आतंकी फंडिंग रोकने के लिए पाकिस्तान को मिले चार महीने, कार्रवाई नहीं की तो होगा ब्लैकलिस्ट
क्या है खबर?
दुनियाभर में मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को अगले साल फरवरी तक ग्रे लिस्ट में रखा है।
मंगलवार को पेरिस में हुई FATF की बैठक में पाकिस्तान द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग को खत्म करने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की गई।
FATF ने पाकिस्तान को आतंकी फंडिंग को पूरी तरह खत्म करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने को कहा है।
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
जानकारी
शुक्रवार तक चलेगी FATF की बैठक
अगर पाकिस्तान अगले साल फरवरी तक आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर रोक लगा पाने में असफल रहता है तो FATF उस पर अगली कार्रवाई का फैसला करेगी। इस बारे में शुक्रवार FATF बैठक के आखिरी दिन आधिकारिक ऐलान किया जाएगा।
प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने नकारी ग्रे लिस्ट में होने की बात
ग्रे लिस्ट में रखने की खबरों का पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता उमर हामिद खान ने खंडन किया है। उन्होंने कहा कि इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है और इस बारे में 18 अक्टूबर को पता चलेगा।
उन्होंने कहा कि FATF ने पाकिस्तान को उसके कार्रवाई पूरी करने के लिए चार महीने का अतिरिक्त समय दिया है।
इससे पहले FATF की बैठक में पाकिस्तानी वित्त मंत्री हम्माद अजहर ने पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों का ब्यौरा दिया था।
बैठक
बैठक में शामिल है 205 देश
FATF की बैठक में 205 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। भारत ने बैठक में पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने का प्रस्ताव रखा था।
भारत ने कहा कि इस्लामाबाद ने हाफिज सईद के फ्रीज किए अकाउंट के इस्तेमाल की अनुमति दी है।
वहीं चीन, तुर्की और मलेशिया ने आतंकी फंडिंग रोकने के लिए पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन किया।
किसी देश को ब्लैकलिस्ट होने से बचने के लिए कम से कम तीन देशों का समर्थन चाहिए होता है।
ग्रे लिस्ट
पिछले साल जून से ग्रे लिस्ट में है पाकिस्तान
आतंकी फंडिंग को लेकर FATF ने पिछले साल पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला था।
उस समय पाकिस्तान को आतंकी फंडिंग रोकने के लिए अक्टूबर, 2019 तक का वक्त दिया गया था।
अगर पाकिस्तान इस दौरान प्रभावी कदम नहीं उठा पाएगा तो उसे नॉर्थ कोरिया और ईरान के साथ ब्लैकलिस्ट में डाला जा सकता है।
अगर ऐसा होता है तो आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को विश्व बैंक, IMF और यूरोपीय यूनियन से मदद मिलनी बंद हो जाएगी।
FATF
क्या है FATF?
FATF एक अंतर-सरकारी संस्था है, जिसकी स्थापना सन 1989 में हुई थी। इसका मकसद मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी फंडिंग समेत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था के लिए दूसरों खतरों को रोकने के लिए कानूनी और दूसरे कदम उठाना है।
यह समय-समय पर मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी फंडिंग और विनाश के हथियारों के प्रसार को रोकने के लिए अपनी सिफारिशें देती है। साथ ही यह उन सिफारिशों के लागू होने पर भी नजर रखती है।
साल में तीन बार इसकी बैठक होती है।