प्रदर्शनों के दौरान पुलिसकर्मी ने बदला भेष, केला बेचने वाला बनकर पकड़े हिंसा भड़का रहे लोग
क्या है खबर?
पिछले कई दिनों से देशभर में नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन जारी है। पुलिस के पास प्रदर्शनों को शांत कराने के कई तरीके होते हैं।
कई बार सादी वर्दी में पुलिसकर्मी भीड़ का हिस्सा बनकर उपद्रवी को पकड़ते हैं तो कई बार फल विक्रेता बनकर उपद्रवियों पर शिकंजा कसते हैं।
आगरा में एक पुलिसकर्मी ने केले बेचने वाले का भेष धारण कर प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़का रहे असामाजिक तत्वों की धरपकड़ की।
आइये, पूरा मामला जानते हैं।
जानकारी
पुलिस को मिली थी खुफिया सूचना
आगरा के मंटोला थाने के SHO जीतेंद्र कुमार ने बताया कि उन्हें खुफिया जानकारी मिली थी कि फिरोजाबाद में हिंसा करने वाले कुछ असामाजिक तत्व आगरा शहर में मौजूद हैं। इसलिए उन्होंने ये योजना बनाई।
योजना
केले वाला बनकर शहर में घूमा पुलिसकर्मी
SHO ने बताया कि आम लोगों से हिंसा भड़काने वाले तत्वों की जानकारी लेना मुश्किल काम है। इसलिए पुलिस ने खुफिया तरीके से उनका पता लगाने की योजना बनाई।
इसके लिए मंटोला थाने के सब-इंस्पेक्टर सुनील तोमर ने केले विक्रेता का भेष बनाया और केले की रेहड़ी शहर में निकल गए। इसके लिए उन्होंने अपनी मूछें भी कटवा दी।
उन्होंने आसपास के इलाकों में घूमकर कई आरोपियों को पकड़वाया। हालांकि, पुलिस ने आरोपियों के बारे में जानकारी नहीं दी।
प्रदर्शन
फिरोजाबाद में हुई थी हिंसक झड़प
फिरोजाबाद में बीते शुक्रवार को नमाज के बाद नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों में हिंसा भड़क गई थी।
यहां पर प्रदर्शन कर रही भीड़ ने छह वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। इनमें पुलिस के वाहन भी शामिल थे।
इसके बाद पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। इस झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
जानकारी के मुताबिक, कुछ असामाजिक तत्व हिंसा के बाद फिरोजाबाद से आगरा आ गये।
विरोध
जारी है नागरिकता संशोधन कानून का विरोध
शीतकालीन सत्र में संसद से नागरिकता संशोधन कानून को हरी झंड़ी मिली थी। इसके तहत 31 दिसंबर, 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम लोगों को आसानी से भारत की नागरिकता मिल सकेगी।
मुस्लिम लोगों को इस कानून के दायरे से बाहर रखा गया है। देशभर में इस कानून को धर्म के आधार पर भेदभाव करने वाला बताते हुए इसके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में इन प्रदर्शनों में 16 लोगों की मौत हुई है।