संदेशखाली हिंसा: पश्चिम बंगाल पुलिस ने किया भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज, प्रदेश प्रमुख मजूमदार घायल
पश्चिम बंगाल में संदेशखाली हिंसा को लेकर पूरे राज्य में जमकर हंगामा हो रहा है। इस बीच संदेशखाली जा रहे भाजपा के कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हो गई, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार जख्मी हो गए हैं। खबर है कि पुलिस लाठीचार्ज में मजूमदार को चोट आई है और वे बेहोश हो गए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बता दें कि हिंसा को लेकर आज मजूमदार ने संदेशखाली जाने का ऐलान किया था।
संदेशखाली जाने पर अड़े हुए थे मजूमदार
13 फरवरी को मजूमदार बशीरहाट में पुलिस अधीक्षक (SP) कार्यालय के सामने धरने पर बैठे थे। यहां पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद वे रात को एक होटल में रुके और सुबह संदेशखाली जाना चाहते थे। पुलिस ने उन्हें बताया कि संदेशखाली के कई इलाकों में धारा 144 लागू है, ऐसे में उन्हें वहां नहीं जाना चाहिए। इसके बावजूद मजूमदार कार्यकर्ताओं के साथ संदेशखाली जाने पर अड़े रहे और पुलिस से उनकी झड़प हो गई।
मजूमदार बोले- ये ममता की गंदी राजनीति
मजूमदार ने मीडिया से कहा, "बशीरहाट जैसे बहुत सारे इलाकों में हिंदुओं को गुप्त रूप से प्रार्थना करनी पड़ती है। दुर्गा पूजा का विसर्जन ममता बनर्जी तो बंद करा चुकी हैं। उन्होंने एक बार तारीख बदल दी। ममता बनर्जी की यही गंदी राजनीति है। वे केवल तुष्टिकरण की राजनीति के बारे में सोचती हैं, जनता के विकास से उनको कोई मतलब नहीं है। मैं संदेशखाली जाने की कोशिश करूंगा, देखूंगा कि पुलिस कैसे मुझे रोकने की कोशिश करती है।"
भाजपा ने भी ममता बनर्जी पर साधा निशाना
घटना के बाद भाजपा ने कहा, "ममता बनर्जी के राज में गुंडों को आश्रय दिया जा रहा है। पश्चिम बंगाल में जंगल राज कायम हो गया है, कानून-व्यवस्था का अंत हो गया है। ममता को इस्तीफा दे देना चाहिए।" भाजपा नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर लिखा, 'पश्चिम बंगाल पुलिस ने सारी हदें पार कर दी हैं। ममता बनर्जी को खुश करने के लिए राज्य की पुलिस ने हर नियम का उल्लंघन किया।'
क्या है संदेशखाली हिंसा का मामला?
संदेशखाली में महिलाएं और भाजपा कार्यकर्ता तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता शाहजहां शेख के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। आरोप हैं कि यहां पर लोगों की जमीन पर जबरदस्ती कब्जा किया जा रहा है और महिलाओं के साथ बंदूक की नोक पर यौन उत्पीड़न हो रहा है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी यौन उत्पीड़न के मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की थी। इस मामले पर भाजपा राज्य सरकार पर हमलावर है।