
लखनऊ: अस्पतालों ने दूसरी बीमारियों के मरीजों से भी कोरोना टेस्ट के पैसे लेने शुरू किए
क्या है खबर?
एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग कोरोना वायरस के फ्री टेस्ट और इलाज का दावा कर रहा है, वहीं लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट (SGPGI) और राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट (RMLI) ने ऐसे लोगों से कोरोना वायरस टेस्ट के लिए 1,500 रुपये लेने शुरू कर दिए हैं, जो दूसरी बीमारियों के इलाज के लिए अस्पताल आ रहे हैं।
इन लोगों से अनिवार्य कोरोना वायरस टेस्ट के नाम पर यह पैसे वसूले जा रहे हैं।
लखनऊ
ऑपरेशन के लिए आने वाले मरीजों से लिया जाएगा PPE किट का खर्च
दोनों अस्पतालों के अधिकारियों ने बताया कि इमरजेंसी, बुखार की शिकायत और कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों से यह फीस नहीं ली जा रही है।
साथ ही अगर कोई व्यक्ति संक्रमित पाया जाता है तो उसके टेस्ट और इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।
वहीं अगर कोई मरीज किसी दूसरी बीमारी के ऑपरेशन के लिए आता है तो उसे PPE किट, N95 मास्क, ग्लव्स और कोरोना वायरस से बचाव की दूसरी चीजों का खर्च भी देना होगा।
प्रतिक्रिया
क्या कहते हैं अस्पताल के अधिकारी?
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, SGPGI के निदेशक एसके धीमान ने कहा कि तीन-चार दिन पहले यह फीस लेनी शुरू की है। सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी के कारण एक व्यक्ति के लिए यह फीस 1,500 रुपये रखी गई है। वहीं निजी अस्पतालों में इस टेस्ट के लिए अधिकतम 4,500 रुपये लिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना के संदिग्ध मरीज को कोरोना वायरस टेस्ट के लिए कोई पैसा नहीं देना होगा।
बयान
"मरीजों के लिए कोरोना वायरस टेस्ट अनिवार्य"
धीमान ने आगे बताया कि अगर कोई मरीज सर्जरी या दिल से जुड़ी बीमारियों के लिए भर्ती होता है तो उनसे और उनके साथ आए लोगों से कोरोना वायरस टेस्ट के लिए पैसे लिए जाएंगे क्योंकि यह टेस्ट करना अनिवार्य है।
बयान
संक्रमितों की पहचान के लिए टेस्ट अनिवार्य- सिंह
वहीं RMLI के प्रवक्ता डॉक्टर श्रीकेश सिंह ने कहा कि अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए कोरोना वायरस टेस्ट अनिवार्य किया गया है ताकि संक्रमितों की पहचान की जा सके।
उन्होंने कहा, "सभी मरीजों का टेस्ट किया जा रहा है। ऐसे लोग, जिनमें महामारी के लक्षण नहीं है, उन्हें पैसे देने होंगे। पहले भी इसी तर्ज पर HIV और हैपेटाइटिस-सी के टेस्ट किए जाते थे। हालांकि, इमरजेंसी और बुखार के मरीजों से पैसे नहीं लिए जा रहे हैं।"
प्रतिक्रिया
सरकार ने बताया अस्पतालों का फैसला
इस बारे में जब स्वास्थ विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि यह अस्पतालों का फैसला है और राज्य सरकार अभी तक कोरोना के अलावा दूसरे मरीजों से टेस्टिंग के लिए पैसे नहीं ले रही है।
उन्होंने कहा, "सरकारी अस्पताल होने का मतलब यह नहीं है कि पैसे नहीं लिए जाएंगे। अभी तक RT-PCR टेस्ट के पैसे सरकार दे रही है। दो महीने बाद इसके लिए लोगों से इसके पैसे लिए जाएंगे।
कोरोना वायरस
उत्तर प्रदेश और देश में कितने मामले?
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस के 19,557 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 596 लोगों की मौत हुई है।
वहीं अगर पूरे देश की बात करें तो बीते 24 घंटों में मिले रिकॉर्ड16,922 नए मरीजों के साथ कुल संक्रमितों की संख्या 4,73,105 पहुंच गई है। इनमें से 1,86,514 सक्रिय मामले हैं, 2,71,697 लोग ठीक हुए हैं और 14,894 लोगों की इस खतरनाक वायरस से मौत हुई है।