नागरिकता कानून: नमाज के बाद उत्तर प्रदेश के कई शहरों में प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़प
गुरुवार के बाद शुक्रवार को भी उत्तर प्रदेश के कई शहरों में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हिंसा हुई। कानपुर, गोरखपुर, देवबंद, मुजफ्फरनगर, हापुड़, शामली, प्रयागराज, बुलंदशहर, मेरठ, फिरोजाबाद और वाराणसी में शुक्रवार की नमाज के दौरान हजारों लोग सड़कों पर उतरे। कानपुर में पुलिस फायरिंग में पांच लोग घायल हो गए, वहीं बुलंदशहर में प्रदर्शनकारियों ने एक वाहन को आग लगा दी। मेरठ में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया।
बाबूपूर्वा इलाके में पुलिस ने की फायरिंग
कानपुर के बाबूपूर्वा इलाके में धारा 144 का उल्लंघन करते हुए शुक्रवार की नमाज के बाद सैकड़ों लोग नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान स्थिति खराब होने पर पुलिस को फायरिंग करने पड़ी जिसमें पांच लोग घायल हो गए।
कानपुर में निकाला गया चार किलोमीटर लंबा मार्च
कानपुर में ही प्रदर्शनकारियों ने हलीम मुस्लिम कॉलेज से लेकर फूलबाग तक चार किलोमीटर लंबा मार्च निकाला। कुछ प्रदर्शनकारियों ने यतीमखाना पहुंचने पर एक शोरूम और तिपहिया को नुकसान पहुंचाया और पुलिस पर पथराव किया। पथराव के बाद पुलिस ने भीड़ को भगाने के लिए प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। शहर काजी आलम रजा नूरी के भीड़ को प्रदर्शन खत्म करने और वापस जाने की कहने के बाद स्थिति पर काबू पाया गया।
इन जगहों पर भी हुई हिंसा
इसके अलावा फिरोजाबाद में भी पुलिस और प्रदर्शनकारियों में हिंसक झड़प हुई। भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और कुछ वाहनों को आग लगा दी। इस दौरान पुलिस की ओर से फायरिंग किए जाने की खबरें भी आ रही हैं। वहीं मेरठ के हापुड़ और मुजफ्फरनगर में भी प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया। शामली और गोरखपुर में पुलिस ने पथराव कर रहे लोगों को लाठीचार्ज करके वहां से भगाया।
देवबंद में 2,500 लोगों ने निकाला मार्च
देवबंद में करीब 2,500 लोगों ने सरफटा बाजार से खांका पुलिस चौकी तक मार्च निकाली। उनके हाथों में नागरिकता कानून का विरोध करती तख्तियां और राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लगा हुआ था। वाराणसी और प्रयागराज समेत अन्य जगहों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुुए।
कई जगह पर इंटरनेट बंद
उत्तर प्रदेश में हो रहे प्रदर्शनों को देखते हुए कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। वहीं कर्नाटक के मंगलुरू और दक्षिण कन्नड़ जिले में भी इंटरनेट पर रोक है। इस बीच असम में 10 दिन बाद इंटरनेट सेवाएं शुरू कर दी गई हैं।
कल भी हुई थी प्रदर्शन के दौरान हिंसा
बता दें कि कल भी नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान राज्य के लखनऊ और संभल में भी नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी। लखनऊ में भीड़ ने दो पुलिस पोस्ट, तीन OB वैन, छह कार और एक सरकारी बस को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से मोहम्मद वकील नामक युवक की मौत हो गई। हिंसक प्रदर्शनों के आरोप में पुलिस ने लगभग 3,500 लोगों को हिरासत में लिया है।
क्यों सड़कों पर हैं देशभर के लोग?
बता दें कि नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में लोग सड़कों पर हैं और इसका विरोध कर रहे हैं। इस कानून में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में धार्मिक अत्याचार के कारण भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। मुस्लिमों के इससे बाहर रखने जाने के कारण इसे भारत के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ बताया जा रहा है और इसका विरोध हो रहा है।
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