पश्चिम बंगाल सरकार और राज्यपाल फिर आमने-सामने, ममता बनर्जी सुप्रीम कोर्ट पहुंची; अब क्या है वजह?
पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब राज्यपाल के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। ये ताजा विवाद राज्यपाल द्वारा 8 विधेयकों को खारिज करने के बाद उपजा है। पश्चिम बंगाल सरकार ने आरोप लगाया है कि राज्यपाल ने बिना कोई कारण बताए राज्य विधानसभा द्वारा पारित 8 विधायकों को मंजूरी नहीं दी है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने क्या कहा?
पश्चिम बंगाल राज्य ने अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका में तर्क दिया है कि राज्यपाल द्वारा बिना कोई कारण बताए विधेयकों को स्वीकृति न देना संविधान के अनुच्छेद 200 के प्रावधानों के विपरीत है। सरकार ने कहा कि ये कृत्य लोकतांत्रिक शासन प्रणाली को कमजोर करता है। राज्य की ओर से वकील आस्था शर्मा ने मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष याचिका पर तत्काल सुनवाई करने का आग्रह किया है।
किन विधेयकों को नहीं मिली मंजूरी?
जिन विधेयकों को राज्यपाल की मंजूरी का इंतजार है, उनमें पश्चिम बंगाल विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक, पश्चिम बंगाल पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, पश्चिम बंगाल निजी विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक, पश्चिम बंगाल कृषि विश्वविद्यालय कानून, पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, आलिया विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक शामिल हैं। इन विधेयकों को 2022 और 2023 में राज्य विधानसभा द्वारा पारित किया गया था। कुछ विधेयक उस समय के हैं, जब वर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे।
कोर्ट ने सुनवाई पर जताई सहमति
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका के संबंध में विचार करने पर सहमति व्यक्त की है। CJI चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश वकील आस्था शर्मा की इस दलील पर गौर किया कि अप्रैल में दायर याचिका अभी तक सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हुई है। CJI ने कहा कि याचिका पर विचार किया जाएगा। हालांकि, अभी सुनवाई की तारीख तय नहीं हुई है।
कई मुद्दों पर आमने-सामने पश्चिम बंगाल सरकार और राज्यपाल
पश्चिम बंगाल की सरकार और राज्यपाल के बीच कई मुद्दों पर विवाद चलता रहता है। 27 जून को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया था कि कुछ महिलाओं ने उनसे शिकायत की है कि वे राजभवन जाने से डरती हैं। इस बयान पर राज्यपाल ने ममता के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। इसके अलावा 2 महिलाओं ने राज्यपाल पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं, जिसको लेकर भी राजभवन और सरकार आमने-सामने है।