परिवार ने किया दावा- पुलिस एनकाउंटर में मारा गया विकास दुबे का सहयोगी नाबालिग था
उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी से पहले पुलिस द्वारा उसके सहयोग प्रभात मिश्रा को एनकाउंटर में मारे जाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। प्रभात मिश्रा के परिवार का दावा है कि वह नाबालिग था और घटना से 10 दिन पहले ही उसने 12वीं कक्षा की परीक्षा दी थी। परिवार ने दावा किया कि उनका बेटा आपराधिक गतिविधियों में शामिल नहीं था, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस पर उसे आरोपी बना दिया।
पुलिस से मुठभेड़ के बाद गैंगस्टर दुबे की तलाश में पुलिस ने किए कई एनकाउंटर
उत्तर प्रदेश में 60 से अधिक आपराधिक मामलों में नामजद हिस्ट्रीशीटर दुबे और उसके साथियों ने गत 2-3 जुलाई उसके गिरफ्तार करने के लिए कानपुर के बिकरू गांव गई पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी। इसमें एक DSP सहित आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी।इससे पहले कि दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार किया जाता, पुलिस ने उसके पांच सहयोगियों को एनकाउंटर में मार गिराया। इसके बाद गत सप्ताह पुलिस ने दुबे का भी एनकाउंटर कर दिया।
पुलिस ने किया प्रभात मिश्रा द्वारा अपराध में शामिल होने की बात स्वीकार करने का दावा
प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय के संबंध में उत्तर प्रदेश पुलिस का कहना है कि फरीदाबाद पुलिस ने उसे दुबे के दो अन्य सहयोगियों के साथ गिरफ्तार किया था। पुलिस ने कहा कि उन्हें दुबे गिरोह के लोगों के न्यू इंदिरा नगर में एक घर में छिपे होने की जानकारी मिली थी। वहां हुई फायरिंग के बाद मिश्रा को पकड़ लिया गया था। फरीदाबाद पुलिस का दावा है उसने बिकरू गांव की वारदात में शामिल होने की बात स्वीकार की थी।
कार्तिकेय की मां ने कही पुलिस के डर से लोगों के भागने की बात
हालांकि, कार्तिकेय के परिवार ने पुलिस के दावों का खंडन करते हुए कहा कि उसके आपराधिक संबंध नहीं थे। उसकी मां गीता मिश्रा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि 3 जुलाई को गोलियों की आवाज से उनकी नींद टूट गई। जब शोर थमा तो उसने देखा कि सभी लोग पुलिस से डरते हुए अपने घरों को छोड़ रहे हैं। उसने कार्तिकेय को कुछ दिनों के लिए छोड़ने के लिए कहा था। उस दौरान उसके पति घर पर नहीं थे।
उसके जाने बाद परिवार से नहीं किया कोई संपर्क
गीता ने आरोप लगाया कि पुलिस उनके घर में घुस गई और उसका सेलफोन छीन लिया। उन्होंने कहा, "मुझे कार्तिकेय का फोन नंबर याद नहीं था और इसलिए उसके जाने के बाद उससे संपर्क नहीं हो सका। उन्हें 9 जुलाई को अपने बेटे की गिरफ्तारी की जानकारी मिली, लेकिन वह दो अन्य को नहीं जानती थीं।" उन्होंने बताया कि कार्तिकेय की मौत के बारे में उन्हें मीडिया के जरिए पता चला था। उन्होंने इसके हत्या होने का दावा किया है।
आरोपियों ने उनकी छत का उपयोग किया, इसलिए पुलिस ने कार्तिकेय को मार दिया- गीता
गीता ने कहा, "मैंने किसी को भी अपने घर में घुसने नहीं दिया। मुझे लगता है कि पुलिस ने मेरे बेटे को मार दिया क्योंकि हमलावरों ने मेरी छत का इस्तेमाल किया और अब मुझे अपने पति की जान का डर है।"
परिवार ने कही कार्तिकेय को गलत तरीके से दोषी ठहराने की बात
कार्तिकेय की कक्षा 10 की मार्कशीट के अनुसार उनका जन्म 27 मई, 2004 को हुआ था। इसके हिसाब से वह अभी 16 साल का था। गीता ने कहा कि उसने 12वीं परीक्षा दी थीं। ऐसे में परिणाम आने के बाद उसकी मार्कशीट भी आनी बाकी थी। उन्होंने कहा, "वह वायु सेना में शामिल होना चाहता था। इतने अच्छे अंकों वाला बच्चा कभी भी आपराधिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकता। पुलिस उसे गलत तरीके से फंसा रही है।"
कार्तिकेय की बहन ने पूछा, "उसके भविष्य का फैसला करने वाली पुलिस कौन?"
कार्तिकेय की बहन हिमांशी को यकीन है कि उसका भाई निर्दोष था। उन्होंने दावा किया, "भले ही मेरे भाई ने अपराध किया हो, लेकिन उसके भविष्य का फैसला करने वाली पुलिस कौन?" इधर, पुलिस उसे 20 साल का बता रही है।