चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली छात्रा को मिली जमानत, फिरौती मांगने का है आरोप
भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली छात्रा को फिरौती मांगने के मामले में जमानत मिल गई है। निचली अदालत से जमानत की अर्जी खारिज होन के बाद छात्रा ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसने बुधवार को उसे जमानत दे दी। छात्रा पर चिन्मयानंद को ब्लैकमेल करके फिरौती मांगने का आरोप है। विशेष जांच दल (SIT) ने 25 सितंबर को उसे गिरफ्तार किया था।
चिन्मयानंद भी 20 सितंबर से जेल में बंद
मामले में चिन्मयानंद भी 20 सितंबर से जेल में बंद हैं और उनकी जमानत याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा हुआ है। इस बीच एक महीने से इलाहाबाद में डेरा जमाए छात्रा के माता-पिता को उसकी जमानत के बाद एक बड़ी राहत मिली है।
क्या है पूरा मामला?
पीड़िता उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के एसएस लॉ कॉलेज में पढ़ती है। अगस्त में उसने कॉलेज के चेयरमैन चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाया था। छात्रा का आरोप है कि चिन्मयानंद ने उसका नहाते समय का वीडियो बना लिया और इसके जरिए ब्लैकमेल करते हुए एक साल तक उसका रेप किया। छात्रा ने अपने आरोपों को साबित करने के लिए वीडियो सबूत भी पेश किए हैं, जिन्हें उसने अपने चश्मे में लगे कैमरे से बनाया था।
सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था मामला, कोर्ट ने बनाई थी SIT
केस के दूसरा उन्नाव केस बनने की संभावना के कारण मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था जिसने बंद अदालत में छात्रा की बात सुनने के बाद मामले में SIT का गठन किया था। इस SIT ने 20 सितंबर को चिन्मयानंद को शाहजहांपुर स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया। SIT की पूछताछ में चिन्मयानंद ने अपने ऊपर लगे अधिकतर आरोप स्वीकार कर लिए थे और कहा था कि वह अपने कृत्य पर शर्मिंदा हैं।
चिन्मयानंद ने छात्रा पर लगाया था पांच करोड़ रुपये की फिरौती मांगने का आरोप
इस बीच चिन्मयानंद के पक्ष ने छात्रा पर उन्हें ब्लैकमेल करके पैसे मांगने का आरोप लगाया था। चिन्मयानंद के वकील ने आरोप लगाते हुए कहा था कि छात्रा ने उनसे पांच करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी। इस मामले में SIT ने 25 सितंबर को छात्रा को गिरफ्तार किया था और वह तभी से जेल में बंद है। फिरौती के आरोपों में छात्रा के जानकार तीन व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया गया था।
चिन्मयानंद पर लगाई गई है सीधे-सीधे रेप की जगह दूसरी धारा
छात्रा पर फिरौती मांगने के आरोपों और इससे पैदा होने वाली जटिलता को देखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने चिन्मयानंद पर सीधे-सीधे रेप की धारा 376 की बजाय धारा 376C लगाई है। किसी संस्थान के संचालक के उसके अधीन महिला पर दबाव बनाकर सेक्स के लिए राजी करने के आरोप में धारा 376C लगाई जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, छात्रा पर फिरौती के आरोपों के मद्देनजर सीधे-सीधे रेप के आरोपों को कोर्ट में सिद्ध कर पाना मुश्किल हो सकता था।
दोनों धाराओं की सजाओं में अंतर
धारा 376 और धारा 376 C के अंतर्गत होने वाली सजाओं में अंतर है। जहां धारा 376 में न्यूनतम 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है, वहीं धारा 376 C के तहत 5-10 साल कैद का प्रावधान है।