहीं भूलना चाहिए"
1971 में पाकिस्तान द्वारा बांग्लादेश (तब पूर्वी पाकिस्तान) पर ढाए गए जुल्मों की याद दिलाते हुए मैत्रा ने कहा, "हमें 1971 में पाकिस्तान के अपने ही लोगों के नरसंहार और इसमें लेफ्टिनेंट जनरल एएए के नियाजी की भागेदारी को नहीं भूलना चाहिए।"
भारत ने कहा, अनुच्छेद 370 पुराना और अस्थायी प्रावधान था
मैत्री ने अंत में कहा कि अनुच्छेद 370 एक पुराना और अस्थायी प्रावधान था जिससे जम्मू-कश्मीर के विकास में बाधा आ रही थी। उन्होंने कहा, "जहां पाकिस्तान आतंकवाद और नफरत की बात कर रहा है, वहीं भारत जम्मू-कश्मीर में विकास लाने की बात कर रहा है।" उन्होंने कहा कि भारत के लोगों को उनकी तरफ से बोलने के लिए किसी की जरूरत नहीं है, विशेषकर उनकी तो नहीं जिन्होंने नफरत की विचारधारा से आतंक का उद्योग खड़ा किया है।"
इमरान ने नियमों के विरुद्ध दिया 50 मिनट का भाषण
बता दें कि इमरान खान ने अपने 50 मिनट के भाषण में कहा था कि भारत ने 5 अगस्त को UN के 11 रिजॉल्यूशन के खिलाफ जाकर कश्मीर से गैरकानूनी तरीके से अनुच्छेद 370 हटा लिया। खून-खराबे का डर दिखाते हुए उन्होंने कहा, "घमंड ने मोदी को अंधा कर दिया है। कर्फ्यू उठ जाएगा तो क्या होगा। कर्फ्यू उठने के बाद कश्मीर में खून की नदियां बहेंगी, लोग बाहर आएंगे। क्या मोदी ने सोचा कि तब क्या होगा?"
प्रधानमंत्री मोदी ने एक भी बार नहीं लिया पाकिस्तान का नाम
इमरान से पहले अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार भी पाकिस्तान का नाम नहीं लिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने शांति का संदेश देते हुए कहा था कि हम उस देश के वासी हैं जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं। उन्होंने कहा था कि अब समय आ गया कि पूरी दुनिया गंभीरता से आतंकवाद के खिलाफ एक हो। उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों गिनाते हुए कहा था कि भारत दुनिया की प्रेरणा बन रहा है।