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योगी आदित्यनाथ का असली नाम 'अजय सिंह बिष्ट' लेने के लिए सपा प्रवक्ता पर केस दर्ज

योगी आदित्यनाथ का असली नाम 'अजय सिंह बिष्ट' लेने के लिए सपा प्रवक्ता पर केस दर्ज

Dec 05, 2019
05:15 pm

क्या है खबर?

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए उनका असली नाम 'अजय सिंह बिष्ट' इस्तेमाल करने के लिए समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता आईपी सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। सिंह सोशल मीडिया पर योगी आदित्यनाथ के असली नाम का प्रयोग करते हैं और इसलिए उन पर सूचना प्रौद्योगिकी (IT) एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। वाराणसी में हुई इस शिकायत में उन पर लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।

शिकायत

क्या कहा गया शिकायत में?

वकील कमलेश चंद्र त्रिपाठी ने शिवपुर थाने में दर्ज कराई अपनी शिकायत में कहा है, "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संत परंपरा के अनुसार जीवन जी रहे हैं। वह गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर हैं, जो सनातन धर्म के करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। आईपी सिंह सोशल मीडिया पर योगी आदित्यनाथ की जगह अजय सिंह बिष्ट लिखते हैं। ऐसा करके वे संतों और उनकी परंपराओं के साथ सनातन धर्म में आस्था रखने वालों की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं।"

जानकारी

क्या है योगी आदित्यनाथ के असली नाम का विवाद?

योगी आदित्याथ को उनके माता-पिता ने अजय सिंह बिष्ट नाम दिया था। लेकिन संत जीवन में प्रवेश के बाद से उन्हें योगी आदित्यनाथ कहकर संबोधित किया जाता है और अभी सभी जगहों पर उनके इसी नाम का इस्तेमाल होता है।

प्रतिक्रिया

सिंह ने कहा, यूपी पुलिस दबाव में कुछ भी करने को मजबूर

वहीं अपने खिलाफ हुए इस मुकदमे पर प्रतिक्रिया देते हुए सिंह ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, 'मुख्यमंत्री योगी को 'अजय सिंह बिष्ट' बोलने पर मेरे खिलाफ हुई FIR पर देश पर से मेरे पास फोन और मैसेज आदि आए। सब यह जान कर हैरान थे कि उत्तर प्रदेश पुलिस दबाव में कुछ भी करने पर मजबूर है। पर ऐसे मौके कार्यकर्ताओं को जोड़ने का काम करते हैं, आइए हम एकजुट होकर तानाशाह सरकार का अंत करें।'

ट्वीट

'उत्तर प्रदेश पुलिस ने सीरिया को भी कहीं पीछे छोड़ा'

अपने दूसरे ट्वीट में योगी आदित्यनाथ को टैग करते हुए सिंह ने लिखा है, 'असली नाम लेना अगर गुनाह है तो भेजिए पुलिस और गिरफ्तार करवा लीजिए मुझे। उत्तर प्रदेश पुलिस ने सीरिया को भी कहीं पीछे छोड़ दिया है अब।' बता दें कि सिंह लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में ही थे, लेकिन अनुशासनहीनता के लिए उन्हें छह साल के लिए पार्टी से बाहर निकाल दिया गया था जिसके बाद वो सपा में शामिल हो गए।

ट्विटर पोस्ट

सिंह का व्यंगपूर्ण ट्वीट