क्या कहते हैं कोरोना की प्रमुख वैक्सीन्स के ट्रायल के नतीजे और कब तक होंगी उपलब्ध?
कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को घुटनों पर ला दिया है और अब सभी एक कारगर वैक्सीन का इंतजार कर रहे हैं। इसी बीच कई प्रमुख वैक्सीन्स क्लिनिकल ट्रायल के दूसरे और तीसरे चरण में पहुंच चुकी हैं और उनके बेहद प्रभावी होने के दावे किए जा रहे हैं। इन दावों ने लोगों में उम्मीद की नई किरण जगा दी है। आइए जानें इन वैक्सीन्स के ट्रायल के नतीजे क्या कहते हैं और ये कब उपलब्ध हो सकेंगी।
फाइजर ने किया वैक्सीन के 95 प्रतिशत प्रभावी होने का दावा
सबसे पहले बात करते हैं अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर (Pfizer) और उसकी सहयोगी जर्मनी की कंपनी बायोएनटेक द्वारा तैयार की गई वैक्सीन BNT162b2 की। इस वैक्सीन का तीसरे और अंतिम चरण का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है। वॉलेंटियर्स पर किए गए अध्ययन के अनुसार कंपनी ने इसके 95 प्रतिशत प्रभावी होने का दावा किया है। इसके अलावा अंतिम चरण के ट्रायल में अभी तक कोई भी गंभीर चिंता की बात सामने नहीं आई है।
वॉलेंटियर्स ने की हैंगओवर ओर सिरदर्द की शिकायत
वैक्सीन के फाइनल ट्रायल में शामिल वॉलंटियर्स ने हैंगओवर, सिरदर्द, बुखार और मांसपेशियों में दर्द की शिकायत की थी, लेकिन यह शिकायत दो से पांच प्रतिशत को हुई थी। जिसका बाद में हल निकाल लिया गया। कंपनी ने इसके दिसंबर के दूसरे सप्ताह में बाजार में आने की उम्मीद जताई है और इसकी दो खुराकों की कीमत 39 डॉलर (करीब 2,900 रुपये) रखी है। कंपनी ने इस साल पांच करोड़ खुराकों के उत्पादन की उम्मीद जताई है।
तीसरे चरण के ट्रायल में 94.5 प्रतिशत प्रभावी निकली मॉडर्ना की वैक्सीन
वैक्सीन की दौड़ में अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना द्वारा तैयार वैक्सीन दूसरे नंबर पर है। इसका भी तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है और वॉलेंटियरों पर किए गए अध्ययन के आधार पर कंपनी ने से 94.5 प्रतिशत प्रभावी करार दिया है। कंपनी ने वैक्सीन के उपयोग से वायरस को बेअसर करने और एंटीबॉडी विकसित होने की भी बात कही है। कंपनी ने दिसंबर के अंत तक अमेरिका को दो करोड़ खुराक सप्लाई करने की उम्मीद जताई है।
वॉलेंटियर्स ने की थकान ओर दर्द की शिकायत
कंपनी की ओर से अभी तक वैक्सनी के कोई गंभीर साइड इफेक्ट का खुलासा नहीं किया है, लेकिन 9.7 प्रतिशत वॉलेंटियरों में थकान, 8.9 प्रतिशत में मांसपेशियों का दर्द, 5.2 प्रतिशत ने जोड़ों के दर्द और 4.5 प्रतिशत वॉलेंटियरों ने सिरदर्द की शिकायत की है। इस समस्याओं को दूर कर दिया है। कंपनी ने वैक्सनी की दो खुराकों की कीमत करीब 37 डॉलर यानी करीब 2,750 रुपये से अधिक होने की उम्मीद जताई है।
अधिक उम्र के लोगों में बेहद कारगर साबित हुई है ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन
वैक्सीन की दौड़ में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार की गई वैक्सीन AZD1222 या ChAdOx1 nCoV-19 तीसरे नंबर पर है। इसका फिलहाल तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है और दूसरे चरण के ट्रायल के अध्ययन के आधार पर इसे 56 से 69 और 70 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए बेहद प्रभावी बताया गया है। द लांसेट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार वैक्सीन ने अधिक उम्र के लोगों में मजबूत प्रतिरक्षा विकसित की है।
क्लिनिकल ट्रायल में सामने आए हैं यह साइड इफेक्ट
कंपनी ने अभी तक किसी गंभीर साइड इफेक्ट का खुलासा नहीं किया है। हालांकि, द लांसेट में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार वॉलेंटियरर्स में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान की शिकायत की थी, लेकिन उन्हें कुछ ही समय बाद दूर कर दिया गया था।
कंपनी ने फरवरी तक वैक्सीन के आने की जताई उम्मीद
भारत में वैक्सीन के उत्पादन, वितरण और ट्रायल की जिम्मेदारी संभाल रही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने भारत में स्वास्थ्य कार्यकर्ता और बुजुर्गों के लिए 20 फरवरी और आम जनता के लिए अप्रैल तक वैक्सीन उपलब्ध होने की उम्मीद जताई है। भारत में इसे 'कोविशिल्ड' के नाम से उतारा जाएगा। SII के CEO अदार पूनावाला ने 2021 की पहली तिमाही में 30-40 करोड़ खुराक देने की बात कही है। इसकी कीमत करीब 500 रुपये प्रति खुराक होगी।
रूस के 'स्पुतनिक-V' के 92 प्रतिशत प्रभावी होने का दावा
वैक्सीन की दौड़ में रूस के मॉस्को स्थित गामालेया रिसर्च इंस्टिट्यूट द्वारा तैयार वैक्सीन 'स्पुतनिक-V' के तीसरे चरण के ट्रायल में इसके 92 प्रतिशत प्रभावी होने का दावा किया जा रहा है। हालांकि, भारत में हैदराबाद स्थित रेड्डीज लैबोरेटरीज को इसके तीसरे चरण के ट्रायल, उत्पादन और वितरण की जिम्मेदारी मिली है। कंपनी को इसकी मंजूरी मिल गई है और जल्द ही ट्रालय शुरू किया जाएगा। रूस ने भारत को 10 करोड़ खुराक बेचने का निर्णय किया है।
14 प्रतिशत वॉलेंटियर्स में दिखे साइड इफेक्ट
इस वैक्सीन के ट्रायल में 14 प्रतिशत वॉलेंटियर्स में साइड इफेक्ट देखने को मिले हैं। रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने कहा था कि इनमें हल्की कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द और बुखार आद शामिल हैं। हालांकि, ये लक्षण एक दिन बाद ही खत्म हो गए थे। इसके भी जनवरी तक भारत में वितरण की संभावना है। कंपनी ने अभी इसकी कोई कीमत निर्धारित नहीं की है, लेकिन इसके अन्य वैक्सीन से सस्ती होने का दावा किया जा रहा है।
भारत में शुरु हुआ 'कोवैक्सिन' का तीसरे चरण का ट्रायल
वैक्सीन की दौड़ में हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के साथ मिलकर तैयार की गई कोवैक्सिन पांचवें नंबर पर है। भारत में 14 राज्यों में इसके तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल शुरू हो चुका है। पहले दो चरणों के परिणाम बहुत ही उत्साहजनक निकले हैं। इसके अलावा यह जानवरों पर किए गए ट्रायल में भी प्रभावी साबित हुई है। इसके अब तक के ट्रायल में कोई साइड इफेक्ट सामने नहीं आए हैं।
जून 2021 तक उपलब्ध हो सकती है वैक्सीन
कंपनी के कार्यकारी निदेशक साई प्रसाद ने वैक्सीन के जून, 2020 तक पूरी तरह से तैयार होने की उम्मीद जताई है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि यदि सरकार चाहे तो आपातकालीन प्रयोग की मंजूरी देकर इसे इससे पहले भी लॉन्च कर सकती है। उन्होंने कहा कि 2021 की दूसरी तिमाही में तीसरे चरण के ट्रायल के नतीजे सामने आ जाएंगे। यदि इसकी कीमत की बात करें तो कंपनी ने अभी तक कोई कीमत निर्धारित नहीं की है।