दिल्ली: प्रतिबंध का उल्लंघन कर लोगों ने जमकर चलाए पटाखे, गंभीर श्रेणी में वायु गुणवत्ता
प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली में कल दिवाली के मौके पर लोगों ने जमकर पटाखे चलाए और इसके फलस्वरूप राजधानी की वायु गुणवत्ता फिर से गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, आज सुबह 8 बजे दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 468 था जो गंभीर श्रेणी में आता है। शहर के कई इलाकों में धुएं की परत भी छाई हुई नजर आई और विजिबिलिटी बेहद कम हो गई।
NGT ने लगाया है 30 नवंबर तक पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध
दिल्ली में हर साल दिवाली के मौके पर वायु प्रदूषण बेहद गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है और इसी को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 9 नवंबर से 30 नवंबर के बीच दिल्ली-NCR में किसी भी तरह के पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि कल दिवाली के मौके पर लोगों ने इस प्रतिबंध का जमकर उल्लंघन किया और इसके कारण रात में ही दिल्ली में वायु प्रदूषण चरम सीमा पर पहुंच गया।
मंदिर मंडी मार्ग और जहांगीरपुरी में लगभग 800 रहा AQI
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, आज तड़के सुबह भी दिल्ली के कई इलाकों की हवा जहरीली बनी हुई थी। सुबह 4 बजे जहां आनंद विहार में AQI 572 था, वहीं मंदिर मंडी मार्ग में ये आंकड़ा 785 और जहांगीरपुरी इलाके में 773 रहा। ITO रोड जैसे मुख्य इलाके में AQI का स्तर 461 रहा। समाचार एजेंसी ANI की तस्वीरों में शहर के कई इलाकों में धुएं की धुंध देखी जा सकती है जिससे विजिबिलिटी बेहद कम बनी हुई है।
पिछले साल भी कुछ ऐसी ही थी स्थिति
अगर पिछले सालों की बात करें तो पिछले साल दिवाली के मौके पर 27 अक्टूबर को दिल्ली का AQI 337 था जो अगले दो दिन में 400 से ऊपर चला गया। इससे पहले 2018 और 2017 में भी यही स्थिति देखने को मिली थी और राजधानी में दिवाली के बाद कम से कम तीन से चार दिन धुएं का धुंध छाया रहता था। हालांकि इस बार धुंध से जल्द राहत मिल सकती है।
हवा की गति बढ़ने से सुधर सकती है वायु गुणवत्ता
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, एक पश्चिमी दबाव की वजह से दिल्ली-NCR में जल्द ही हवा की गति बढ़ सकती है और इससे यहां वायु गुणवत्ता सुधर सकती है। इसके अलावा मौसम विभाग ने रविवार को हल्की बारिश की संभावना भी जताई है और इससे भी प्रदूषण की स्थिति में सुधार हो सकता है। हालांकि इससे वायु गुणवत्ता में कितना सुधार आएगा, इसे लेकर मौसम विभाग ने कुछ पक्का नहीं कहा है।
पराली जलाए जाने के कारण पहले से ही खराब थी दिल्ली की हवा
गौरतलब है कि दिल्ली की हवा दिवाली से पहले से ही जहरीली बनी हुई है और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने के कारण राजधानी में कई दिन धुंए की धुंध छाई रही थी। इसका असर शहर में कोरोना वायरस महामारी की स्थिति पर भी पड़ा है और पिछले कुछ हफ्तों में मामले में बहुत तेज उछाल आया है। अभी दिल्ली में रोजाना 7,000-8,000 नए मामले सामने आ रहे हैं और 90-100 लोगों की मौत हो रही है।