ज्ञानवापी मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला, परिसर का ASI सर्वे कराने का आदेश दिया
ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ मंदिर मामले में वाराणसी जिला कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) सर्वे कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि विवादित हिस्से को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वे कराया जाए। सर्वे के दौरान परिसर में नमाज होती रहेगी। इसे मुस्लिम पक्ष के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि मुस्लिम पक्ष सर्वे का शुरू से ही विरोध कर रहा था।
कोर्ट ने क्या-क्या कहा?
कोर्ट ने वुजूखाने को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वे कराने का आदेश दिया है। बता दें कि वुजूखाने को पहले ही सील कर दिया गया है। कोर्ट ने ASI के निदेशक का कहा कि बिना किसी तरह के क्षति की परिसर का वैज्ञानिक सर्वे किया जाए। इस संबंध में 4 अगस्त तक एक टीम गठित करने का भी आदेश दिया गया है। मामले में अगली सुनवाई भी 4 अगस्त को ही होगी।
14 जुलाई को पूरी हुई थी सुनवाई
16 मई को श्रृंगार गौरी की पूजा के अधिकार की मांग कर रही 4 महिलाओं ने कोर्ट में याचिका दायर कर सर्वे कराने की मांग की थी। कोर्ट में महिलाओं का पक्ष वकील विष्णुशंकर जैन रख रहे थे। उन्होंने कहा था कि वुजूखाने को सील किया गया है, लेकिन उसके आसपास के क्षेत्र का सर्वे किया जा सकता है। इस मामले में कोर्ट ने 14 जुलाई को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
दोनों पक्षों ने क्या-क्या दलीलें दीं?
सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने कहा कि परिसर के सर्वे के दौरान उत्खनन आदि से ढांचे को नुकसान पहुंच सकता है, इसलिए सर्वे की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। हिंदू पक्ष की ओर से वकीलों ने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों समेत कई दूसरे मामलों को सामने रखा था। वकीलों ने कहा था कि ज्ञानवापी परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराना अपरिहार्य है, इससे हिन्दूओं में तनावपूर्ण माहौल व्याप्त है।
क्या है सुनवाई से जुड़ा पूरा मामला?
बता दें कि ये फैसला 5 महिलाओं की याचिका पर आया है। अगस्त 2021 में इन महिलाओं ने श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजन और दर्शन की मांग को लेकर कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर कराए गए ज्ञानवापी मस्जिद के वीडियो सर्वे में वुजूखाने में शिवलिंग जैसी संरचना मिली थी। हिंदू पक्ष ने इसे शिवलिंग बताया था, जबकि मुस्लिम पक्ष ने फव्वारा। हालांकि, बाद में इस क्षेत्र को सील कर दिया गया था।
क्या है ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद?
दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित विवाद सदियों पुराना है। हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद को मुगल बादशाह औरंगजेब के निर्देश पर बनाया गया था और इसके लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के एक हिस्से को तोड़ा गया था। उनका कहना है कि मस्जिद मंदिर की जमीन पर बनी हुई है। दूसरी तरफ मस्जिद समिति का कहना है कि मंदिर का मस्जिद से कोई संबंध नहीं है और ये अलग जमीन पर बनी हुई है।